11 महीने बाद कोर्ट में पेश हुए कवासी लखमा: बोले – जेल में नहीं मिल रहा इलाज, भगवान ही रक्षा करें

शराब घोटाले में गिरफ्तार पूर्व मंत्री कवासी लखमा की कोर्ट में पेशी, स्वास्थ्य समस्याओं और न्यायिक प्रक्रिया में देरी को लेकर जताई पीड़ा, मीडिया के सामने छलका दर्द।





रायपुर, 17 दिसंबर 2025 — छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले में गिरफ्तार पूर्व आबकारी मंत्री और कोंटा विधायक कवासी लखमा को करीब 11 महीने बाद पहली बार कोर्ट में पेश किया गया। कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच रायपुर की विशेष अदालत में लाए गए लखमा ने मीडिया के सामने जेल में हो रही स्वास्थ्य उपेक्षा और न्यायिक प्रक्रिया में देरी को लेकर अपना दर्द साझा किया।

कोर्ट में पेशी के दौरान छलका दर्द
लखमा ने मीडिया से बातचीत में कहा कि जनवरी 2025 में गिरफ्तारी के बाद उन्हें पहली बार कोर्ट लाया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि बार-बार आग्रह के बावजूद उन्हें पेशी में नहीं लाया गया और स्वास्थ्य जांच के लिए बाहर जाने की अनुमति भी नहीं दी गई। उन्होंने कहा कि जेल में उन्हें उचित इलाज नहीं मिल रहा है और उनकी दिल, शुगर, बीपी, घुटनों और हड्डियों से जुड़ी गंभीर समस्याएं हैं।

कवासी लखमा बोले – भगवान ही रक्षा करें
पूर्व मंत्री ने कहा कि जेल में उन्हें मानवाधिकारों के अनुरूप चिकित्सा सुविधा नहीं दी जा रही है। उन्होंने कहा कि अब भगवान ही उनकी रक्षा कर सकते हैं। लखमा की आंखों में जेल से बाहर निकलने की छटपटाहट साफ झलक रही थी। उन्होंने यह भी कहा कि कई बार आवेदन देने के बावजूद उन्हें पेशी का अवसर नहीं मिला

शराब घोटाले में लखमा की गिरफ्तारी और जांच की पृष्ठभूमि
कवासी लखमा को छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा गिरफ्तार किया गया था। उन पर आरोप है कि उन्होंने शराब कारोबार में अवैध लेन-देन और घोटाले में संलिप्तता निभाई। इस मामले में कई अन्य अधिकारी और कारोबारी भी आरोपी हैं। हाईकोर्ट ने उनकी जमानत याचिका पहले ही खारिज कर दी थी, यह कहते हुए कि उनकी रिहाई से जांच प्रभावित हो सकती है

राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप तेज
लखमा की पेशी के बाद कांग्रेस नेताओं ने इसे राजनीतिक प्रतिशोध करार दिया है। वहीं, भाजपा नेताओं का कहना है कि कानून अपना काम कर रहा है और किसी के साथ पक्षपात नहीं किया जा रहा। यह मामला अब राजनीतिक बहस का केंद्र बनता जा रहा है।

निष्कर्ष
पूर्व मंत्री कवासी लखमा की कोर्ट में पेशी ने शराब घोटाले की जांच प्रक्रिया, जेल में स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थिति और न्यायिक पारदर्शिता को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। आने वाले दिनों में यह मामला राजनीतिक और कानूनी दोनों मोर्चों पर और अधिक गरमाने की संभावना है।

Richa Sahay

ऋचा सहाय — पत्रकारिता और न्याय जगत की एक सशक्त आवाज़, जिनका अनुभव दोनों क्षेत्रों में अद्वितीय है। वर्तमान में The 4th Pillar की वरिष्ठ समाचार संपादक के रूप में कार्यरत ऋचा सहाय दशकों से राजनीति, समाज, खेल, व्यापार और क्राइम जैसी विविध विषयों पर बेबाक, तथ्यपूर्ण और संवेदनशील लेखन के लिए जानी जाती हैं। उनकी लेखनी की सबसे खास बात है – जटिल मुद्दों को सरल, सुबोध भाषा में इस तरह प्रस्तुत करना कि पाठक हर पहलू को सहजता से समझ सकें।पत्रकारिता के साथ-साथ ऋचा सहाय एक प्रतिष्ठित वकील भी हैं। LLB और MA Political Science की डिग्री के साथ, उन्होंने क्राइम मामलों में गहरी न्यायिक समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण स्थापित किया है। उनके अनुभव की गहराई न केवल अदालतों की बहसों में दिखाई देती है, बल्कि पत्रकारिता में उनके दृष्टिकोण को भी प्रभावशाली बनाती है।दोनों क्षेत्रों में वर्षों की तपस्या और सेवा ने ऋचा सहाय को एक ऐसा व्यक्तित्व बना दिया है जो ज्ञान, निडरता और संवेदनशीलता का प्रेरक संगम है।

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