PM किसान सम्मान निधि की 21वीं किस्त: चूक न जाएं ज़रूरी काम, नहीं तो अटक जाएंगे ₹2000

केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत किसानों को जल्द ही 21वीं किस्त जारी होने की उम्मीद है। हालांकि, किस्त जारी होने से पहले लाभार्थियों को e-KYC (ई-केवाईसी) और भू-सत्यापन (लैंड सीडिंग) जैसे अनिवार्य कार्य पूरे करने होंगे। कृषि मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि जिन किसानों के ये दोनों काम लंबित हैं, उनकी 21वीं किस्त अटक सकती है। 21वीं किस्त नवंबर के पहले सप्ताह में जारी होने की संभावना है। किसानों को सलाह दी गई है कि वे अपने लाभार्थी स्टेटस की जांच करें और आधार से बैंक खाता लिंक कराना सुनिश्चित करें ताकि ₹2,000 की राशि मिलने में कोई देरी न हो।



रायुपर, 31 अक्टूबर, 2025: देश के करोड़ों किसानों के लिए बड़ी खबर है। केंद्र की मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PM KISAN) की अगली यानी 21वीं किस्त जल्द ही किसानों के बैंक खातों में आने वाली है।

इस योजना के तहत, सरकार सालाना ₹6,000 की राशि ₹2,000 की तीन किस्तों में सीधे किसानों के खाते में भेजती है, जिससे गरीब और सीमांत किसानों को आर्थिक संबल मिलता है। अब तक इस योजना की कुल 20 किस्तें सफलतापूर्वक भेजी जा चुकी हैं।

ज़रूरी शर्तें पूरी न करने पर अटक जाएगी किस्त

कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने साफ कर दिया है कि 21वीं किस्त का लाभ केवल उन्हीं किसानों को मिलेगा जिन्होंने योजना से जुड़ी अनिवार्य शर्तें पूरी कर ली हैं। अक्सर किसान इन महत्वपूर्ण कार्यों को नज़रअंदाज़ कर देते हैं, जिससे उन्हें मिलने वाला आर्थिक लाभ रुक जाता है।

किसानों को ये दो बड़ी गलतियां करने से बचना है:

  1. e-KYC (ई-केवाईसी) न करवाना: सरकार ने योजना के तहत धोखाधड़ी रोकने और लाभार्थियों की पहचान सुनिश्चित करने के लिए e-KYC को अनिवार्य कर दिया है। जिन किसानों का ई-केवाईसी लंबित है, उनकी अगली किस्त रुक सकती है। किसान इसे पीएम किसान पोर्टल पर ओटीपी के माध्यम से या नजदीकी सीएससी केंद्र (CSC Centre) पर बायोमेट्रिक तरीके से करवा सकते हैं।
  2. भू-सत्यापन (Land Seeding) न होना: भू-सत्यापन यानी लैंड रिकॉर्ड्स को योजना के डेटाबेस से लिंक कराना भी अनिवार्य है। बहुत से किसान अपने कृषि विभाग या स्थानीय राजस्व कार्यालय से यह सत्यापन नहीं करवाते हैं, जिससे उनका नाम लाभार्थी सूची से हटाया जा सकता है। लाभार्थियों को अपने स्टेटस में यह सुनिश्चित करना होगा कि ‘लैंड सीडिंग’ के आगे Yes लिखा हो।

अन्य ज़रूरी काम:

  • आधार-बैंक खाता लिंक (NPCI Mapping): अब पीएम किसान का पैसा आधार आधारित पेमेंट मोड (Aadhaar Based Payment) के माध्यम से भेजा जाता है। इसके लिए किसान का बैंक खाता आधार से लिंक होना चाहिए और उसमें NPCI मैपिंग भी होनी चाहिए।
  • बैंक विवरण ठीक करना: अगर किसान के बैंक खाते से जुड़ी कोई जानकारी (जैसे नाम या खाता संख्या) पोर्टल पर उपलब्ध जानकारी से मेल नहीं खाती है (Data Mismatch), तो किस्त मिलने में देरी हो सकती है। इसे भी जल्द से जल्द ठीक करवाना आवश्यक है।

21वीं किस्त कब तक जारी हो सकती है?

हालांकि केंद्र सरकार ने अभी तक 21वीं किस्त जारी करने की आधिकारिक तारीख की घोषणा नहीं की है, लेकिन योजना के नियमानुसार किस्तें हर साल अप्रैल-जुलाई, अगस्त-नवंबर, और दिसंबर-मार्च की अवधि में जारी की जाती हैं।

  • 20वीं किस्त अगस्त 2025 में जारी की गई थी।
  • विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स और सूत्रों के अनुसार, 21वीं किस्त नवंबर 2025 के पहले या दूसरे सप्ताह में किसानों के खातों में ट्रांसफर होने की प्रबल संभावना है। कुछ राज्यों (जैसे हिमाचल प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर) में प्राकृतिक आपदा के चलते यह किस्त पहले ही जारी की जा चुकी है।

किसानों को सलाह दी जाती है कि वे किस्त का स्टेटस जानने के लिए नियमित रूप से pmkisan.gov.in पर लाभार्थी स्टेटस (Beneficiary Status) विकल्प की जांच करते रहें।

Richa Sahay

ऋचा सहाय — पत्रकारिता और न्याय जगत की एक सशक्त आवाज़, जिनका अनुभव दोनों क्षेत्रों में अद्वितीय है। वर्तमान में The 4th Pillar की वरिष्ठ समाचार संपादक के रूप में कार्यरत ऋचा सहाय दशकों से राजनीति, समाज, खेल, व्यापार और क्राइम जैसी विविध विषयों पर बेबाक, तथ्यपूर्ण और संवेदनशील लेखन के लिए जानी जाती हैं। उनकी लेखनी की सबसे खास बात है – जटिल मुद्दों को सरल, सुबोध भाषा में इस तरह प्रस्तुत करना कि पाठक हर पहलू को सहजता से समझ सकें।पत्रकारिता के साथ-साथ ऋचा सहाय एक प्रतिष्ठित वकील भी हैं। LLB और MA Political Science की डिग्री के साथ, उन्होंने क्राइम मामलों में गहरी न्यायिक समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण स्थापित किया है। उनके अनुभव की गहराई न केवल अदालतों की बहसों में दिखाई देती है, बल्कि पत्रकारिता में उनके दृष्टिकोण को भी प्रभावशाली बनाती है।दोनों क्षेत्रों में वर्षों की तपस्या और सेवा ने ऋचा सहाय को एक ऐसा व्यक्तित्व बना दिया है जो ज्ञान, निडरता और संवेदनशीलता का प्रेरक संगम है।

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