राहुकाल और शुभ मुहूर्त: 15 अक्टूबर 2025 को शुभ कार्यों के लिए सही समय जानें


राहुकाल का रहस्य: अशुभ क्यों माना जाता है यह समय
रायपुर, 15 अक्टूबर 2025: ज्योतिष शास्त्र में राहु को एक छाया ग्रह माना गया है, जिसका कोई भौतिक अस्तित्व नहीं है, लेकिन इसका प्रभाव बहुत शक्तिशाली होता है।
हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, समुद्र मंथन के दौरान जब विष्णु भगवान ने मोहिनी रूप धारण कर देवताओं को अमृत पिलाया था, तब राहु (जिसे तब स्वरभानु कहा जाता था) छल से अमृतपान करने लगा था।
सूर्य और चंद्रमा ने उसे पहचान लिया, जिसके बाद भगवान विष्णु ने सुदर्शन चक्र से उसका सिर धड़ से अलग कर दिया। चूंकि राहु के गले से अमृत उतर चुका था, इसलिए सिर और धड़ अमर हो गए और राहु एवं केतु के रूप में छाया ग्रहों के नाम से जाने गए।
राहु को पाप ग्रह और विघ्नकारी माना जाता है। ज्योतिष में, सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच लगभग डेढ़ घंटे (90 मिनट) की अवधि पर राहु का आधिपत्य रहता है, जिसे राहुकाल कहते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस दौरान राहु का नकारात्मक प्रभाव बहुत अधिक बढ़ जाता है।
इसलिए, राहुकाल में शुरू किए गए किसी भी नए या शुभ कार्य में बाधाएं आती हैं, और कार्य विपरीत फल दे सकता है या फिर अधूरा रह जाता है। इसी कारण, इस समय को शुभ कार्यों के लिए वर्जित माना गया है।
आज, 15 अक्टूबर 2025 (बुधवार) का पंचांग एवं शुभ-अशुभ मुहूर्त
आज, 15 अक्टूबर 2025, बुधवार का दिन है। हिंदू पंचांग के अनुसार यह कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि है।
आज का विस्तृत पंचांग
- तिथि: नवमी (सुबह 10:35 बजे तक, उसके बाद दशमी)
- नक्षत्र: पुष्य (दोपहर 12:01 बजे तक, उसके बाद अश्लेषा)
- पुष्य नक्षत्र को अत्यंत शुभ माना जाता है, खासकर गुरु पुष्य योग के दिन।
- योग: साध्य (देर रात 02:57 बजे, 16 अक्टूबर तक)
- करण: गर (सुबह 10:37 बजे तक), उसके बाद वणिज
- वार: बुधवार
- हिन्दू मास: कार्तिक (पूर्णिमांत), आश्विन (अमांत)
- विक्रम संवत: 2082 (कालयुक्त)
- सूर्योदय: प्रातः 06:21 बजे
- सूर्यास्त: सायं 05:52 बजे (स्थान विशेष के अनुसार थोड़ा अंतर संभव)
- चन्द्रमा: कर्क राशि में संचरण करेंगे।
राहुकाल का समय
आज बुधवार को राहुकाल का समय दोपहर के आसपास रहेगा। यह अवधि लगभग 90 मिनट की होती है।
- राहुकाल: दोपहर 12:06 बजे से दोपहर 01:31 बजे तक (स्थानीय समयानुसार कुछ मिनट का अंतर संभव)
राहुकाल में क्या करें और क्या न करें
राहुकाल में क्या न करें (वर्जित कार्य):
- नए कार्य की शुरुआत: कोई भी नया व्यापार, नौकरी या परियोजना शुरू न करें।
- महत्वपूर्ण यात्रा: लंबी दूरी की यात्रा या किसी महत्वपूर्ण उद्देश्य से यात्रा शुरू न करें।
- मांगलिक कार्य: विवाह, सगाई, मुंडन, गृह प्रवेश या धार्मिक संस्कार शुरू न करें।
- धन का लेन-देन: बड़ा निवेश, ऋण लेना या देना, और संपत्ति की खरीद-बिक्री न करें।
- खरीदारी: सोना, चांदी, या वाहन जैसी महंगी वस्तुएं खरीदना अशुभ माना जाता है।
- यज्ञ/हवन: विशेष अनुष्ठान या हवन शुरू करने से बचें।
राहुकाल में क्या करें (अनुमत कार्य):
