छत्तीसगढ़ भारतमाला परियोजना में 200 करोड़ से अधिक का मुआवजा घोटाला, हाईकोर्ट ने अग्रिम जमानत याचिकाएं खारिज कीं, कई अधिकारी फरार

छत्तीसगढ़ के 11 जिलों में मुआवजा वितरण में गड़बड़ी, ईओडब्ल्यू और एसीबी की संयुक्त कार्रवाई में तीन पटवारी गिरफ्तार, पांच अधिकारी फरार।



रायपुर, 31 अक्टूबर 2025 — भारतमाला परियोजना के तहत भूमि अधिग्रहण मुआवजा वितरण में हुए बहुचर्चित घोटाले ने छत्तीसगढ़ प्रशासन को हिला कर रख दिया है। 43 करोड़ रुपये से शुरू हुई जांच अब 200 करोड़ रुपये से अधिक के भ्रष्टाचार की आशंका तक पहुंच चुकी है, जिसमें कई वरिष्ठ अधिकारी, पटवारी और निजी कारोबारी शामिल पाए गए हैं।

छत्तीसगढ़ में भारतमाला परियोजना के तहत भूमि अधिग्रहण मुआवजा वितरण में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार उजागर हुआ है। रायपुर-विशाखापट्टनम इकॉनॉमिक कॉरिडोर से जुड़े इस मामले में आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) और एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए तीन पटवारियों को गिरफ्तार किया है।  इनमें दिनेश पटेल (नायकबांधा), लेखराज देवांगन (टोकरो) और बसंती धृतलहरे (भेलवाडीह) शामिल हैं।
गिरफ्तारी के बाद अभनपुर के पूर्व एसडीएम निर्भय साहू, आरआई रोशनलाल वर्मा, तहसीलदार शशिकांत कुर्रे, नायब तहसीलदार लखेश्वर किरण और पटवारी जितेंद्र साहू फरार हो गए हैं। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने इन सभी की अग्रिम जमानत याचिकाएं खारिज कर दी हैं। चीफ जस्टिस रमेशचंद्र सिन्हा की पीठ ने मामले को गंभीर आर्थिक अनियमितता मानते हुए किसी भी आरोपी को राहत देने से इनकार किया।

 

ईओडब्ल्यू ने इस मामले में 8 हजार पन्नों की चार्जशीट दाखिल की है, जिसमें धारा 7C, 12 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 (संशोधित 2018) और धारा 409, 467, 468, 471, 420, 120B आईपीसी के तहत मामला दर्ज किया गया है।

इससे पहले प्रॉपर्टी डीलर हरमीत खनूजा, कारोबारी विजय जैन, केदार तिवारी और उनकी पत्नी उमा तिवारी को भी गिरफ्तार किया गया था, जिन्हें बाद में कोर्ट से जमानत मिल गई। जांच में सामने आया कि एक ही जमीन को कई टुकड़ों में बांटकर फर्जी नामांतरण कराए गए, जिससे सरकार को करोड़ों का नुकसान हुआ।

राज्य के 11 जिलों — रायपुर, दुर्ग, धमतरी, कांकेर, कोंडागांव, कोरबा, रायगढ़, जशपुर, राजनांदगांव, बिलासपुर और जांजगीर-चांपा में मुआवजा वितरण में गड़बड़ियों की जांच चल रही है। 1349 किसानों ने पाटन ब्लॉक में भूमि अधिग्रहण से जुड़ी अनियमितताओं पर आवेदन दिए हैं।

राजस्व विभाग की सचिव रीना बाबा साहेब कंगाले ने अवकाश पर होने का हवाला देते हुए टिप्पणी से इनकार कर दिया। धमतरी कलेक्टर अविनाश मिश्रा ने मामले की जांच कराने की बात कही है।

राज्य सरकार ने विस्तृत जांच रिपोर्ट केंद्र को भेज दी है। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय इस मामले को सीबीआई या ईडी को सौंपने पर विचार कर रहा है। नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर सीबीआई जांच की मांग की है, वहीं रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से चर्चा की है।

ईओडब्ल्यू और एसीबी अब फरार अधिकारियों की संपत्तियों को कुर्क करने की प्रक्रिया शुरू करने जा रही है। इस मामले में राजस्व विभाग से लेकर एनएचआई तक के अधिकारी जांच के दायरे में हैं।

Richa Sahay

ऋचा सहाय — पत्रकारिता और न्याय जगत की एक सशक्त आवाज़, जिनका अनुभव दोनों क्षेत्रों में अद्वितीय है। वर्तमान में The 4th Pillar की वरिष्ठ समाचार संपादक के रूप में कार्यरत ऋचा सहाय दशकों से राजनीति, समाज, खेल, व्यापार और क्राइम जैसी विविध विषयों पर बेबाक, तथ्यपूर्ण और संवेदनशील लेखन के लिए जानी जाती हैं। उनकी लेखनी की सबसे खास बात है – जटिल मुद्दों को सरल, सुबोध भाषा में इस तरह प्रस्तुत करना कि पाठक हर पहलू को सहजता से समझ सकें।पत्रकारिता के साथ-साथ ऋचा सहाय एक प्रतिष्ठित वकील भी हैं। LLB और MA Political Science की डिग्री के साथ, उन्होंने क्राइम मामलों में गहरी न्यायिक समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण स्थापित किया है। उनके अनुभव की गहराई न केवल अदालतों की बहसों में दिखाई देती है, बल्कि पत्रकारिता में उनके दृष्टिकोण को भी प्रभावशाली बनाती है।दोनों क्षेत्रों में वर्षों की तपस्या और सेवा ने ऋचा सहाय को एक ऐसा व्यक्तित्व बना दिया है जो ज्ञान, निडरता और संवेदनशीलता का प्रेरक संगम है।

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