Video:राजधानी के ‘शुभ’ विवाह स्थल पर अराजकता: टिकरापारा आर्य समाज मंदिर में सुरक्षा शून्य,मूकदर्शक बना रहा संचालक

टिकरापारा आर्य समाज की शर्मनाक घटना: परिजन युवक-युवती को पीटकर ले गए, संचालक ने बचाव से किया इनकार, पत्रकारों को दी FIR की धमकी



रायपुर । छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में ‘सादगी और समाज’ के प्रतीक माने जाने वाले आर्य समाज मंदिरों में अब सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। टिकरापारा स्थित आर्य समाज मंदिर, जो कम खर्च में विवाह करने वाले परिवारों और अंतरजातीय विवाह के इच्छुक जोड़ों के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र है, वहाँ सुरक्षा के कोई पुख्ता इंतजाम नहीं होने के कारण एक शर्मनाक और भयावह घटना सामने आई है।

विवाह समारोह में परिजनों का तांडव

टिकरापारा आर्य समाज मंदिर में हाल ही में एक युवक और युवती (नाम गोपनीय) विवाह करने पहुँचे थे। प्रत्यक्षदर्शियों  द्वारा बताया जा रहा है कि विवाह की प्रक्रिया शुरू होने के कुछ ही देर बाद, लड़की के परिजनों को इसकी भनक लग गई। परिजनों का समूह सीधे आर्य समाज मंदिर परिसर में पहुँचा और वहाँ जबरदस्त हंगामा शुरू कर दिया।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, परिजनों ने पहले तो युवती को बुरी तरह पीटा। इसके बाद युवक को भी मारपीट कर जबरन अपने साथ ले गए। यह पूरी घटना विवाह जैसे शुभ कार्य की पवित्र जगह पर हुई, जिसने मंदिर परिसर में दहशत का माहौल पैदा कर दिया।

संचालक बना मूकदर्शक, नहीं की कोई पहल

इस गंभीर घटना का सबसे चौंकाने वाला पहलू यह रहा कि आर्य समाज मंदिर का संचालक पूरे वाकये को मूकदर्शक बनकर देखता रहा

  • संचालक ने न तो युवक-युवती को बचाने के लिए कोई हस्तक्षेप किया।
  • न ही उसने मंदिर के ठीक सामने स्थित पुलिस थाने को इसकी सूचना देना उचित समझा।

यह लापरवाही उस समय सामने आई जब विवाह करने वाले अधिकतर जोड़े वे होते हैं, जिनके परिजन रिश्ते से राज़ी नहीं होते हैं, जिससे ऐसे स्थानों पर विवाद की आशंका हमेशा बनी रहती है।

गलती पर पर्दा और पत्रकारों को धमकी

जब घटना की सूचना मिलने पर पत्रकार इस विषय में संचालक से बात करने पहुँचे, तो उनका रवैया अत्यंत गैर-जिम्मेदाराना था। संचालक ने पत्रकारों को जानकारी देने से साफ मना कर दिया और उन्हें धमकी देते हुए कहा कि पत्रकार हर जगह आकर कुछ भी नहीं पूछ सकते। यदि इस मामले की खबर को लगाया तो मैं पत्रकार के खिलाफ FIR करूँगा।

सुरक्षा व्यवस्था की कमी को उजागर करने पर संचालक ने अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते हुए कहा कि यह मेरा काम नहीं है कि मैं सुरक्षा के कोई इंतजाम करूँ। ये तो लड़के और लड़की खुद की जिम्मेदारी है। वहीं बैठी एक महिला वकील ने भी संचालक का समर्थन करते हुए कहा कि सुरक्षा की जिम्मेदारी हम लोगों की नहीं है।

गंभीर सुरक्षा चूक और बड़ा खतरा

रायपुर में टिकरापारा समेत एक दर्जन से अधिक आर्य समाज मंदिर हैं, जहाँ नियमित रूप से शादियाँ होती हैं। इन स्थानों पर सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं होना एक गंभीर सुरक्षा चूक को दर्शाता है।

प्रश्न: क्या विवाह जैसे संवेदनशील कार्य के लिए उपयोग होने वाले सार्वजनिक स्थानों पर सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करना संचालक की नैतिक और कानूनी जिम्मेदारी नहीं है?

प्रश्न: मंदिर परिसर के ठीक सामने थाना होने के बावजूद पुलिस को सूचित न करना किस ओर इशारा करता है?

यदि इन स्थानों पर कोई बड़ा हादसा या अनहोनी हो जाती है, तो इसका जिम्मेदार कौन होगा? यह घटना आर्य समाज जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों की विश्वसनीयता पर बड़ा प्रश्नचिह्न लगाती है।

रायपुर स्थित आर्य समाज मंदिरों में जहाँ एक ओर विवाह शुल्क को लेकर कोई एकरूपता नहीं है, वहीं दूसरी ओर सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह से शून्य है, जो एक बड़ा जोखिम पैदा करता है।

आपको बता दें कि राजधानी के विभिन्न आर्य समाज मंदिरों में विवाह का शुल्क ₹2500 से लेकर ₹5000 तक अलग-अलग है, और इसके अतिरिक्त, नगर निगम में विवाह के रजिस्ट्रेशन शुल्क के रूप में भी ₹1500 से ₹1600 लिए जाते हैं। शुल्क लेने के बावजूद, संवेदनशील शादियाँ करने वाले इन स्थानों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम न होना और विवाद के समय संचालक का मूकदर्शक बने रहना इन संस्थानों की कार्यप्रणाली पर गंभीर प्रश्नचिह्न लगाता है।

अब देखना यह होगा कि इस शर्मनाक घटना और संचालक के गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार के बाद, जिला प्रशासन और पुलिस विभाग इन विवाह स्थलों की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर क्या कदम उठाते हैं।

अब सवाल यह है: क्या प्रशासन केवल बड़े हादसे का इंतजार कर रहा है, या फिर शुल्क लेकर ‘शुभ’ कार्य कराने वाले इन विवाह स्थलों की सुरक्षा और वैधानिकता सुनिश्चित करने के लिए त्वरित कार्रवाई करेगा?

Richa Sahay

ऋचा सहाय — पत्रकारिता और न्याय जगत की एक सशक्त आवाज़, जिनका अनुभव दोनों क्षेत्रों में अद्वितीय है। वर्तमान में The 4th Pillar की वरिष्ठ समाचार संपादक के रूप में कार्यरत ऋचा सहाय दशकों से राजनीति, समाज, खेल, व्यापार और क्राइम जैसी विविध विषयों पर बेबाक, तथ्यपूर्ण और संवेदनशील लेखन के लिए जानी जाती हैं। उनकी लेखनी की सबसे खास बात है – जटिल मुद्दों को सरल, सुबोध भाषा में इस तरह प्रस्तुत करना कि पाठक हर पहलू को सहजता से समझ सकें।पत्रकारिता के साथ-साथ ऋचा सहाय एक प्रतिष्ठित वकील भी हैं। LLB और MA Political Science की डिग्री के साथ, उन्होंने क्राइम मामलों में गहरी न्यायिक समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण स्थापित किया है। उनके अनुभव की गहराई न केवल अदालतों की बहसों में दिखाई देती है, बल्कि पत्रकारिता में उनके दृष्टिकोण को भी प्रभावशाली बनाती है।दोनों क्षेत्रों में वर्षों की तपस्या और सेवा ने ऋचा सहाय को एक ऐसा व्यक्तित्व बना दिया है जो ज्ञान, निडरता और संवेदनशीलता का प्रेरक संगम है।

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