Viral Video: भागते रावण ने दशहरा पर उठाए सवाल; ‘हर साल मुझे क्यों जलाते हो, पहले अपने अंदर का रावण खत्म करो’
सोशल मीडिया पर दशहरा के दिन वायरल हुआ एक वीडियो लोगों को सोचने पर मजबूर कर रहा है। रावण की पोशाक में भागते हुए एक शख्स ने पुतला दहन की परंपरा पर सवाल उठाए और समाज को आत्ममंथन करने की सलाह दी।


रायपुर, 2 अक्टूबर 2025: दशहरा पर रावण दहन की परंपरा को लेकर हर साल चर्चाएं होती हैं, लेकिन इस बार एक वीडियो ने सोशल मीडिया पर नई बहस छेड़ दी है। रावण की पोशाक पहने एक शख्स का वीडियो वायरल हो गया है जिसमें वह भागते हुए नजर आता है और जनता से सवाल करता है कि क्या हर साल रावण जलाकर पाप खत्म हो जाता है ?
इस वीडियो को एक्स (पूर्व ट्विटर) पर @LegalAdvisour नामक हैंडल से शेयर किया गया है और अब तक हजारों बार देखा जा चुका है।
वीडियो में रावण बने शख्स के पीछे बच्चे और लोग दौड़ते नजर आते हैं। जब उससे पूछा गया कि वह क्यों भाग रहा है, तो उसने कहा कि ये पागल जनता हर साल उसे जलाने के लिए पीछे पड़ी रहती है।
उसने कहा कि उसने केवल एक गलती की थी, जबकि हर इंसान तीन गलतियों की माफी का हकदार होता है। उसने चुनौती देते हुए कहा कि अगर कोई राम जैसा व्यक्ति उसे जलाने आए तो वह दस बार जलने को तैयार है, लेकिन ऐसे लोग जो खुद रावण हैं, उनसे वह सवाल करता है कि क्या दुनिया में सिर्फ वही पापी था ?
रावण का दर्द और समाज पर सवाल
वीडियो में रावण बने शख्स ने कहा कि लोग रावण का पुतला जलाकर खुश हो जाते हैं, जैसे धरती से पाप खत्म हो गया हो। लेकिन असलियत यह है कि हर घर में एक रावण बैठा है। उसने कहा कि पहले अपने अंदर के रावण को मारो, फिर दूसरों को जलाने की बात करो। यह बयान लोगों को आत्ममंथन करने पर मजबूर कर रहा है।
यूजर्स की प्रतिक्रियाएं
वीडियो पर सोशल मीडिया यूजर्स ने तीखी और भावनात्मक प्रतिक्रियाएं दी हैं। एक यूजर ने लिखा कि रावण का हर साल पुतला जलाना सही नहीं है, पहले खुद राम बनो।
दूसरे ने कहा कि रावण महाराज की बात बिल्कुल सही है, लेकिन ऐसा होता कहां है। तीसरे ने लिखा कि रावण भी देखता होगा तो दुखी होता होगा, क्योंकि आज के समाज में उससे भी बड़े रावण बैठे हैं जो केवल प्रतीकात्मक रावण को जलाकर खुद को पुण्यात्मा समझते हैं।
समाज में उठते सवाल
यह वीडियो केवल एक वायरल क्लिप नहीं, बल्कि दशहरा की परंपरा पर एक सामाजिक टिप्पणी बन गया है। हर साल रावण दहन के पीछे जो नैतिक संदेश होता है, वह इस वीडियो के माध्यम से फिर से चर्चा में आ गया है। क्या केवल प्रतीकात्मक रावण को जलाना ही पर्याप्त है, या समाज को अपने भीतर की बुराइयों से भी लड़ना चाहिए ?
विजयदशमी के दिन राष्ट्र के नाम रावण का संदेश…. सभी को सुनना चाहिए pic.twitter.com/tY4TYqrXfb
— बघीरा 😺 (@LegalAdvisour) October 2, 2025
निष्कर्ष:
दशहरा का पर्व अच्छाई की जीत का प्रतीक है, लेकिन यह वीडियो दर्शाता है कि अच्छाई की परिभाषा केवल पुतला जलाने तक सीमित नहीं होनी चाहिए। समाज को आत्ममंथन करना होगा कि क्या हम सच में रावण को जला रहे हैं या केवल एक परंपरा निभा रहे हैं। यह वीडियो एक चेतावनी है कि हर साल रावण जलाने से पहले अपने भीतर झांकना जरूरी है।