धनु संक्रांति पर आज से शुरू हुआ खरमास, राहुकाल में न करें ये कार्य, जानें शुभ मुहूर्त और पंचांग

16 दिसंबर 2025 को मंगलवार के दिन राहुकाल, शुभ मुहूर्त, पंचांग और धार्मिक महत्व की संपूर्ण जानकारी, साथ ही जानें क्या करें और क्या न करें इस विशेष दिन।



रायपुर, 16 दिसंबर 2025 – आज 16 दिसंबर 2025 को राहुकाल दोपहर 12:00 बजे से 1:30 बजे तक रहेगा। इस दौरान कोई भी शुभ कार्य करने से बचना चाहिए क्योंकि यह समय नकारात्मक ऊर्जा से प्रभावित माना जाता है। आज का अभिजीत मुहूर्त दोपहर 11:51 से 12:33 तक है, जो राहुकाल से पहले समाप्त हो रहा है, अतः यह शुभ कार्यों के लिए उपयुक्त है।

 

राहुकाल क्या होता है और क्यों होता है

राहुकाल एक विशेष कालखंड होता है जिसे वैदिक ज्योतिष में अशुभ माना गया है। यह समय प्रतिदिन अलग-अलग होता है और राहु ग्रह की नकारात्मक ऊर्जा से प्रभावित होता है। मान्यता है कि इस समय में कोई भी नया कार्य, यात्रा, व्यापार, विवाह, मुहूर्त आदि आरंभ करना अशुभ फलदायी हो सकता है। राहुकाल में किए गए कार्यों में बाधाएं, विघ्न और असफलता की संभावना अधिक होती है।


आज का राहुकाल (16 दिसंबर 2025, मंगलवार):

आज राहुकाल दोपहर 12:00 बजे से 1:30 बजे तक रहेगा। यह समय विशेष रूप से अशुभ माना जाता है। इस दौरान निम्न कार्यों से बचना चाहिए:

राहुकाल में क्या न करें:

  • नया व्यापार या व्यवसाय शुरू न करें
  • यात्रा की शुरुआत न करें
  • विवाह, सगाई, गृह प्रवेश, नामकरण जैसे मांगलिक कार्य न करें
  • कोई महत्वपूर्ण निर्णय या निवेश न लें

राहुकाल में क्या करें:

  • मंत्र जाप, ध्यान, साधना, हनुमान चालीसा का पाठ
  • नकारात्मक ऊर्जा से बचाव हेतु राहु मंत्र का जाप
  • पुराने कार्यों को पूर्ण करना

आज का अभिजीत मुहूर्त:

दोपहर 11:51 से 12:33 बजे तक
यह समय अत्यंत शुभ माना जाता है और किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत के लिए उपयुक्त होता है। चूंकि आज का अभिजीत मुहूर्त राहुकाल से पहले समाप्त हो रहा है, अतः इस समय का उपयोग किया जा सकता है।

यदि राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त एक साथ पड़ जाएं तो क्या करें

यदि अभिजीत मुहूर्त और राहुकाल एक ही समय पर पड़ते हैं, तो राहुकाल की अशुभता अधिक प्रभावी मानी जाती है। ऐसे में शुभ कार्यों को टालना ही उचित होता है। हालांकि, कुछ विद्वान मानते हैं कि अभिजीत मुहूर्त की शक्ति राहुकाल को भी निष्क्रिय कर सकती है, लेकिन यह मत सर्वमान्य नहीं है। अतः सावधानी बरतना बेहतर होता है।


आज के शुभ मुहूर्त (16 दिसंबर 2025):

  • ब्रह्म मुहूर्त: प्रातः 5:08 से 6:02 बजे तक
  • अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 11:51 से 12:33 बजे तक
  • गोधूलि मुहूर्त: शाम 5:35 से 6:00 बजे तक
  • अमृत काल: रात 9:15 से 10:45 बजे तक

आज के अशुभ मुहूर्त:

  • राहुकाल: दोपहर 12:00 से 1:30 बजे तक
  • गुलिक काल: सुबह 9:00 से 10:30 बजे तक
  • यमगण्ड काल: दोपहर 1:30 से 3:00 बजे तक

आज का पंचांग (16 दिसंबर 2025):

  • तिथि: कृष्ण पक्ष द्वादशी
  • वार: मंगलवार
  • नक्षत्र: स्वाति (दोपहर 2:49 बजे तक), फिर विशाखा
  • योग: सिद्ध
  • सूर्योदय: प्रातः 6:35 बजे
  • सूर्यास्त: शाम 5:30 बजे
  • चंद्रमा की स्थिति: तुला राशि में
  • पर्व/व्रत: धनु संक्रांति, खरमास प्रारंभ

धार्मिक महत्व:
आज धनु संक्रांति है, जब सूर्य देव धनु राशि में प्रवेश करते हैं। इसी के साथ खरमास की शुरुआत होती है, जो एक माह तक चलता है। इस अवधि में विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन, नामकरण जैसे मांगलिक कार्य वर्जित माने जाते हैं। आज के दिन सूर्य देव को अर्घ्य देने और हनुमान चालीसा का पाठ करने से विशेष पुण्य प्राप्त होता है।


डिस्क्लेमर (www.the4thpillar.live):
यह समाचार धार्मिक मान्यताओं, पंचांग गणनाओं और ज्योतिषीय स्रोतों पर आधारित है। पाठकों से अनुरोध है कि किसी भी धार्मिक या मांगलिक कार्य से पूर्व संबंधित विशेषज्ञ या पंडित से परामर्श अवश्य लें। यह रिपोर्ट केवल सामान्य जानकारी हेतु है।

Richa Sahay

ऋचा सहाय — पत्रकारिता और न्याय जगत की एक सशक्त आवाज़, जिनका अनुभव दोनों क्षेत्रों में अद्वितीय है। वर्तमान में The 4th Pillar की वरिष्ठ समाचार संपादक के रूप में कार्यरत ऋचा सहाय दशकों से राजनीति, समाज, खेल, व्यापार और क्राइम जैसी विविध विषयों पर बेबाक, तथ्यपूर्ण और संवेदनशील लेखन के लिए जानी जाती हैं। उनकी लेखनी की सबसे खास बात है – जटिल मुद्दों को सरल, सुबोध भाषा में इस तरह प्रस्तुत करना कि पाठक हर पहलू को सहजता से समझ सकें।पत्रकारिता के साथ-साथ ऋचा सहाय एक प्रतिष्ठित वकील भी हैं। LLB और MA Political Science की डिग्री के साथ, उन्होंने क्राइम मामलों में गहरी न्यायिक समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण स्थापित किया है। उनके अनुभव की गहराई न केवल अदालतों की बहसों में दिखाई देती है, बल्कि पत्रकारिता में उनके दृष्टिकोण को भी प्रभावशाली बनाती है।दोनों क्षेत्रों में वर्षों की तपस्या और सेवा ने ऋचा सहाय को एक ऐसा व्यक्तित्व बना दिया है जो ज्ञान, निडरता और संवेदनशीलता का प्रेरक संगम है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button