टीचर पति के स्कूल के सामने मां बेटी ने की आत्महत्या, पेड़ से लटका मिला शव

छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर जिले में सनसनीखेज वारदात सामने आई है। एक मां और बेटी ने पेड़ में फांसी का फंदा लगाकर जान दे दी। शिक्षक पति से विवाद के बाद महिला ने बेटी के साथ फंदा लगाकर आत्महत्या की है। पुलिस अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी।

7 साल की बेटी के साथ मां ने की आत्महत्या

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मृतकों की पहचान 35 वर्षीय मीना गुप्ता और उनकी 7 साल की बेटी आस्था गुप्ता के रूप में हुई है। उन्होंने बताया कि पुलिस को शुक्रवार को कुन्नी हाई स्कूल के सामने एक पेड़ पर फंदे से महिला और बच्ची का शव लटका होने की जानकारी मिली। इसके बाद पुलिस की टीम घटनास्थल के लिए रवाना हुई।

लंबे समय से दोनों के बीच चल रहा विवाद

पुलिस अधिकारियों ने कहा कि शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। उन्होंने बताया कि मीना का पति संजय कुन्नी गांव के हाई स्कूल में शिक्षक के पद पर कार्यरत हैं। दोनों के बीच लंबे समय से विवाद था।

स्कूल बंद किए जाने के बाद बाहर ही थे मां-बेटी

पुलिस ने कहा कि गुरुवार को मीना अपनी बेटी के साथ स्कूल पहुंची, तब वहां पति से फिर विवाद हो गया। इसके बाद मां-बेटी स्कूल के बाहर बैठे रहे और शाम को स्कूल बंद किए जाने तक भी दोनों स्कूल के बाहर थे।

पुलिस ने शुरू की मामले की जांच

पुलिस ने कहा कि शुक्रवार सुबह लोगों ने स्कूल के सामने एक पेड़ पर दोनों का शव लटका देखा। पुलिस को आशंका है कि रात में मीना ने बेटी के साथ फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। उन्होंने कहा कि पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। इस मामले की जांच की जा रही है।

Richa Sahay

ऋचा सहाय — पत्रकारिता और न्याय जगत की एक सशक्त आवाज़, जिनका अनुभव दोनों क्षेत्रों में अद्वितीय है। वर्तमान में The 4th Pillar की वरिष्ठ समाचार संपादक के रूप में कार्यरत ऋचा सहाय दशकों से राजनीति, समाज, खेल, व्यापार और क्राइम जैसी विविध विषयों पर बेबाक, तथ्यपूर्ण और संवेदनशील लेखन के लिए जानी जाती हैं। उनकी लेखनी की सबसे खास बात है – जटिल मुद्दों को सरल, सुबोध भाषा में इस तरह प्रस्तुत करना कि पाठक हर पहलू को सहजता से समझ सकें।पत्रकारिता के साथ-साथ ऋचा सहाय एक प्रतिष्ठित वकील भी हैं। LLB और MA Political Science की डिग्री के साथ, उन्होंने क्राइम मामलों में गहरी न्यायिक समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण स्थापित किया है। उनके अनुभव की गहराई न केवल अदालतों की बहसों में दिखाई देती है, बल्कि पत्रकारिता में उनके दृष्टिकोण को भी प्रभावशाली बनाती है।दोनों क्षेत्रों में वर्षों की तपस्या और सेवा ने ऋचा सहाय को एक ऐसा व्यक्तित्व बना दिया है जो ज्ञान, निडरता और संवेदनशीलता का प्रेरक संगम है।

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