त्योहारी सीजन में रेल रद्द होने से यात्री परेशान – वंदना राजपूत

क्या केवल अडानी के स्वार्थ के लिए कोयला ढोने पटरी पर छत्तीसगढ़ के मुसाफिरों की सुविधायें कुचली जाती रहेगी?

रायपुर । प्रदेश प्रवक्ता वंदना राजपूत ने कहा कि त्योहार के सीजन में रेल रद्द होना डबल इंजन के सरकार की पोल खोल रही है। राखी, पोला, तीजा, नवरात्रि, दशहरा, नुवा खाई, दीपावली, गोवर्धन पूजा के समय रेल रद्द होने से मध्य एवं गरीब परिवारों के लिए बहुत बड़ी समस्या हो जाती है। आम आदमी मध्यमवर्गीय परिवार के लिए रेल का सफर ही सुलभ और सस्ता साधन होता है क्योंकि बेलगाम महंगाई में गाड़ी करके जाना उनके बजट से बाहर होता है लेकिन केंद्र में बैठी भाजपा सरकार कि गलत नीति के कारण त्योहार के समय ही रेल को रद्द कर दिया जाता है। पिछले 11 साल से मध्यमवर्गीय परिवार गरीब वर्गीय परिवार का बजट पूरी तरह से चरमरा गई है।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता वंदना राजपूत ने कहा कि मोदी सरकार में रेल यात्रीओं से अधिक किराया तो वसूला जा रहा है लेकिन सुविधा सिर्फ नाम मात्र की रहती है जनता को जितना हो सके तो लूटो का फार्मूला भाजपा अपना रही है रेलवे प्लेटफार्म की किराए में वृद्धि करना, वेटिंग रूम के किराए का डबल चार्ज लेना और इधर जनता को गुमराह करने के लिए रेलवे स्टेशन में रंगाई पोताई का बस दिखावा करके जनता की खून पसीने की कमाई लूट रहे हैं, रेलवे में ना कोई सुरक्षा , जिससे आए दिन यात्रियों को बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ता है रायपुर के आउटर में चोरी, डकैती की घटना घटती रहती है, लेकिन डबल इंजन की सरकार नींद से जगाती ही नहीं।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता वंदना राजपूत ने कहा कि यार्ड मॉडिफिकेशन कार्य के बहाने एक बार फिर छत्तीसगढ़ के रेल यात्रियों को प्रताड़ित किया जा रहा है। 27 अगस्त से 15 सितंबर 2025 के बीच छत्तीसगढ़ से गुजरने वाले 30 ट्रेनों को अचानक रद्द कर दिया गया है। इसमें 26 एक्सप्रेस और 4 पैसेंजर ट्रेनें शामिल हैं। यात्रियों की सुविधा की बात करने वाली रेलवे अब यात्रियों की ‘परिक्षा की ट्रेन’ बन चुकी है। यात्रियों को समय से पहले न कोई सुचारु सूचना, न विकल्प, न समुचित परिवहन की व्यवस्था। सवाल यह है कि जब योजना पहले से तय थी, तो पहले से विकल्प क्यों नहीं बनाए गए? रेलवे की योजनाएं मुसाफिरों को हमेशा ‘प्लेटफॉर्म’ पर खड़ा छोड़ जाती हैं।

एक तरफ प्रोजेक्ट्स की तारीफें, दूसरी तरफ आम आदमी का हाल बेहाल। जिस ट्रैक पर यात्री ट्रेनों को बाधित की जा रही है उसी ट्रैक पर अदानी के कोयले से लदी माल गाड़ियां निर्वाण चलाई जाती है। सवाल हैः “क्या केवल अडानी के स्वार्थ के लिए कोयला ढोने पटरी पर छत्तीसगढ़ के मुसाफिरों की सुविधा कुचल दी जाएगी?” रेलवे बोर्ड को इस बार यात्रियों के सब्र की टेस्टिंग भारी पड़ेगी।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता वंदना राजपूत ने कहा कि बिलासपुर रेलवे जोन देश भर में सबसे ज्यादा मुनाफा कमा कर देने वाली रेलवे जोन है जिसके अंतर्गत पूरा छत्तीसगढ़ आता है, हर साल छत्तीसगढ़ से केवल माल भाड़े से केंद्र की सरकार 20 हजार करोड़ से अधिक कमाती है लेकिन सबसे ज्यादा ट्रेन पिछले 11 साल से मोदी सरकार के दौरान छत्तीसगढ़ से गुजरने वाली सर्वाधिक ट्रेन बाधित की गई।10, 12 घंटे विलंब से चलना आम बात हो गया है, सरकार के फोकस में यात्री सुविधाएं है ही नहीं। भाजपा की सरकार आखिर छत्तीसगढ़ के रेल यात्रियों से किस बात का बदला ले रही है?

Richa Sahay

ऋचा सहाय — पत्रकारिता और न्याय जगत की एक सशक्त आवाज़, जिनका अनुभव दोनों क्षेत्रों में अद्वितीय है। वर्तमान में The 4th Pillar की वरिष्ठ समाचार संपादक के रूप में कार्यरत ऋचा सहाय दशकों से राजनीति, समाज, खेल, व्यापार और क्राइम जैसी विविध विषयों पर बेबाक, तथ्यपूर्ण और संवेदनशील लेखन के लिए जानी जाती हैं। उनकी लेखनी की सबसे खास बात है – जटिल मुद्दों को सरल, सुबोध भाषा में इस तरह प्रस्तुत करना कि पाठक हर पहलू को सहजता से समझ सकें।पत्रकारिता के साथ-साथ ऋचा सहाय एक प्रतिष्ठित वकील भी हैं। LLB और MA Political Science की डिग्री के साथ, उन्होंने क्राइम मामलों में गहरी न्यायिक समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण स्थापित किया है। उनके अनुभव की गहराई न केवल अदालतों की बहसों में दिखाई देती है, बल्कि पत्रकारिता में उनके दृष्टिकोण को भी प्रभावशाली बनाती है।दोनों क्षेत्रों में वर्षों की तपस्या और सेवा ने ऋचा सहाय को एक ऐसा व्यक्तित्व बना दिया है जो ज्ञान, निडरता और संवेदनशीलता का प्रेरक संगम है।

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