कमिश्नर महादेव कावरे ने डाॅक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने ली बैठक,दिए निर्देश

रायपुर । रायपुर कमिश्नर महादेव कावरे ने चिकित्सा कर्मियों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए अधिकारियों की बैठक ली। कमिश्नर कावरे ने चिकित्सा संस्थाओं में चिकित्सा कर्मियों की सुरक्षा के लिये बने राज्य कानूनों और भारतीय न्याय संहिता की संबंधित धाराओं का विवरण, जिसमें उल्लंघन के लिये दंड का स्पष्ट रूप से उल्लेख हो, प्रमुख स्थानों पर स्थानीय, हिन्दी, एवं अंग्रेजी भाषा में प्रदर्शित करने और सभी कर्मचारी, मरीज और आगंतुक इसके प्रति जागरूक करने के निर्देश दिए।

कमिश्नर ने चिकित्सालयों में वरिष्ठ चिकित्सकों और स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों के माध्यम से एक अस्पताल सुरक्षा समिति और हिंसा रोकथाम समिति का गठन करने और समितियों को स्वास्थ्य संस्थाओं के परिसर में व्यापक सुरक्षा उपायों की योजना बनाने और उन्हें लागू करने का उत्तरदायी सौंपने के निर्देश दिए।

कमिश्नर ने चिकित्सा संस्थाओं में आम जनता और मरीजों के रिश्तेदारों के प्रवेश को सख्ती से नियंत्रित करने और आंगतुक-पास नीति को कड़ाई से लागू के निर्देश दिए। साथ ही स्वास्थ्य संस्थाओं के परिसर में मरीजों के रिश्तेदारों के गतिविधियों की निगरानी करने को कहा।

कमिश्नर कावरे ने चिकित्सको, रेसीडेंट डॉक्टर, नर्स, एवं अन्य पैरामेडिकल स्टॉफ के विभिन्न ब्लॉक, हॉस्टल भवनों एवं स्वास्थ्य संस्थाओं के अन्य क्षेत्रों में सुरक्षित रूप से आवागमन हेतु समुचित सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने एवं विशेष रूप से रात्रिकालीन ड्यूटी के समय अतिरिक्त सावधानी अपनाने एवं सुरक्षित परिवहन और पर्याप्त प्रकाशयुक्त रास्तों एवं सुरक्षा गार्ड की व्यवस्था के निर्देश दिए। कमिश्नर ने चिकित्सकीय स्टाफ के आवासीय ब्लॉकों, हॉस्टल ब्लॉकों, और अन्य अस्पताल परिसर में उचित प्रकाश व्यवस्था अनिवार्य रूप से सुनिश्चित करने, जिससे संभावित सुरक्षा खतरों को रोका जा सके। इसके अतिरिक्त परिसर में लगे सभी सीसीटीवी कैमरों की संख्या, कार्य क्षमता और कवरेज की गहन समीक्षा करने और आवश्यकतानुसार निगरानी प्रणाली का उन्नयनीयकरण करने के निर्देश दिए।

कमिश्न ने चिकित्सा संस्थाओं के परिसर में लगे सभी सीसीटीवी कैमरों की संख्या, कार्यक्षमता और प्रभावशीलता की स्थिति का समय-समय पर आकंलन करने और निगरानी एवं सुरक्षा को और दुरूस्त करने के लिये आवश्यक कार्यवाही करने के निर्दश दिए। कमिश्नर ने चिकित्सा संस्थाओं के परिसर में रात के समय नियमित रूप से सुरक्षागश्त की व्यवस्था स्थानीय पुलिस के माध्यम से करने, जिससे सुरक्षा व्यवस्था की निरंतर निगरानी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। कमिश्नर ने चिकित्सा संस्थाओं में 24 घंटे संचालित सुरक्षा नियंत्रण कक्ष स्थापित करने के निर्देश दिए। कमिश्नर ने निकटतम पुलिस स्टेशन के साथ समन्वय स्थापित कर निरंतर समीक्षा करने और अस्पताल परिसर के उपयुक्त स्थानों पर पुलिस अधिकारियों के नाम एवं उनके मोबाइल नंबर का प्रकाशन करने के निर्देश दिए।

