विधानसभा में गूंजा सरकारी जमीनों पर कब्जे का मुद्दा,विधायक सुशांत शुक्ला ने सरकारी भूमि पर अतिक्रमण को लेकर उठाए सवाल

रायपुर । छत्तीसगढ़ विधानसभा का शीतकालीन सत्र आज से शुरू हो गया है। पहले दिन बैठक की शुरूआत में सदन में राजगीत अरपा पैरी के धार गाया गया। इसके बाद विधानसभा के पूर्व दिवंगत सदस्यों को श्रद्धाजंलि दी गई। उनके सम्मान में कुछ देर कार्यवाही स्थगित रहने के बाद फिर से कार्यवाही शुरू हुई है। प्रश्नकाल के दौरान सदन में कई तरह के मुद्दे गूंजे।
भाजपा विधायक सुशांत शुक्ला ने बिलासपुर में अवैध कब्जे का मामला उठाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार के समय अफसरों से मिलीभगत कर 13 हजार से अधिक कब्जे हुए हैं। उन्होंने सरकार से इसकी जांच की मांग की। विधायक शुशांत ने कहा कि पिछले 5 साल में जो भूमि पुराण लिखा गया है, उसके चक्कर में कई परिवारों को गरुड़ पुराण सुनना पड़ गया।
राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने विधायक सुशांत के सवाल के जवाब में कहा कि 2021 से 25 नवंबर 2024 तक जिले में 563 शिकायत मिली है। 256 मामले में सरकारी जमीन को अवैध कब्जे से मुक्त कराया गया।
मंत्री के जवाबों से असंतुष्ट विधायक ने कहा कि उड़ता पंजाब की तरह उड़ता जमीन का मामला दिख रहा है। मंत्री का जवाब गलत है। पूर्व सरकार में सरकारी जमीन को बंदरबांट हुई, कितने अधिकारी पर करवाई हुई है। मंत्री ने कहा कि कलेक्टर की कमेटी बनाएंगे, जांच कराएंगे।
विधायक प्रमोद मिंज ने वन मंत्री को घेरते हुए सरगुजा में वन विभाग की NOC नहीं मिलने के चलते सड़क निर्माण में देरी पर ध्यान खींचा, उन्होंने कहा कि NOC नियम के कारण सड़क नहीं बन पा रही है।