छत्तीसगढ़ में आगामी नगरीय निकाय चुनाव को लेकर बीजेपी ने अपना घोषणापत्र जारी कर दिया है। जिसका नाम ‘अटल विश्वास पत्र’ रखा है।
प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की उपस्थिति में BJP कार्यालय में यह घोषणा पत्र जारी किया गया। बीजेपी का यह घोषणा पत्र राज्य के नागरिकों के लिए विभिन्न विकास योजनाओं और वादों को लेकर तैयार किया गया है। लेकिन इसकी घोषणा के बाद से विपक्षी दलों की ओर से इस पर तीखी प्रतिक्रिया आ रही है।
टीएस सिंह देव ने उठाए ये सवाल
बीजेपी द्वारा जारी ‘अटल विश्वास पत्र’ पर पूर्व डिप्टी सीएम और कांग्रेस नेता टीएस सिंह देव ने तल्ख टिप्पणी की। उन्होंने घोषणा पत्र के नाम पर सवाल उठाते हुए कहा कि आखिर बीजेपी को यह नाम बदलने की जरूरत क्यों पड़ी? देव ने सवाल किया कि अब अटल जी के नाम का सहारा क्यों लिया जा रहा है? बीजेपी ने पहले कई घोषणापत्र जारी किए। लेकिन, अब वह अटल बिहारी वाजपेयी के नाम का इस्तेमाल कर रहे ही। सिंह देव ने कहा कि यह बीजेपी की राजनीतिक मजबूरी को दर्शाता है।
इसके अलावा, चुनाव में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के इस्तेमाल पर उन्होंने गहरी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि वह ईवीएम के इस्तेमाल के पक्ष में नहीं हैं और इसे लेकर संदेह जताया। उन्होंने कहा कि विश्व के कई विकसित देशों ने ईवीएम का इस्तेमाल बंद कर दिया है। जबकि भारत में लगातार इसका उपयोग हो रहा है।
उन्होंने आगे कहा कि मतदान प्रक्रिया में अगर कोई शंका होती है, तो वह चुनाव की निष्पक्षता पर सवाल खड़ा कर सकती है।हरियाणा चुनाव के दौरान मैंने सुना है कि कुछ मशीनों की बैटरी 99 प्रतिशत दिखा रही थी, जबकि कुछ की बैटरी केवल 60-70 प्रतिशत दिखा रही थी। यह संदेह पैदा करता है कि वोटिंग के बाद भी इन मशीनों की बैटरी 99 प्रतिशत कैसे हो सकती है। ईवीएम को लेकर इस प्रकार का संदेह लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है। उन्होंने बैलेट पेपर को ज्यादा विश्वसनीय और बेहतर विकल्प बताया।
जल्द आएगा कांग्रेस का घोषणा पत्र
टीएस सिंह देव ने आगे कहा कि कांग्रेस भी जल्द ही अपना घोषणा पत्र जारी करेगी। जिसमें पार्टी के विचार और योजनाओं का स्पष्ट उल्लेख होगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अपने घोषणापत्र में झूठे वादे नहीं, बल्कि वास्तविक विकास की बात करेगी।