शराब की बोतलें, टूटी मूर्तियां और सरकार की खामोशी—बहुत कुछ कहती है ये तस्वीरें : सुरेंद्र वर्मा

रायपुर । बस्तर में शहीद महेन्द्र कर्मा की मूर्ति के साथ की गयी अभद्रता की कड़ी निंदा करते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि शहीदों का अपमान भाजपा की पहचान बन चुकी है। भारतीय जनता पार्टी की सरकार शहीद और शहादत के प्रति असम्मान की भावना के साथ काम कर रही है, जिन नेताओं ने छत्तीसगढ़ महतारी की सेवा में अपने प्राण तक कुर्बान कर दिए, उनके मेमोरियल का यह हाल है कि वहां पर शराबखोरी हो रही है, अमर शहीदों के मूर्तियों पर शराब की बोतले फोड़ी जा रही है।

2013 में रमन सिंह की सरकार थी, जिसने कांग्रेस के नेताओं की सुरक्षा में कटौती की जिसके परिणाम स्वरूप झीरम जैसा राजनैतिक नरसंहार हुआ, अब फिर से भारतीय जनता पार्टी की सरकार है और इस सरकार के दुर्भावना के चलते शहीदों के स्मारक में शहीदों की प्रतिमाओं का अपमान हो रहा है। ज़रा भी नैतिकता बाकी है तो गृह मंत्री को तत्काल इस्तीफा दे देना चाहिए या ऐसे निकम्मे गृह मंत्री को तत्काल बर्खास्त करे सरकार।

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि जिस बस्तर टाइगर शहीद स्व. श्री महेंद्र कर्मा जी ने नक्सलियों से ऐसा लोहा लिया कि नक्सली उनसे खौफ खाते थे, उनकी प्रतिमाओं के साथ में ऐसा दुर्व्यवहार केवल भाजपा की सरकार में ही संभव है। पूर्ववर्ती कांग्रेस की सरकार ने शहीदों के सम्मान में जगदलपुर में झीरम घाटी शहीद स्मारक बनवाया, इस सरकार की उपेक्षा से यह शहीद स्मारक शराबियों का अड्डा बना दिया गया है।

शहीदों की मूर्तियां खंडित की जा रही है, कई नेम प्लेट उखाड़ दिए गए हैं, पूरे प्रदेश के लिए शर्मनाक है कि इस मेमोरियल से महज सौ मीटर की दूरी पर पुलिस थाना और आईजी कार्यालय है तब यह हाल है। सरकार की अर्कमण्यता के चलते पूरे प्रदेश में कानून व्यवस्था बदहाल है। भाजपा की सरकार न शहीदों का सम्मान करती है ना शहादत का। झीरम की सच को अब तक छुपाया जा रहा है, पीड़ित और प्रभावितों के बयान तक दर्ज नहीं किये, जांच की दिशा को जानबूझकर भटकाया जा रहा है, अब शहीदों के स्मारक पर भी बुरी नजर है।

Richa Sahay

ऋचा सहाय — पत्रकारिता और न्याय जगत की एक सशक्त आवाज़, जिनका अनुभव दोनों क्षेत्रों में अद्वितीय है। वर्तमान में The 4th Pillar की वरिष्ठ समाचार संपादक के रूप में कार्यरत ऋचा सहाय दशकों से राजनीति, समाज, खेल, व्यापार और क्राइम जैसी विविध विषयों पर बेबाक, तथ्यपूर्ण और संवेदनशील लेखन के लिए जानी जाती हैं। उनकी लेखनी की सबसे खास बात है – जटिल मुद्दों को सरल, सुबोध भाषा में इस तरह प्रस्तुत करना कि पाठक हर पहलू को सहजता से समझ सकें।पत्रकारिता के साथ-साथ ऋचा सहाय एक प्रतिष्ठित वकील भी हैं। LLB और MA Political Science की डिग्री के साथ, उन्होंने क्राइम मामलों में गहरी न्यायिक समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण स्थापित किया है। उनके अनुभव की गहराई न केवल अदालतों की बहसों में दिखाई देती है, बल्कि पत्रकारिता में उनके दृष्टिकोण को भी प्रभावशाली बनाती है।दोनों क्षेत्रों में वर्षों की तपस्या और सेवा ने ऋचा सहाय को एक ऐसा व्यक्तित्व बना दिया है जो ज्ञान, निडरता और संवेदनशीलता का प्रेरक संगम है।

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