साय मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलें तेज़, राज्यपाल डेका बोले-“कुछ तो होने वाला है”

राज्यपाल की रहस्यमयी टिप्पणी से मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलें तेज़, जनता और नेताओं में बढ़ी उत्सुकता



भगवान जगन्नाथ के दर्शन के बाद राज्यपाल डेका बोले-“कुछ तो होने वाला है”, सियासी गलियारों में हलचल तेज़

रायपुर । छत्तीसगढ़ की राजनीति में इन दिनों मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर चर्चाएं तेज़ हो गई हैं। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में संभावित कैबिनेट विस्तार की अटकलों को उस समय और बल मिला जब राज्यपाल रमेन डेका ने एक सार्वजनिक कार्यक्रम में रहस्यमय टिप्पणी की।

राज्यपाल डेका ने आज सुबह राजधानी स्थित जगन्नाथ मंदिर में भगवान के दर्शन के बाद पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में कहा कि “कुछ तो होने वाला है।” हालांकि उन्होंने मंत्रिमंडल विस्तार की किसी आधिकारिक जानकारी से इनकार किया, लेकिन उनके इस बयान ने सियासी गलियारों में हलचल बढ़ा दी है।

राज्य में भाजपा सरकार के गठन के बाद से ही मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा समय-समय पर होती रही है। वर्तमान में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में सीमित संख्या में मंत्री कार्यरत हैं, और संगठनात्मक संतुलन व क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व को लेकर पार्टी के भीतर मांगें उठती रही हैं।

राज्यपाल के बयान को राजनीतिक संकेत के रूप में देखा जा रहा है, जिससे यह अनुमान लगाया जा रहा है कि आने वाले दिनों में मुख्यमंत्री साय अपने मंत्रिमंडल का विस्तार कर सकते हैं। सूत्रों के अनुसार, पार्टी नेतृत्व इस विषय पर गंभीरता से विचार कर रहा है और जल्द ही निर्णय की संभावना जताई जा रही है।

Richa Sahay

ऋचा सहाय — पत्रकारिता और न्याय जगत की एक सशक्त आवाज़, जिनका अनुभव दोनों क्षेत्रों में अद्वितीय है। वर्तमान में The 4th Pillar की वरिष्ठ समाचार संपादक के रूप में कार्यरत ऋचा सहाय दशकों से राजनीति, समाज, खेल, व्यापार और क्राइम जैसी विविध विषयों पर बेबाक, तथ्यपूर्ण और संवेदनशील लेखन के लिए जानी जाती हैं। उनकी लेखनी की सबसे खास बात है – जटिल मुद्दों को सरल, सुबोध भाषा में इस तरह प्रस्तुत करना कि पाठक हर पहलू को सहजता से समझ सकें।पत्रकारिता के साथ-साथ ऋचा सहाय एक प्रतिष्ठित वकील भी हैं। LLB और MA Political Science की डिग्री के साथ, उन्होंने क्राइम मामलों में गहरी न्यायिक समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण स्थापित किया है। उनके अनुभव की गहराई न केवल अदालतों की बहसों में दिखाई देती है, बल्कि पत्रकारिता में उनके दृष्टिकोण को भी प्रभावशाली बनाती है।दोनों क्षेत्रों में वर्षों की तपस्या और सेवा ने ऋचा सहाय को एक ऐसा व्यक्तित्व बना दिया है जो ज्ञान, निडरता और संवेदनशीलता का प्रेरक संगम है।

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