राजनीतिक संतुलन में ताज़ा ऊर्जा, साय मंत्रिमंडल में तीन नए मंत्री शामिल
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने तीन नए विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाकर अपने मंत्रिमंडल को विस्तार दिया, जिसमें सामाजिक प्रतिनिधित्व, क्षेत्रीय संतुलन और चुनावी रणनीति का स्पष्ट संकेत दिखाई देता है। यह कदम साय सरकार की प्रशासनिक मजबूती और राजनीतिक संदेश को धार देने की दिशा में अहम माना जा रहा है।


मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बुधवार को अपने मंत्रिमंडल का विस्तार करते हुए तीन नए विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई। यह विस्तार जातीय और क्षेत्रीय संतुलन साधने की रणनीति का हिस्सा है, जो आगामी चुनावी तैयारियों को भी दिशा देता है।
रायपुर, 20 अगस्त 2025 : छत्तीसगढ़ की राजनीति में बुधवार को एक निर्णायक क्षण आया जब मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने अपने मंत्रिमंडल का विस्तार करते हुए तीन नए चेहरों को शामिल किया। राजभवन में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में दुर्ग विधायक गजेंद्र यादव, अंबिकापुर विधायक राजेश अग्रवाल, और आरंग विधायक गुरु खुशवंत साहेब ने मंत्री पद की शपथ ली।
इस विस्तार के बाद मंत्रिमंडल में कुल 14 मंत्री हो गए हैं। यह निर्णय मुख्यमंत्री के आगामी विदेश दौरे से पहले लिया गया, ताकि विभागों का बंटवारा समयबद्ध तरीके से किया जा सके।
नए मंत्रियों की राजनीतिक और सामाजिक पृष्ठभूमि
- गजेंद्र यादव (दुर्ग): ओबीसी वर्ग से आने वाले यादव ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अरुण वोरा को भारी मतों से हराया। वे शिक्षित, युवा और यादव समाज में प्रभावशाली माने जाते हैं।
- राजेश अग्रवाल (अंबिकापुर): वैश्य समुदाय से ताल्लुक रखने वाले अग्रवाल ने पूर्व उपमुख्यमंत्री टी.एस. सिंहदेव को मात्र 94 वोटों से हराकर राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी थी। वे व्यवसायिक पृष्ठभूमि से हैं और पहली बार विधायक बने हैं।
- गुरु खुशवंत साहेब (आरंग): सतनामी समाज के धर्मगुरु और सामाजिक कार्यकर्ता हैं। 2023 में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए और शिवकुमार डहरिया को हराकर विधायक बने। उनकी नियुक्ति सामाजिक समावेशिता की दिशा में एक संकेत मानी जा रही है।
राजनीतिक समीकरण और रणनीति
साय सरकार का यह विस्तार हरियाणा मॉडल से प्रेरित बताया जा रहा है, जिसमें जातीय और क्षेत्रीय संतुलन को प्राथमिकता दी गई है।
- सरगुजा संभाग से 5 मंत्री
- बिलासपुर से 3
- दुर्ग से 3
- रायपुर से 2
- बस्तर से केवल 1 मंत्री
बस्तर जैसे संवेदनशील क्षेत्र को कम प्रतिनिधित्व मिलने पर विपक्ष ने सवाल उठाए हैं। वहीं, बीजेपी इसे संगठनात्मक मजबूती और सामाजिक विविधता की दिशा में उठाया गया कदम बता रही है।
आगे की प्रक्रिया और संभावित विभाग
मुख्यमंत्री साय के विदेश दौरे से पहले नए मंत्रियों को विभागों का आवंटन किया जाएगा। सूत्रों के अनुसार, गजेंद्र यादव को नगरीय प्रशासन या श्रम विभाग, राजेश अग्रवाल को वाणिज्य या वित्त से जुड़ा विभाग, और गुरु खुशवंत साहेब को सामाजिक कल्याण या अनुसूचित जाति विकास विभाग मिल सकता है।
चुनावी तैयारी या संगठनात्मक मजबूती
साय सरकार का यह विस्तार केवल प्रशासनिक नहीं, बल्कि चुनावी रणनीति का भी हिस्सा है। युवा, सामाजिक रूप से विविध और पहली बार विधायक बने चेहरों को शामिल कर बीजेपी ने एक संतुलित और समावेशी संदेश देने की कोशिश की है। यह विस्तार संगठनात्मक मजबूती के साथ-साथ आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारी का संकेत भी देता है।