मशहूर तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन का निधन, 73 साल की उम्र में ली आखिरी सांस

विश्वविख्यात तबला वादक और पद्म विभूषण उस्ताद जाकिर हुसैन का निधन हो गया है। उनकी उम्र 73 वर्ष की थी। 15 दिसंबर की सुबह उन्हें सैन फ्रांसिस्को के अस्पताल में भर्ती किया गया था। जहां उनका इलाज चल रहा था।

उस्ताद का जन्म 9 मार्च 1951 को मुंबई में हुआ था। उनकी शुरुआती पढ़ाई भी मुंबई के माहिम स्थित सेंट माइकल स्कूल से हुई थी। वहीं, ग्रेजुएशन भी मुंबई के ही सेंट जेवियर्स कॉलेज से हुआ था।

जाकिर हुसैन ने अपने जीवन का पहला कॉन्सर्ट 11 साल की उम्र में किया था। वहीं उनका पहला एल्बम 1973 में रिलीज हुआ था। जिसका नाम ‘लिविंग इन द मैटेरियल वर्ल्ड’ था। उस्ताद के पिता का नाम उस्ताद अल्लाह रक्खा कुरैशी और मां का नाम बीवी बेगम था। उनके पिता अल्लाह रक्खा भी तबला वादक थे।

5 रुपए थी पहली कमाई

जाकिर हुसैन को तीन ग्रैमी अवॉर्ड भी मिले हैं। इसके अलावा भारत सरकार ने साल 1988 में पद्म श्री, 2002 में पद्म भूषण और 2023 में पद्म विभूषण से नवाजा था। जाकिर हुसैन को पहली बार परफॉर्म करने के लिए 5 रुपए मिले थे। इसके बारे में उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा था, मैंने जीवन में खूब पैसे कमाए, लेकिन जो 5 मिले थे वो सबसे ज्यादा कीमती थे। बता दें, जाकिर हुसैन तबला वादन के अलावा एक्टिंग भी कर चुके हैं। उन्होंने साल 1983 में आई ब्रिटिश फिल्म हीट एंड डस्ट में काम किया था। इस फिल्म में शशि कपूर भी थे।

अमेरिका भी करता था उस्ताद का सम्मान

जाकिर हुसैन का जितना सम्मान भारत करता है। उतना ही सम्मान उन्हें अमेरिका में भी करता था। साल 2016 में तत्कालीन राष्ट्रपति बराक ओबामा ने उन्हें ऑल स्टार ग्लोबल कॉन्सर्ट में भाग लेने के लिए इनवाइट किया था। ये इनविटेशन पाने वाले वो पहले भारतीय म्यूजिशन थे।

Richa Sahay

ऋचा सहाय — पत्रकारिता और न्याय जगत की एक सशक्त आवाज़, जिनका अनुभव दोनों क्षेत्रों में अद्वितीय है। वर्तमान में The 4th Pillar की वरिष्ठ समाचार संपादक के रूप में कार्यरत ऋचा सहाय दशकों से राजनीति, समाज, खेल, व्यापार और क्राइम जैसी विविध विषयों पर बेबाक, तथ्यपूर्ण और संवेदनशील लेखन के लिए जानी जाती हैं। उनकी लेखनी की सबसे खास बात है – जटिल मुद्दों को सरल, सुबोध भाषा में इस तरह प्रस्तुत करना कि पाठक हर पहलू को सहजता से समझ सकें।पत्रकारिता के साथ-साथ ऋचा सहाय एक प्रतिष्ठित वकील भी हैं। LLB और MA Political Science की डिग्री के साथ, उन्होंने क्राइम मामलों में गहरी न्यायिक समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण स्थापित किया है। उनके अनुभव की गहराई न केवल अदालतों की बहसों में दिखाई देती है, बल्कि पत्रकारिता में उनके दृष्टिकोण को भी प्रभावशाली बनाती है।दोनों क्षेत्रों में वर्षों की तपस्या और सेवा ने ऋचा सहाय को एक ऐसा व्यक्तित्व बना दिया है जो ज्ञान, निडरता और संवेदनशीलता का प्रेरक संगम है।

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