कमिश्नर ने चिकित्सा संस्थाओं में कानूनी आवश्यकताओं के अनुसार यौन उत्पीड़न घटनाओं के लिए आंतरिक समिति का गठन करने और उक्त समिति के सशक्तिकरण हेतु निरंतर समीक्षा कर आवश्यकतानुसार सुदृढ़िकरण एवं गुणवक्तापूर्ण संचालन करने के निर्देश दिए। कमिश्नर ने शासकीय एवं निजी 100 बिस्तर एवं उससे अधिक चिकित्सा अस्पतालों में पुलिस चैकी की स्थापना के साथ पर्याप्त सुरक्षा बल की व्यवस्था करने एवं पुलिस चैकी का दूरभाष नंबर अस्पताल के मुख्य स्थानों पर प्रदर्शित करने के निर्देश दिए। कमिश्नर ने चिकित्सा संस्थाओं में समय-समय पर पुलिस प्रशासन के माध्यम से सम्पूर्ण चिकित्सा परिसर का सुरक्षा ऑडिट करने एवं अंतर विश्लेषण अनुसार कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

कावरे ने चिकित्सा संस्थाओं परिसर में किसी भी अप्रिय (हिंसा) घटना के संबंध में प्राप्त शिकायती फोन कॉल के त्वरित निराकरण के लिए हेल्पलाइन नंबर 112 का उपयोग करने के लिये आवश्यक व्यवस्था एवं इसका चिन्हांकन अस्पतालों के मुख्य स्थानों पर करने के निर्देश दिए।

कावरे ने चिकित्सा परिसर में सीसीटीवी कैमरा, पर्याप्त लाइटिंग तथा सुरक्षा गार्ड की व्यवस्था शासन द्वारा उपलब्ध बजट से करने एवं उपलब्ध बजट की कमी की स्थिति में उक्त कार्य के लिए व्यय चिकित्सा महाविद्यालय के मामले में संबंधित चिकित्सा महाविद्यालय संबंद्ध चिकित्सालय की स्वशासी समिति में उपलब्ध राशि के अंतर्गत करने एवं जिला चिकित्सालय, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के मामले में संचालक, स्वास्थ्य सेवायें को प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए। साथ ही दोनों स्थिति में बजट की कमी होने पर शासन को प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए।

Richa Sahay

ऋचा सहाय — पत्रकारिता और न्याय जगत की एक सशक्त आवाज़, जिनका अनुभव दोनों क्षेत्रों में अद्वितीय है। वर्तमान में The 4th Pillar की वरिष्ठ समाचार संपादक के रूप में कार्यरत ऋचा सहाय दशकों से राजनीति, समाज, खेल, व्यापार और क्राइम जैसी विविध विषयों पर बेबाक, तथ्यपूर्ण और संवेदनशील लेखन के लिए जानी जाती हैं। उनकी लेखनी की सबसे खास बात है – जटिल मुद्दों को सरल, सुबोध भाषा में इस तरह प्रस्तुत करना कि पाठक हर पहलू को सहजता से समझ सकें।पत्रकारिता के साथ-साथ ऋचा सहाय एक प्रतिष्ठित वकील भी हैं। LLB और MA Political Science की डिग्री के साथ, उन्होंने क्राइम मामलों में गहरी न्यायिक समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण स्थापित किया है। उनके अनुभव की गहराई न केवल अदालतों की बहसों में दिखाई देती है, बल्कि पत्रकारिता में उनके दृष्टिकोण को भी प्रभावशाली बनाती है।दोनों क्षेत्रों में वर्षों की तपस्या और सेवा ने ऋचा सहाय को एक ऐसा व्यक्तित्व बना दिया है जो ज्ञान, निडरता और संवेदनशीलता का प्रेरक संगम है।

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