अंबेडकर जयंती पर अब देशभर में रहेगी छुट्टी, केंद्र सरकार का ऐलान

केंद्र सरकार ने डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती (14 अप्रैल) को राष्ट्रीय अवकाश का ऐलान किया। सरकार ने उनके समाज और संविधान में योगदान के सम्मान में सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है। इस फैसले से देशभर में बाबासाहेब के प्रति सम्मान और उनकी विरासत को याद करने का मौका मिलेगा।

गजेंद्र सिंह शेखावत ने एक्स पर दी जानकारी

केंद्रीय संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर इसकी घोषणा करते हुए कहा, “संविधान के शिल्पकार, समाज में समानता की नई शुरुआत करने वाले हमारे पूज्य बाबासाहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर जी की जयंती पर अब सार्वजनिक अवकाश होगा।” उन्होंने आगे कहा, “बाबासाहेब के प्रति समर्पित माननीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी ने इस निर्णय से देश की भावनाओं का सम्मान किया है।”

कौन थे डॉ. भीमराव अंबेडकर?

डॉ. भीमराव रामजी अंबेडकर, जिन्हें बाबासाहेब के नाम से जाना जाता है, का जन्म 14 अप्रैल, 1891 को मध्य प्रदेश के महू में हुआ था। वे आधुनिक भारत के निर्माण में अहम भूमिका निभाने वाले शख्सियत थे और दलित आंदोलन के प्रमुख नेता के रूप में पहचाने जाते हैं। सामाजिक न्याय और समानता के प्रबल समर्थक रहे अंबेडकर ने हाशिए पर पड़े वर्गों के अधिकारों के लिए संघर्ष किया।

संविधान निर्माता और समाज सुधारक

अर्थशास्त्री, शिक्षाविद् और भारतीय संविधान के मुख्य निर्माता के रूप में अंबेडकर ने देश पर अमिट छाप छोड़ी। वे पिछड़े वर्ग से आने वाले पहले वकील थे और बाद में भारत के पहले कानून व न्याय मंत्री बने। नौ भाषाओं में पारंगत अंबेडकर पहले भारतीय थे जिन्होंने डॉक्टरेट की उपाधि हासिल की। 6 दिसंबर, 1956 को उनके निधन के बाद उन्हें मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया गया।उनकी पुण्यतिथि को महापरिनिर्वाण दिवस के रूप में मनाया जाता है।

Richa Sahay

ऋचा सहाय — पत्रकारिता और न्याय जगत की एक सशक्त आवाज़, जिनका अनुभव दोनों क्षेत्रों में अद्वितीय है। वर्तमान में The 4th Pillar की वरिष्ठ समाचार संपादक के रूप में कार्यरत ऋचा सहाय दशकों से राजनीति, समाज, खेल, व्यापार और क्राइम जैसी विविध विषयों पर बेबाक, तथ्यपूर्ण और संवेदनशील लेखन के लिए जानी जाती हैं। उनकी लेखनी की सबसे खास बात है – जटिल मुद्दों को सरल, सुबोध भाषा में इस तरह प्रस्तुत करना कि पाठक हर पहलू को सहजता से समझ सकें।पत्रकारिता के साथ-साथ ऋचा सहाय एक प्रतिष्ठित वकील भी हैं। LLB और MA Political Science की डिग्री के साथ, उन्होंने क्राइम मामलों में गहरी न्यायिक समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण स्थापित किया है। उनके अनुभव की गहराई न केवल अदालतों की बहसों में दिखाई देती है, बल्कि पत्रकारिता में उनके दृष्टिकोण को भी प्रभावशाली बनाती है।दोनों क्षेत्रों में वर्षों की तपस्या और सेवा ने ऋचा सहाय को एक ऐसा व्यक्तित्व बना दिया है जो ज्ञान, निडरता और संवेदनशीलता का प्रेरक संगम है।

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