राजनांदगांव/रायपुर । छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव की आठवीं बटालियन में चल रहे पुलिस भर्ती मामले में गड़बड़ी को लेकर 6 लोगों को जेल भेज दिया गया।
गिरफ्तार लोगों में दो महिला पुलिसकर्मी, दो आरक्षक और दो टेक्निकल टीम के लोग भी शामिल हैं। इस मामले में एक पुलिसकर्मी ने खुदकुशी भी की है। खुदकुशी करने वाले आरक्षक ने अपनी हथेली में सुसाइड नोट भी लिख रखा था। आला अफसरों की संलिप्तता की बात लिखी थी, जिसके बाद आनन-फानन में 4 पुलिसकर्मी समेत 2 टेक्निकल टीम के लोगों को न्यायालय के समक्ष पेश कर जेल भेज दिया गया।
राजनांदगांव जिले में चल रहे पुलिस आरक्षक भर्ती में एक गड़बड़ी का मामला सामने आया था जिसमें बीते 16 दिसंबर को पुलिस ने लालबाग थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी। पुलिस भर्ती घोटाला को लेकर पुलिस विभाग की कार्यशैली पर तमाम तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं। भर्ती के दौरान फिजिकल टेस्ट में ड्यूटीरत 14 पुलिसकर्मियों को सन्देह के दायरे में रखा गया था। जिनमें से आरक्षक अनिल रत्नाकर की लाश रामपुर में फांसी के फंदे से लटकी मिली। वहीं आरक्षक परिधि निषाद, धर्मराज मरकाम, पुष्पा चन्द्रवंशी, योगेश कुमार धुर्वे के साथ टेक्निकल टीम के पवन साहू और नुतेश्वरी धुर्वे को न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया गया है। इस मामले में फिलहाल जांच जारी है। जांच में और भी लोगों की इसमें संलिप्तता से पर्दा उठ सकता है।
इस मामले में एएसपी राहुल देव शर्मा ने बताया कि पुलिस भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी के मामले को लेकर चार पुलिसकर्मी और टेक्निकल टीम के दो लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है, जिसमें महिला आरक्षक पुष्पा चंद्रवंशी, परिधि निषाद, आरक्षक धर्मराज मरकाम और योगेश कुमार धुर्वे के अलावा टेक्निकल टीम के पवन साहू और नुतेश्वरी धुर्वे हैं।
भर्ती प्रक्रिया में तकनीक के आधार पर इनके मोबाइल और सीसीटीवी की जांच की गई, उनसे पूछताछ की गई और उनका चैट अध्ययन किया गया इसके आधार पर अपराध पाया गया तो इन्हें न्यायिक रिमांड में जेल भेज दिया गया है।