पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी जयंती समारोह: हिंदी साहित्य की समालोचना पर सारगर्भित चर्चा

रायपुर । यह आयोजन हिंदी साहित्य के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ। साहित्य अकादमी द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी जी के साहित्यिक योगदान को व्यापक रूप से सराहा गया। इस सम्मेलन में छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों से आए साहित्यकारों ने हिंदी साहित्य के विकास और संरक्षण को लेकर गहन चर्चा की।

मुख्य वक्ता प्रो. चंद्रशेखर ने बख्शी जी को देश के पहले समालोचक के रूप में मान्यता दी और उनके तुलनात्मक साहित्य अध्ययन को रेखांकित किया। इस दौरान साहित्य अकादमी अध्यक्ष शशांक शर्मा ने साहित्य को समाज के हर वर्ग तक पहुँचाने की प्रतिबद्धता व्यक्त की।

कार्यक्रम में साहित्यिक कार्यशालाएँ, परिचर्चाएँ और नवोदित लेखकों को प्रोत्साहित करने की योजनाओं पर विशेष बल दिया गया। इसके अलावा, डिजिटल प्लेटफॉर्म विकसित करने, ग्रामीण साहित्य उत्सवों का आयोजन करने और शोध केंद्र स्थापित करने जैसी कई नवाचारपूर्ण योजनाओं पर चर्चा हुई।

इस आयोजन से प्राप्त विचारों को लागू करने के प्रयासों के साथ छत्तीसगढ़ में साहित्यिक गतिविधियों को और अधिक सशक्त बनाने की दिशा में कदम बढ़ाए जा रहे हैं। यह सम्मेलन साहित्य जगत में नए आयाम स्थापित करने और हिंदी साहित्य की समृद्ध धरोहर को संरक्षित रखने के लिए एक प्रेरणादायक पहल साबित हुआ।

Richa Sahay

ऋचा सहाय — पत्रकारिता और न्याय जगत की एक सशक्त आवाज़, जिनका अनुभव दोनों क्षेत्रों में अद्वितीय है। वर्तमान में The 4th Pillar की वरिष्ठ समाचार संपादक के रूप में कार्यरत ऋचा सहाय दशकों से राजनीति, समाज, खेल, व्यापार और क्राइम जैसी विविध विषयों पर बेबाक, तथ्यपूर्ण और संवेदनशील लेखन के लिए जानी जाती हैं। उनकी लेखनी की सबसे खास बात है – जटिल मुद्दों को सरल, सुबोध भाषा में इस तरह प्रस्तुत करना कि पाठक हर पहलू को सहजता से समझ सकें।पत्रकारिता के साथ-साथ ऋचा सहाय एक प्रतिष्ठित वकील भी हैं। LLB और MA Political Science की डिग्री के साथ, उन्होंने क्राइम मामलों में गहरी न्यायिक समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण स्थापित किया है। उनके अनुभव की गहराई न केवल अदालतों की बहसों में दिखाई देती है, बल्कि पत्रकारिता में उनके दृष्टिकोण को भी प्रभावशाली बनाती है।दोनों क्षेत्रों में वर्षों की तपस्या और सेवा ने ऋचा सहाय को एक ऐसा व्यक्तित्व बना दिया है जो ज्ञान, निडरता और संवेदनशीलता का प्रेरक संगम है।

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