आयुक्त डॉ. सारांश मित्तर का कड़ा रुख: छात्रवृत्ति स्वीकृति और निर्माण कार्य समय पर पूरा करें

वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक लेकर सहायक आयुक्तों को दिए निर्देश

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रायपुर । आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग के आयुक्त, डॉ. सारांश मित्तर ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिलों में पदस्थ सहायक आयुक्तों की बैठक लेकर विभाग के कामकाज की विस्तृत समीक्षा की। उन्होंने स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि शैक्षणिक सत्र 2025-26 में वर्गवार छात्रवृत्ति स्वीकृति की प्रक्रिया निर्धारित समय-सीमा में पूर्ण कर ली जाए, ताकि किसी भी छात्र को शिक्षा प्राप्त करने में आर्थिक बाधा का सामना न करना पड़े।

प्रमुख योजनाओं की प्रगति पर सघन समीक्षा

​आयुक्त डॉ. मित्तर ने पीएम जनमन योजना के तहत स्वीकृत बहुउद्देशीय केंद्रों के निर्माण की स्थिति और व्यय की विस्तार से समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिया कि सभी पूर्ण कार्यों की जानकारी वास्तविक फोटोग्राफ के साथ तत्काल उपलब्ध कराई जाए और सभी अपूर्ण कार्यों को निर्धारित समय-सीमा में हर हाल में पूरा किया जाए। इसी क्रम में, आदि आदर्श ग्राम योजना (बस्तर संभाग के 07 जिले) और प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के अपूर्ण कार्यों की प्रगति की भी समीक्षा की गई, और उन्हें शीघ्र पूर्ण कर राशि का नियमानुसार उपयोग सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए।

नवीन निर्माण के लिए भूमि चयन में सख्ती

​डॉ. मित्तर ने भविष्य के नवीन छात्रावास-आश्रम, प्रयास या एकलव्य विद्यालयों के स्थल चयन को लेकर विशेष सावधानी बरतने को कहा। उन्होंने निर्देश दिया कि स्थल चयन से पूर्व यह सुनिश्चित कर लिया जाए कि भूमि वन भूमि अथवा छोटे-बड़े झाड़ के जंगल अंतर्गत न आती हो, और न ही उस पर किसी प्रकार का कोई अतिक्रमण हो, ताकि भविष्य में किसी भी प्रकार के विवाद की स्थिति उत्पन्न न हो।

अनुरक्षण मद का तत्काल उपयोग सुनिश्चित करें

​आयुक्त ने वित्तीय प्रबंधन पर जोर देते हुए कहा कि इस वित्तीय वर्ष की समाप्ति से पहले अनुरक्षण मद (Maintenance Fund) की राशि के उपयोग के लिए तत्काल एक ठोस कार्ययोजना बनाकर मुख्यालय को अवगत कराएं और राशि का प्रासंगिक उपयोग समय-सीमा में सुनिश्चित करें। उन्होंने यह भी कहा कि नवीन वित्तीय वर्ष से इस मद के उपयोग हेतु प्रारंभ से ही कार्ययोजना बनाई जाए, ताकि वित्तीय वर्ष की समाप्ति तक राशि का समुचित उपयोग संभव हो सके।

समीक्षा के अन्य महत्वपूर्ण बिंदु

​बैठक में वित्तीय वर्ष 2025-26 में प्राप्त बजट के विरूद्ध व्यय की स्थिति, छात्रावास-आश्रमों में स्वीकृत सीट के विरूद्ध प्रवेश की स्थिति, पीवीटीजी योजना (2022-23) के अपूर्ण कार्यों की प्रगति, एफआरए (वन अधिकार अधिनियम) सेल के गठन की स्थिति, तथा संविधान के अनुच्छेद 275(1) के तहत स्वीकृत कार्यों (2022-23 से 2024-25) की प्रगति की भी सघन समीक्षा की गई। इसके अतिरिक्त, आगामी विधानसभा सत्र की तैयारियों और छात्रावास-आश्रमों में सीटों के समायोजन के संबंध में भी आवश्यक निर्देश दिए गए।

​इस महत्वपूर्ण बैठक में अपर संचालक संजय गौड़, जितेन्द्र गुप्ता, आर.एस.भोई, उपायुक्त प्रज्ञान सेठ, एल.आर.कुर्रे एवं मेनका चन्द्राकर उपस्थित रहे।

Richa Sahay

ऋचा सहाय — पत्रकारिता और न्याय जगत की एक सशक्त आवाज़, जिनका अनुभव दोनों क्षेत्रों में अद्वितीय है। वर्तमान में The 4th Pillar की वरिष्ठ समाचार संपादक के रूप में कार्यरत ऋचा सहाय दशकों से राजनीति, समाज, खेल, व्यापार और क्राइम जैसी विविध विषयों पर बेबाक, तथ्यपूर्ण और संवेदनशील लेखन के लिए जानी जाती हैं। उनकी लेखनी की सबसे खास बात है – जटिल मुद्दों को सरल, सुबोध भाषा में इस तरह प्रस्तुत करना कि पाठक हर पहलू को सहजता से समझ सकें।पत्रकारिता के साथ-साथ ऋचा सहाय एक प्रतिष्ठित वकील भी हैं। LLB और MA Political Science की डिग्री के साथ, उन्होंने क्राइम मामलों में गहरी न्यायिक समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण स्थापित किया है। उनके अनुभव की गहराई न केवल अदालतों की बहसों में दिखाई देती है, बल्कि पत्रकारिता में उनके दृष्टिकोण को भी प्रभावशाली बनाती है।दोनों क्षेत्रों में वर्षों की तपस्या और सेवा ने ऋचा सहाय को एक ऐसा व्यक्तित्व बना दिया है जो ज्ञान, निडरता और संवेदनशीलता का प्रेरक संगम है।

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