जनजातीय शौर्यगाथा को समर्पित संग्रहालय तैयार, केंद्रीय मंत्री ओराम ने लिया जायजा
50 करोड़ की लागत से बना संग्रहालय 16 गैलरियों में जनजातीय विद्रोहों की गाथा को करेगा जीवंत

 
रायपुर । नवा रायपुर, अटल नगर में निर्माणाधीन शहीद वीर नारायण सिंह जनजातीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्मारक सह-संग्रहालय के लोकार्पण की तैयारियों का आज केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री जोएल ओराम ने स्थल पर पहुंचकर गहन निरीक्षण किया। यह भव्य संग्रहालय छत्तीसगढ़ की रजत जयंती वर्ष के अवसर पर 1 नवम्बर को राज्योत्सव के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करकमलों से राष्ट्र को समर्पित किया जाएगा।
निरीक्षण के दौरान ओराम ने सुरक्षा, आगंतुक सुविधा, डिजिटल गैलरी और सांस्कृतिक प्रस्तुति से जुड़ी व्यवस्थाओं की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यह संग्रहालय जनजातीय समाज के शौर्य, बलिदान और ऐतिहासिक गौरव का प्रतीक बनेगा, जो आने वाली पीढ़ियों को अपने पुरखों की वीरगाथा से जोड़ने का कार्य करेगा।
इस अवसर पर छत्तीसगढ़ सरकार के आदिम जाति विकास मंत्री रामविचार नेताम, विभाग के प्रमुख सचिव सोनमणि बोरा, विधायक किरण सिंह देव, आयुक्त डॉ. सारांश मित्तर और टीआरटीआई की संचालक हिना अनिमेष नेताम सहित निर्माण कार्य से जुड़े अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे।
नेताम ने केंद्रीय मंत्री को बताया कि प्रधानमंत्री मोदी के आव्हान पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में जनजातीय इतिहास, परंपराओं और विद्रोहों के संरक्षण हेतु इस संग्रहालय का निर्माण किया गया है। संग्रहालय में अंग्रेजी शासनकाल के दौरान हुए जनजातीय आंदोलनों को 16 गैलरियों में मूर्तियों और डिजिटल माध्यमों से प्रदर्शित किया गया है। कुल 50 करोड़ रुपये की लागत से तैयार यह संग्रहालय आधुनिक तकनीक और सांस्कृतिक विरासत का संगम प्रस्तुत करता है।
केंद्रीय मंत्री ओराम ने संग्रहालय की सराहना करते हुए कहा कि यह स्मारक न केवल जनजातीय नायक-नायिकाओं की वीरता को उजागर करेगा, बल्कि देशवासियों को उनके योगदान से परिचित कराएगा। यह संग्रहालय जनजातीय अस्मिता का जीवंत दस्तावेज बनेगा।
 

 
						