- पहले से चल रहे कार्य: जो कार्य पहले से शुरू किए जा चुके हैं, उन्हें जारी रखने में कोई दोष नहीं है।
- पूजा-पाठ: मंत्र जाप, ध्यान, या धार्मिक पुस्तकें पढ़ने जैसे आध्यात्मिक कार्य किए जा सकते हैं, बशर्ते वह कोई नया अनुष्ठान न हो।
- राहु/शिव की उपासना: राहु के अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए भगवान शिव की पूजा या राहु के मंत्रों का जाप किया जा सकता है।
आज के शुभ मुहूर्त
आज, बुधवार के दिन, अभिजीत मुहूर्त (जो सबसे शुभ माना जाता है) सामान्यतः नहीं होता है। हालांकि, चौघड़िया मुहूर्त शुभ रहेंगे।
- शुभ चौघड़िया (लाभ, अमृत, शुभ):
- लाभ: प्रातः 06:21 बजे से प्रातः 07:46 बजे तक
- अमृत: प्रातः 07:46 बजे से प्रातः 09:12 बजे तक
- शुभ: प्रातः 10:37 बजे से दोपहर 12:03 बजे तक
- सर्वार्थ सिद्धि योग: आज सूर्योदय से लेकर दोपहर 12:01 बजे तक सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा, जो पुष्य नक्षत्र के कारण बन रहा है। यह योग सभी प्रकार के शुभ कार्यों के लिए अत्यंत फलदायी माना जाता है।
राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का संयोग: क्या है समाधान
अभिजीत मुहूर्त दिन का सबसे शुभ मुहूर्त माना जाता है, जो सामान्यतः दोपहर के समय 48 मिनट के लिए होता है। हालांकि, ज्योतिषीय नियम के अनुसार, बुधवार के दिन अभिजीत मुहूर्त वर्जित माना जाता है, क्योंकि अक्सर इस दिन यह राहुकाल के साथ ओवरलैप करता है या इसका प्रभाव कम हो जाता है।
यदि कभी राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त एक साथ पड़ जाए, तो ऐसे में अभिजीत मुहूर्त का शुभत्व कम हो जाता है। शुभ कार्य की शुरुआत के लिए विद्वानजन इस समय को टालने की ही सलाह देते हैं।
हालांकि, यदि कोई अति आवश्यक कार्य हो और समय की बाध्यता हो, तो अभिजीत मुहूर्त में कार्य शुरू किया जा सकता है, लेकिन बुधवार को अभिजीत मुहूर्त की अनुपस्थिति के कारण आज ऐसी दुविधा उत्पन्न नहीं होगी। इसके बजाय, आज सर्वार्थ सिद्धि योग का उपयोग करना अत्यंत शुभ रहेगा।
आज का धार्मिक महत्व: कृष्ण नवमी और पुष्य नक्षत्र
आज कार्तिक कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि है, जो विशेष रूप से पितृ तर्पण और देवी कालरात्रि की पूजा के लिए शुभ मानी जाती है।
- पितृ तर्पण: यह दिन पूर्वजों को श्रद्धापूर्वक तर्पण अर्पित करने और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण है।
- कालरात्रि पूजा: यह तिथि देवी कालरात्रि की उपासना के लिए भी विशेष मानी जाती है, जिनकी पूजा से जीवन से भय, रोग और नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है।
- पुष्य नक्षत्र: दोपहर तक पुष्य नक्षत्र है, जिसे सभी नक्षत्रों में सर्वोत्तम माना गया है। इस दौरान किए गए कार्य स्थिर और फलदायी होते हैं, जैसे कि नए आभूषण खरीदना, निवेश करना या विद्या ग्रहण करना।
डिस्क्लेमर: यह पंचांग और मुहूर्त की जानकारी धार्मिक मान्यताओं और ज्योतिषीय गणनाओं पर आधारित है। विभिन्न क्षेत्रों के पंचांग और सूर्योदय/सूर्यास्त के समय में आंशिक अंतर संभव है। www.the4thpillar.live किसी भी व्यक्तिगत निर्णय या उसके परिणाम की जिम्मेदारी नहीं लेता है।