राहुकाल में क्यों नहीं किए जाते शुभ कार्य? जानिए आज का पंचांग, शुभ मुहूर्त और धार्मिक महत्व

27 सितंबर 2025 को शनिवार के दिन राहुकाल, अभिजीत मुहूर्त और पंचांग की विस्तृत जानकारी के साथ जानिए क्या करें और क्या न करें इस विशेष समय में।



रायपुर, 27 सितंबर 2025: राहुकाल हिन्दू ज्योतिष का एक ऐसा कालखंड है जिसे अशुभ माना जाता है। यह समय प्रतिदिन अलग-अलग होता है और ग्रहों की स्थिति के अनुसार बदलता रहता है।

राहुकाल का संबंध राहु ग्रह से है, जिसे छाया ग्रह माना गया है। यह समय किसी भी नए कार्य की शुरुआत के लिए वर्जित होता है क्योंकि मान्यता है कि इस दौरान किए गए कार्यों में बाधाएं आती हैं या वे सफल नहीं होते।

आज का राहुकाल (27 सितंबर 2025, शनिवार):
आज शनिवार को राहुकाल का समय सुबह 09:12 बजे से 10:42 बजे तक रहेगा। इस दौरान कोई भी नया कार्य जैसे यात्रा आरंभ करना, व्यापार शुरू करना, विवाह, गृह प्रवेश, वाहन खरीदना या कोई धार्मिक अनुष्ठान आरंभ करना वर्जित माना जाता है।

राहुकाल में क्या न करें:

  • कोई भी नया कार्य आरंभ न करें
  • यात्रा की शुरुआत न करें
  • महत्वपूर्ण निर्णय या समझौते न करें
  • पूजा-पाठ या धार्मिक अनुष्ठान की शुरुआत न करें

राहुकाल में क्या करें:

  • पहले से चल रहे कार्यों को जारी रख सकते हैं
  • ध्यान, जप, साधना कर सकते हैं
  • राहु ग्रह की शांति के लिए उपाय जैसे राहु मंत्र का जाप, नीले रंग का दान, तिल का दान आदि कर सकते हैं

राहुकाल में कार्य क्यों नहीं किए जाते

ज्योतिषीय मान्यता के अनुसार राहु एक छाया ग्रह है जो भ्रम, बाधा और अनिश्चितता का प्रतीक है। इस समय में नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव अधिक होता है जिससे कार्यों में विघ्न उत्पन्न हो सकता है। इसलिए शुभ कार्यों से बचना ही श्रेयस्कर होता है।

यदि राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त एक साथ पड़ जाए तो क्या करें

अभिजीत मुहूर्त को दिन का सबसे श्रेष्ठ मुहूर्त माना जाता है, जो हर दिन लगभग 48 मिनट का होता है। यदि यह राहुकाल से ओवरलैप करता है तो ज्योतिषाचार्यों की राय में अभिजीत मुहूर्त की श्रेष्ठता राहुकाल की अशुभता को निष्क्रिय कर सकती है।

ऐसे में विशेष परिस्थितियों में शुभ कार्य अभिजीत मुहूर्त में किए जा सकते हैं, लेकिन यदि विकल्प हो तो राहुकाल से पूर्णतः बचना बेहतर होता है।

आज के शुभ मुहूर्त (27 सितंबर 2025):

  • ब्रह्म मुहूर्त: 04:36 AM से 05:24 AM
  • अभिजीत मुहूर्त: 11:48 AM से 12:36 PM
  • विजय मुहूर्त: 02:12 PM से 03:00 PM
  • गोधूलि मुहूर्त: 06:12 PM से 06:36 PM
  • संध्या मुहूर्त: 06:12 PM से 07:24 PM
  • अमृत काल: 01:26 PM से 03:14 PM

आज का पंचांग (27 सितंबर 2025):

  • तिथि: आश्विन शुक्ल पक्ष पंचमी (12:03 PM तक), इसके बाद षष्ठी
  • वार: शनिवार
  • नक्षत्र: अनुराधा (01:08 AM, 28 सितंबर तक)
  • योग: प्रीति (11:46 PM तक)
  • करण: बालव (12:03 PM तक), फिर कौलव
  • सूर्योदय: 06:12 AM
  • सूर्यास्त: 06:12 PM
  • चंद्रोदय: 11:01 AM
  • चंद्रास्त: 09:15 PM
  • सूर्य: कन्या राशि में
  • चंद्रमा: वृश्चिक राशि में

आज का धार्मिक महत्व:

आज शारदीय नवरात्रि का छठा दिन है, जिसमें माता कात्यायनी की पूजा की जाती है। यह दिन शक्ति की उपासना और साधना के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। साथ ही आज शनिवार का व्रत भी है, जो शनि देव को समर्पित होता है।

शनि ग्रह न्याय और कर्मफल के कारक हैं, अतः आज के दिन हनुमान जी और शनि देव की पूजा विशेष फलदायी मानी जाती है। इसके अतिरिक्त आज बिल्व निमंत्रण का अनुष्ठान भी किया जा सकता है, जो दुर्गा पूजा की तैयारी का एक महत्वपूर्ण भाग है।

 

डिस्क्लेमर : यह समाचार केवल धार्मिक और ज्योतिषीय जागरूकता के उद्देश्य से प्रस्तुत किया गया है। इसमें दी गई जानकारी विभिन्न स्रोतों से संकलित की गई है और इसका उद्देश्य किसी भी प्रकार की व्यक्तिगत सलाह देना नहीं है। पाठकों से अनुरोध है कि किसी भी धार्मिक या ज्योतिषीय निर्णय से पूर्व विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें। www.the4thpillar.live ऊपर दी गई जानकारी की पुष्टि नहीं करता है।

Richa Sahay

ऋचा सहाय — पत्रकारिता और न्याय जगत की एक सशक्त आवाज़, जिनका अनुभव दोनों क्षेत्रों में अद्वितीय है। वर्तमान में The 4th Pillar की वरिष्ठ समाचार संपादक के रूप में कार्यरत ऋचा सहाय दशकों से राजनीति, समाज, खेल, व्यापार और क्राइम जैसी विविध विषयों पर बेबाक, तथ्यपूर्ण और संवेदनशील लेखन के लिए जानी जाती हैं। उनकी लेखनी की सबसे खास बात है – जटिल मुद्दों को सरल, सुबोध भाषा में इस तरह प्रस्तुत करना कि पाठक हर पहलू को सहजता से समझ सकें।पत्रकारिता के साथ-साथ ऋचा सहाय एक प्रतिष्ठित वकील भी हैं। LLB और MA Political Science की डिग्री के साथ, उन्होंने क्राइम मामलों में गहरी न्यायिक समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण स्थापित किया है। उनके अनुभव की गहराई न केवल अदालतों की बहसों में दिखाई देती है, बल्कि पत्रकारिता में उनके दृष्टिकोण को भी प्रभावशाली बनाती है।दोनों क्षेत्रों में वर्षों की तपस्या और सेवा ने ऋचा सहाय को एक ऐसा व्यक्तित्व बना दिया है जो ज्ञान, निडरता और संवेदनशीलता का प्रेरक संगम है।

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