बिल्ली गई हज को तो चूहे पहुंचे अंतरिक्ष: चीन का शेनझोउ-21 मिशन रिकॉर्ड समय में अंतरिक्ष स्टेशन पहुंचा, 3 एस्ट्रोनॉट्स और 4 चूहों के साथ शुरू हुआ वैज्ञानिक प्रयोगों का नया अध्याय
चीन ने अंतरिक्ष विज्ञान में एक नया कीर्तिमान स्थापित करते हुए शेनझोउ-21 अंतरिक्ष यान को सफलतापूर्वक अपने तियानगोंग अंतरिक्ष स्टेशन से जोड़ दिया है। इस मिशन की खास बात यह रही कि पहली बार चीन ने अंतरिक्ष में जीवित चूहों को भेजा है, जिन पर भारहीनता के प्रभावों का अध्ययन किया जाएगा। मिशन में तीन अंतरिक्ष यात्री भी शामिल हैं, जो छह महीने तक स्टेशन पर रहकर 27 वैज्ञानिक प्रयोगों को अंजाम देंगे।

रायपुर, 1 नवंबर 2025: चीन की चाइना मैन्ड स्पेस एजेंसी (CMSA) ने शुक्रवार रात 11:44 बजे स्थानीय समयानुसार जिउक्वान सैटेलाइट लॉन्च सेंटर से शेनझोउ-21 को लॉन्च किया। यह यान सिर्फ साढ़े तीन घंटे में तियानगोंग अंतरिक्ष स्टेशन से जुड़ गया, जो पिछले मिशन की तुलना में तीन घंटे तेज है।
अंतरिक्ष दल की संरचना:
- कमांडर झांग लू: पूर्व शेनझोउ-15 मिशन के अनुभवी पायलट
- वू फी (32): चीन के सबसे युवा अंतरिक्ष यात्री, इंजीनियर
- झांग होंगझांग: पेलोड विशेषज्ञ, नई ऊर्जा और सामग्रियों पर शोधकर्ता
चूहों का अंतरिक्ष सफर:
इस मिशन में चार चूहे (दो नर, दो मादा) भी शामिल हैं, जिन्हें 60 दिनों के प्रशिक्षण के बाद 300 चूहों में से चुना गया। ये पांच से सात दिन अंतरिक्ष स्टेशन में रहेंगे और फिर शेनझोउ-20 के माध्यम से पृथ्वी पर लौटेंगे। चीनी विज्ञान अकादमी के अनुसार, इन चूहों पर माइक्रोग्रैविटी और सीमितता के प्रभावों का अध्ययन किया जाएगा।
वैज्ञानिक प्रयोग और अनुसंधान:
अंतरिक्ष यात्री जैव प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष चिकित्सा, पदार्थ विज्ञान जैसे क्षेत्रों में 27 प्रयोग करेंगे। यह मिशन चीन के दीर्घकालिक अंतरिक्ष अनुसंधान की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
चंद्रमा मिशन और अंतरराष्ट्रीय सहयोग:
CMSA के प्रवक्ता झांग जिंगबो ने बताया कि चंद्रमा पर मानव मिशन की योजना पर काम जारी है। साथ ही पाकिस्तान के दो अंतरिक्ष यात्रियों को प्रशिक्षण देने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, जिनमें से एक को पेलोड विशेषज्ञ के रूप में अल्पकालिक मिशन पर भेजा जाएगा। यह चीन के अंतरिक्ष स्टेशन पर किसी विदेशी यात्री की पहली यात्रा होगी।
अंतरिक्ष विज्ञान में चीन की बढ़ती ताकत:
शेनझोउ-21 मिशन चीन के अंतरिक्ष कार्यक्रम का सातवां मानवयुक्त अभियान है। 2022 में पूर्ण रूप से सक्रिय हुए तियानगोंग स्टेशन पर यह मिशन लगातार मानव उपस्थिति बनाए रखने की दिशा में एक और सफल प्रयास है।



