रायपुर । छत्तीसगढ़ में 2897 सहायक शिक्षकों की नौकरी खतरे में है। ये शिक्षक 2018 के एनसीटीई नियमों के तहत भर्ती हुए थे। सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले के बाद उनकी योग्यता पर सवाल उठे हैं। नौकरी बचाने के लिए शिक्षक आंदोलन कर रहे हैं। वे सरकार से न्याय की मांग कर रहे हैं।
सेवा सुरक्षा और समायोजन की मांग को लेकर B.Ed सहायक शिक्षकों ने दंडवत प्रणाम यात्रा निकाली। यह यात्रा शिक्षा विभाग की नीतियों के खिलाफ और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए आयोजित की गई है। बता दें कि, सहायक शिक्षक पिछले लगभग एक महीने से विभिन्न प्रकार के विरोध प्रदर्शनों में भाग ले रहे हैं, जिसमें जल सत्याग्रह, सामूहिक मुंडन और NCTE की शव यात्रा जैसी गतिविधियाँ शामिल हैं।
इसके चलते सस्पेंड शिक्षकों ने रायपुर में अनोखा प्रदर्शन किया। उन्होंने दंडवत यात्रा निकाली। सड़कों पर लेटकर विरोध जताया। निकाली गई इस दंडवत यात्रा में सैकड़ों सहायक शिक्षक शामिल हुए। यह यात्रा प्रसिद्ध माना हनुमान मंदिर से शुरू होकर शदाणी दरबार तक की गई। यात्रा के दौरान शिक्षकों ने समायोजन और सेवा सुरक्षा के मुद्दे पर जोर दिया, जिनकी समस्या के समाधान के लिए वे लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। इस यात्रा के मुख्य कारणों में से एक है। शिक्षा विभाग द्वारा 3,000 सहायक शिक्षकों को सेवा से हटाने का फैसला किया।
इन शिक्षकों का कहना है कि, उन्हें उचित समायोजन और सेवाओं की सुरक्षा का अधिकार मिलना चाहिए, ताकि वे अपने कर्तव्यों का निर्वहन बिना किसी भय या असमंजस के कर सकें। सहायक शिक्षक, जो पहले भी कई बार विभिन्न विरोध प्रदर्शनों के जरिए अपनी बात सरकार तक पहुँचाने का प्रयास कर चुके हैं, अब इस दंडवत प्रणाम यात्रा के माध्यम से अपने मुद्दों को अधिक ताकत के साथ उठाने का प्रयास कर रहे हैं। उनका कहना है कि, जब तक उनकी समस्याओं का समाधान नहीं होता, तब तक उनका विरोध जारी रहेगा।