आज का पंचांग: देवउठनी एकादशी और तुलसी विवाह का महासंयोग, राहुकाल में रहें सतर्क

राहुकाल क्या है और क्यों होता है
राहु को ज्योतिष में एक छाया ग्रह माना गया है। यह किसी भी भौतिक ग्रह की तरह आकाशीय पिंड नहीं है, बल्कि सूर्य और चंद्रमा के परिक्रमा पथ के कटान बिंदु को दर्शाता है। राहु को भ्रम, अनिश्चितता, बाधाओं और आकस्मिक घटनाओं का प्रतीक माना जाता है।
जब इसका प्रभाव अधिक सक्रिय होता है, तो उस अवधि को राहुकाल कहते हैं। ज्योतिषीय गणना के अनुसार, सूर्योदय से सूर्यास्त तक के समय को आठ बराबर भागों में बाँटा जाता है, और प्रत्येक दिन एक भाग राहु के आधिपत्य में आता है, जिसे राहुकाल कहा जाता है।
शुभ कार्य वर्जित क्यों
मान्यता है कि राहुकाल के दौरान शुरू किए गए किसी भी शुभ या मांगलिक कार्य में अक्सर बाधाएँ आती हैं और वांछित शुभ फल नहीं मिलता है, या फिर कार्य का परिणाम विपरीत हो सकता है। राहु की नकारात्मक ऊर्जा के कारण इस समय शुरू किया गया कार्य बिना किसी रुकावट के पूरा नहीं हो पाता है।
आज का पंचांग: 02 नवंबर 2025 (रविवार)
आज कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि प्रातः 07:31 बजे तक रहेगी, जिसके बाद द्वादशी तिथि आरंभ हो जाएगी। आज का दिन धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि आज देवउठनी एकादशी के बाद तुलसी विवाह का पावन पर्व मनाया जा रहा है।
पंचांग विवरण:
- विक्रम संवत: 2082 (विश्वावसु)
- शक संवत: 1947
- मास: कार्तिक (शुक्ल पक्ष)
- तिथि: एकादशी (प्रातः 07:31 बजे तक), तत्पश्चात द्वादशी
- नक्षत्र: पूर्वा भाद्रपद (शाम 05:03 बजे तक), तत्पश्चात उत्तर भाद्रपद
- योग: व्याघात (रात 11:11 बजे तक)
- करण: विष्टि (प्रातः 07:31 बजे तक), तत्पश्चात बावा
- सूर्य राशि: तुला
- चंद्र राशि: कुंभ (शाम 05:03 बजे तक), तत्पश्चात मीन
- सूर्योदय: प्रातः 06:34 बजे
- सूर्यास्त: शाम 05:35 बजे
आज का धार्मिक महत्व: तुलसी विवाह
आज कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि पर तुलसी विवाह का पावन पर्व मनाया जाएगा। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इसी दिन भगवान विष्णु चार महीने के शयन (योगनिद्रा) के बाद जागृत होते हैं, इसलिए इस दिन को देवउठनी एकादशी के रूप में मनाया जाता है। द्वादशी तिथि पर शालिग्राम (भगवान विष्णु का स्वरूप) और तुलसी का विवाह संपन्न कराया जाता है, जिसके साथ ही सभी मांगलिक कार्य जैसे विवाह, गृह प्रवेश आदि फिर से शुरू हो जाते हैं। इस दिन व्रत रखने और तुलसी-शालिग्राम का विवाह कराने से सुख, समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। आज त्रिपुष्कर योग और सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है, जो तुलसी विवाह और शुभ कार्यों के लिए अत्यंत कल्याणकारी है।
आज के शुभ और अशुभ मुहूर्त
आज का अशुभ समय (राहुकाल और अन्य अशुभ मुहूर्त)
- राहुकाल (Rahu Kaal): शाम 04:06 बजे से शाम 05:28 बजे तक। यह समय किसी भी नए शुभ कार्य के लिए पूर्णतः वर्जित है।
- यमगण्ड (Yamaganda): दोपहर 12:04 बजे से दोपहर 01:27 बजे तक।
- गुलिक काल (Gulik Kaal): दोपहर 02:50 बजे से शाम 04:12 बजे तक।
- दुर्मुहूर्त (Dur Muhurtam): शाम 04:15 बजे से शाम 04:59 बजे तक।
- वर्ज्यम् (Varjyam): रात 01:52 बजे (3 नवंबर) से प्रातः 03:20 बजे (3 नवंबर) तक।
आज के शुभ मुहूर्त
- अभिजीत मुहूर्त (Abhijit Muhurt): सुबह 11:42 बजे से दोपहर 12:26 बजे तक।
- अमृत काल (Amrit Kaal): सुबह 09:29 बजे से सुबह 11:00 बजे तक।
- विजय मुहूर्त (Vijay Muhurt): दोपहर 01:55 बजे से दोपहर 02:39 बजे तक।
- गोधूलि मुहूर्त (Godhuli Muhurt): शाम 05:35 बजे से शाम 06:01 बजे तक।
- सर्वार्थ सिद्धि योग: शाम 05:03 बजे से अगले दिन सुबह 06:34 बजे तक।
- लाभ-उन्नति मुहूर्त: सुबह 08:44 बजे से 10:07 बजे तक।
- अमृत सर्वोत्तम मुहूर्त: सुबह 10:07 बजे से 11:31 बजे तक।
- तुलसी विवाह का शुभ मुहूर्त: शाम 05:35 बजे से आरंभ।
राहुकाल में क्या करें और क्या न करें?
क्या न करें (वर्जित कार्य): राहुकाल में कोई नया काम या व्यापार शुरू न करें, महत्वपूर्ण यात्रा आरंभ न करें (खासकर दक्षिण दिशा की), धन का निवेश या बड़ा आर्थिक लेन-देन न करें, विवाह, सगाई, गृह प्रवेश जैसे मांगलिक कार्य न करें, वाहन, संपत्ति, या बहुमूल्य वस्तु न खरीदें और हस्ताक्षर या महत्वपूर्ण समझौता करने से बचें।
क्या करें (अनुमत कार्य): पहले से शुरू किए गए कार्य जारी रखना, मंत्र जाप, ध्यान और पूजा-पाठ (नया अनुष्ठान शुरू न करें), पुराने बिलों का भुगतान करना और रोगियों का उपचार शुरू करना शुभ माना जाता है।
राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का टकराव
यदि राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त एक साथ पड़ जाए, तो ज्योतिषीय नियम यह कहता है कि राहुकाल के दौरान किसी भी शुभ कार्य को शुरू करने से बचना चाहिए, भले ही वह अभिजीत मुहूर्त के साथ पड़ रहा हो। इसका कारण यह है कि राहु के शक्तिशाली अशुभ प्रभाव के सामने अभिजीत मुहूर्त की शुभता कमजोर पड़ जाती है। इसलिए, ऐसे में शुभ कार्य अभिजीत मुहूर्त में भी नहीं किया जाना चाहिए।
अस्वीकरण (Disclaimer)
इस खबर में दी गई पंचांग और मुहूर्त की जानकारी ज्योतिषीय गणनाओं और प्रचलित मान्यताओं पर आधारित है। समय और मुहूर्त स्थान (शहर) के अनुसार थोड़े भिन्न हो सकते हैं। पाठक को किसी भी शुभ या महत्वपूर्ण कार्य को करने से पहले स्थानीय पंडित या विशेषज्ञ से सलाह लेने की सिफारिश की जाती है। www.the4thpillar.live इन जानकारियों के आधार पर किसी भी परिणाम के लिए जिम्मेदार नहीं होगा।



