शराब नहीं, स्वाभिमान चाहिए: गरजे दोन्दे खुर्द के ग्रामीण, कहा-हमारे गाँव में ज़हर नहीं बिकेगा

रायपुर । राजधानी से सटे ग्राम दोन्दे खुर्द के ग्रामीणों का आक्रोश अब सड़कों पर फूट पड़ा है। ग्रामवासियों ने शराब दुकान खोले जाने के प्रशासनिक आदेश को गाँव की अस्मिता पर हमला बताया है और साफ कर दिया है कि यदि आदेश 10 दिनों में रद्द नहीं किया गया, तो संघर्ष निर्णायक होगा और जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी।

शराब दुकान खुलने की सूचना गाँव में आग की तरह फैली। वह गाँव जिसे “सुग्घर गाँव” जैसे सम्मान मिले हों, जहाँ स्वच्छता के लिए प्रदेशभर में मिसाल कायम हो, आज वहाँ शराब की दुकान खोलना क्या गाँव की आत्मा को चोट पहुँचाना नहीं?

हमारी बेटियाँ डरें, हमारे युवा भटकें और हमारा स्वाभिमान बेचा जाए….ये हम कभी नहीं होने देंगे। यह बात ज्ञापन सौंपने पहुंचे ग्रामीणों के चेहरों पर स्पष्ट थी। पूर्व विधायक अनिता योगेंद्र शर्मा के नेतृत्व में ग्रामीणों ने कलेक्टर को सख्त चेतावनी दी ,“या तो आदेश वापस लो या आक्रोश का सामना करो।”

ग्रामवासियों ने इस आदेश को शासन की जनविरोधी मानसिकता का उदाहरण बताते हुए कहा कि “जो निर्णय हमारे गाँव को बिना भरोसे के, बिना संवाद के प्रभावित करे, वह किसी तानाशाही से कम नहीं।”

ग्रामीणों का यह भी कहना है कि विधायक अनुज शर्मा से जब मुलाकात की गई, तो उन्होंने भी आदेश से अनभिज्ञता जताई और आबकारी उपायुक्त को पत्र भेजकर तुरंत हस्तक्षेप किया। फिर सवाल उठता है “जब न स्थानीय जनप्रतिनिधि तैयार थे, न जनता तैयार थी, तो फिर ये आदेश किसके लिए?”

उधर, शराब दुकान का निर्माण शुरू होने की खबर ने ग्रामीणों के आक्रोश को और उबाल पर ला दिया है। अब गाँव में संघर्ष समिति गठित की जा चुकी है, जिसमें महिलाएं, पूर्व जनपद अध्यक्ष, युवा नेता और पंच सभी शामिल हैं। यह अब किसी एक नेता की लड़ाई नहीं, पूरे गाँव की लड़ाई बन चुकी है। “हम गाँव को फिर उस अंधेरे में नहीं लौटने देंगे जहाँ शराब रिश्तों को तोड़ती थी, घरों को उजाड़ती थी और सपनों को जलाती थी।”

पूर्व विधायक देवजी भाई पटेल ने इस मामले में मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इस आदेश को निरस्त कराने तथा किसी भी हाल में दुकान संचालन नहीं करने की बात कही ।अन्य जनप्रतिनिधियों ने भी इस मुद्दे को गंभीर मानते हुए मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप की माँग की है।

इस अवसर पर पूर्व जनपद अध्यक्ष उत्तरा कमल भारती , जनपद सदस्य भगत बंजारे , पूर्व उपसरपंच व भाजयुमो नेता सूरज टंडन , जिला कांग्रेस कमिटी महासचिव कमल भारती पंच व nsui जिला उपाध्यक्ष सूर्यप्रताप बंजारे पंच देवकुमार चतुर्वेदी तथा गाँव के महिलाओं ने बताया की आस पास के सरपंचों , जनप्रतिनिधियों , ग्रामीणों , समाजप्रमुखो के साथ संघर्ष समिति बनाकर इस इस आदेश के विरोध में उग्र आंदोलन किया जाएगा जिसका सम्पूर्ण जवाबदारी शासन प्रशासन का होना बताया।

Richa Sahay

ऋचा सहाय — पत्रकारिता और न्याय जगत की एक सशक्त आवाज़, जिनका अनुभव दोनों क्षेत्रों में अद्वितीय है। वर्तमान में The 4th Pillar की वरिष्ठ समाचार संपादक के रूप में कार्यरत ऋचा सहाय दशकों से राजनीति, समाज, खेल, व्यापार और क्राइम जैसी विविध विषयों पर बेबाक, तथ्यपूर्ण और संवेदनशील लेखन के लिए जानी जाती हैं। उनकी लेखनी की सबसे खास बात है – जटिल मुद्दों को सरल, सुबोध भाषा में इस तरह प्रस्तुत करना कि पाठक हर पहलू को सहजता से समझ सकें।पत्रकारिता के साथ-साथ ऋचा सहाय एक प्रतिष्ठित वकील भी हैं। LLB और MA Political Science की डिग्री के साथ, उन्होंने क्राइम मामलों में गहरी न्यायिक समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण स्थापित किया है। उनके अनुभव की गहराई न केवल अदालतों की बहसों में दिखाई देती है, बल्कि पत्रकारिता में उनके दृष्टिकोण को भी प्रभावशाली बनाती है।दोनों क्षेत्रों में वर्षों की तपस्या और सेवा ने ऋचा सहाय को एक ऐसा व्यक्तित्व बना दिया है जो ज्ञान, निडरता और संवेदनशीलता का प्रेरक संगम है।

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