केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह ने कहा-मै खाली हाथ नहीं आया हूं,आपको 3 लाख घर और देने आया हूं

रायपुर । छत्तीसगढ़ में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण व ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की मौजूदगी में “मोर आवास-मोर अधिकार” कार्यक्रम का आयोजन हुआ। दुर्ग जिले के पार्श्वतीर्थ नगपुरा में आयोजित इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 3.03 लाख प्रधानमंत्री आवास के निर्माण के लिए स्वीकृति पत्र प्रदान किया।

इस दौरान मंच से शिवराज ने रोचक अंदाज में कहा कि, मुख्यमंत्री विष्णुदेव और विजय जी आए मेरे पास दिल्ली में और कहा कि इतने मकान तो देने ही पड़ेंगे। मकान दो भी और आओ भी, तो भैया… तुमने पुकारा और हम चले आए। छत्तीसगढ़ की यादें कभी भुलाई नहीं भूलती, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ दोनों भाई हैं। छत्तीसगढ़ तुमसे मिलने को जी करता है रे बाबा..। मुझे छत्तीसगढ़ के हर जिले और हर मंडल में घूम-घूमकर युवा मोर्चे का काम खड़ा करने का सौभाग्य मिला है। यहां की स्मृतियां भुलाए नहीं भूलता।

शिवराज सिंह ने मोर आवास-मोर अधिकार कार्यक्रम में कहा कि छत्तीसगढ़ के गांव-गांव में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना और पीएम जन-मन योजना के तहत तेजी से सड़कों का जाल बिछाने का कार्य जारी है। मैं छत्तीसगढ़ के ग्रामीण भाई-बहनों के लिए 3 लाख 3 हजार 384 घर की सौगात लेकर आया हूं। छत्तीसगढ़ को हमने कृषि की अलग-अलग योजनाओं के लिए ₹182.46 करोड़ दिए हैं। आज हमने तय किया है कि इन योजनाओं के लिए ₹203 करोड़ की राशि और देंगे।

खाली हाथ नहीं आया ये लेटर लेकर आया हूं : शिवराज सिंह चौहान

शिवराज सिंह ने कहा कि हमने फैसला किया है कि अब हितग्राही स्वयं आवास का सर्वे कर सकते हैं। पहले रमन सिंह ने छत्तीसगढ़ में अद्भुत और ऐतिहासिक विकास किया है। बीच में 5 साल कांग्रेस की सरकार ने विकास को रोक दिया, जैसे कालनेमी ने हनुमान जी को रोकने की कोशिश की थी। छत्तीसगढ़ में 5 साल ऐसी सरकार रही जिसने विकास को रोक दिया और गरीबों के मकान छीनने का पाप किया।

आज मैं आया हूं तो खाली हाथ नहीं आया, मैं आपको 3 लाख 3 हजार 384 घर और देने आया हूं।केवल घोषणा करने नहीं बल्कि स्वीकृति पत्र साथ लेकर आया हूं, जो मुख्यमंत्री और ग्रामीण विकास मंत्री जी को सौंप रहा हूं। इतना ही नहीं, अगला वित्तिय वर्ष शुरू होते ही 3 लाख 3 हजार से ज्यादा आवास छत्तीसगढ़ की गरीब जनता को समर्पित कर दिए जाएंगे। कच्चे मकान में रहने वाला कोई वंचित नहीं रहेगा, हर गरीब का पक्का मकान होगा।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अब आवास का सर्वे केवल सर्वेयर या अधिकारी ही नहीं बल्कि एप के माध्यम से हितग्राही खुद भी सेल्फ सर्वे कर सकते हैं। सेल्फ सर्वे के लिए आधार नंबर की जरूरत है, अपने मोबाईल में एप पर लॉगिन कीजिए, पहचान के लिए अपने चेहरे की फोटो खींचिए, अपने आप फोटो अपलोड हो जाएगा। फिर एप में एक फॉर्म आएगा उसके कॉलमों को भर दीजिए तो सर्वे की सूची में नाम जुड़ जाएगा। अधिकारियों की टीम एक बार परीक्षण कर लेगी और परीक्षण के बाद उन नामों को स्वीकार कर लिया जाएगा।

मकान पाने वालों के पैर धोए

आवास योजना में मकान पाने वाले गरीब लोगों के केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह, मुख्यमंत्री विष्णुदेव, उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने पैर धोए। इसे लेकर शिवराज सिंह ने कहा- हमारे मार्गदर्शक पंडित दीनदयाल उपाध्याय कहते थे हम कितने तप करें भगवान खुश होंगे या नहीं हमें पता नहीं चलेगा।

साक्षात नारायण दिखाई देंगे, यह दरिद्र ही हमारे लिए नारायण हैं। आज हमने इनके पैर धोए हैं, जनता जनार्दन ही हमारी नारायण है। जनता की सेवा ही हमारे लिए भगवान की पूजा है। हमने तय किया कि है कि हर गरीब को पक्का मकान मिले।

31 मार्च तक पूरा होगा मकान देने का सर्वे

आवास प्लस के तहत गरीबों को आवास दिए जाएंगे। शिवराज सिंह ने छत्तीसगढ़ सरकार को 31 मार्च तक ये सर्वे पूरा करने को कहा है। मंच से उन्होंने कहा- जिसके पास टू व्हीलर होता है उन्हें अपात्र कर दिया जाता है। मगर अब हमने फैसला किया है कि जिनके पास स्कूटर- मोटरसाइकिल होगी टू व्हीलर होगा उनको भी मकान दिया जाएगा।

Richa Sahay

ऋचा सहाय — पत्रकारिता और न्याय जगत की एक सशक्त आवाज़, जिनका अनुभव दोनों क्षेत्रों में अद्वितीय है। वर्तमान में The 4th Pillar की वरिष्ठ समाचार संपादक के रूप में कार्यरत ऋचा सहाय दशकों से राजनीति, समाज, खेल, व्यापार और क्राइम जैसी विविध विषयों पर बेबाक, तथ्यपूर्ण और संवेदनशील लेखन के लिए जानी जाती हैं। उनकी लेखनी की सबसे खास बात है – जटिल मुद्दों को सरल, सुबोध भाषा में इस तरह प्रस्तुत करना कि पाठक हर पहलू को सहजता से समझ सकें।पत्रकारिता के साथ-साथ ऋचा सहाय एक प्रतिष्ठित वकील भी हैं। LLB और MA Political Science की डिग्री के साथ, उन्होंने क्राइम मामलों में गहरी न्यायिक समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण स्थापित किया है। उनके अनुभव की गहराई न केवल अदालतों की बहसों में दिखाई देती है, बल्कि पत्रकारिता में उनके दृष्टिकोण को भी प्रभावशाली बनाती है।दोनों क्षेत्रों में वर्षों की तपस्या और सेवा ने ऋचा सहाय को एक ऐसा व्यक्तित्व बना दिया है जो ज्ञान, निडरता और संवेदनशीलता का प्रेरक संगम है।

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