रायपुर । छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में प्रदर्शन कर रहे B.Ed सहायक शिक्षकों के एक समूह को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है।
रविवार, 19 जनवरी की रात को पुलिस ने सड़क पर प्रदर्शन कर रहे शिक्षकों को घसीटकर सड़क से हटाया। इस दौरान कुछ महिला टीचर्स बेहोश भी हो गईं। उन्होंने पुलिस पर कपड़े फाड़ने और बैड टच करने का आरोप लगाया है। पुलिस का कहना है कि सड़क पर जाम लग गया था। जिसकी वजह से SDM के आदेश पर उन्हें वहां से हटाया गया ताकि रास्ता साफ हो सके।
छत्तीसगढ़ में बर्खास्त किए गए सैकड़ों शिक्षकों, जिनमें 300 महिला शिक्षक शामिल हैं, ने शनिवार सुबह 5 बजे वित्त मंत्री ओपी चौधरी के रायपुर स्थित आधिकारिक आवास पर प्रदर्शन किया।
जानिए क्यों विरोध कर रहे हैं ये शिक्षक
छत्तीसगढ़ सरकार ने 2,800 से अधिक प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों की सेवाओं को समाप्त करने के आदेश जारी किए, जब राज्य उच्च न्यायालय ने आदेश दिया कि बीएड धारक प्राथमिक शिक्षकों के पद के लिए पात्र नहीं हैं। इसके बाद से कई शिक्षक इस आदेश के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। कई पुरुष बीएड सहायक शिक्षकों ने अपने सिर मुंडवा लिए, जबकि महिला शिक्षकों ने भी अपनी मांगों के समर्थन में अपने बाल कटवा लिए।
एसडीएम के आदेश पर प्रदर्शनकारियों को हटाया गया
शहर पुलिस अधीक्षक अजय कुमार यादव ने कहा कि इन प्रदर्शनकारियों को लंबे समय तक अनुरोध के बाद हटाया गया क्योंकि उनके प्रदर्शन से यातायात बाधित हो रहा था। “ये बीएड अभ्यर्थी हैं जो अपनी बर्खास्तगी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। उन्हें कानूनी तरीके से अपना विरोध प्रदर्शन करने के लिए कहा गया था। उन्हें यहां बैठकर विरोध प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं थी, इसके बावजूद उन्होंने सड़क जाम कर दी। उन्हें करीब 10 घंटे तक रास्ता खाली करने के लिए कहा गया क्योंकि पूरा शहर परेशानी का सामना कर रहा था।”
एसपी के अनुसार, विरोध प्रदर्शन के कारण रविवार को इलाके में काफी व्यवधान पैदा हुआ, जिसके कारण स्थिति को शांतिपूर्ण तरीके से हल करने के लंबे प्रयासों के विफल होने के बाद पुलिस ने कार्रवाई की। उन्होंने आगे कहा, “एसडीएम के आदेश पर उन्हें रास्ता साफ करने के उद्देश्य से यहां से हटाया गया।”
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सरकार पर साधा निशाना
इस घटना को लेकर पूर्व CM भूपेश बघेल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर पोस्ट कर विष्णु देव सरकार पर निशाना साधा है। इससे पहले वे धरनास्थल पर भी पहुंचे थे।
उन्होंने कहा “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की ‘गारंटी’ और विष्णु देव के ‘सुशासन’ में हुआ यह ‘चीरहरण’ छत्तीसगढ़ के इतिहास में काले अध्याय के रूप में दर्ज होगा।”
पुलिस हिरासत में लिए गए एक छात्र ने बताया कि हम सिर्फ अपने अधिकारों की मांग कर रहे हैं। वहीं, विरोध प्रदर्शन में शामिल एक शिक्षक के परिजन ने कहा-
“हमारे बच्चे यहां एक महीने से विरोध कर रहे हैं। वे हमें जानवरों की तरह घसीट रहे हैं। हम चोर, लुटेरे और नक्सली नहीं है। हम शिक्षकों के माता-पिता हैं।”
शिक्षक, जल सत्याग्रह, सामूहिक मुंडन से लेकर, हवन, इच्छामृत्यु की मांग और तेलीबांदा तालाब की सफाई करके अपना विरोध जता चुके हैं।