राहुकाल और शुभ मुहूर्त 26 सितंबर 2025: जानिए आज के दिन का पंचांग, धार्मिक महत्व और शुभ-अशुभ समय



रायपुर, 26 सितंबर 2025: आज शुक्रवार के दिन राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त एक साथ पड़ रहे हैं। जानिए किस समय से बचना है और किस समय में कार्य करना शुभ रहेगा। साथ ही जानिए आज का पंचांग और धार्मिक महत्व।


राहुकाल क्या होता है और क्यों होता है

राहुकाल वैदिक ज्योतिष में एक ऐसा समय माना जाता है जिसमें कोई भी शुभ कार्य जैसे विवाह, नया व्यापार, यात्रा, खरीदारी, गृह प्रवेश आदि नहीं करना चाहिए।

यह काल राहु ग्रह की नकारात्मक ऊर्जा से प्रभावित होता है। राहु एक छाया ग्रह है जो भ्रम, बाधा और अनिश्चितता का प्रतीक माना जाता है।

राहुकाल हर दिन अलग-अलग समय पर होता है और इसका निर्धारण सूर्योदय के समय से किया जाता है। यह लगभग 90 मिनट का होता है।

उदाहरण के लिए, यदि किसी दिन सूर्योदय 6:00 बजे हुआ है, तो शुक्रवार को राहुकाल 10:30 बजे से 12:00 बजे तक रहेगा।


26 सितंबर 2025 का राहुकाल (रायपुर के अनुसार)

  • समय: सुबह 10:48 बजे से दोपहर 12:18 बजे तक1
  • इस समय क्या न करें:
    • कोई नया कार्य शुरू न करें
    • यात्रा आरंभ न करें
    • विवाह, सगाई, गृह प्रवेश जैसे मांगलिक कार्य न करें
    • कोई बड़ा निवेश या खरीदारी न करें
  • इस समय क्या करें:
    • ध्यान, मंत्र जाप, आत्मचिंतन
    • पूर्व नियोजित कार्यों को पूरा करना
    • आध्यात्मिक साधना

राहुकाल में कार्य क्यों नहीं करना चाहिए

राहुकाल में राहु ग्रह की नकारात्मक ऊर्जा सक्रिय रहती है। इस समय में शुरू किए गए कार्यों में बाधा, भ्रम, विफलता या अनचाही घटनाएं हो सकती हैं। इसलिए परंपरागत रूप से इस समय को टालने की सलाह दी जाती है।


क्या राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त एक साथ पड़ जाए तो क्या करें

अभिजीत मुहूर्त एक अत्यंत शुभ समय होता है जो दिन के मध्य में आता है। यदि यह राहुकाल से ओवरलैप करता है, तो ज्योतिषाचार्यों की राय में अभिजीत मुहूर्त की शुभता राहुकाल की अशुभता को कुछ हद तक निष्क्रिय कर सकती है।

आज अभिजीत मुहूर्त: सुबह 11:54 बजे से दोपहर 12:41 बजे तक2
आज राहुकाल: सुबह 10:48 बजे से दोपहर 12:18 बजे तक2

इस स्थिति में यदि कार्य अत्यंत आवश्यक हो, तो अभिजीत मुहूर्त के भीतर किया जा सकता है, लेकिन सावधानी और मंत्र जाप के साथ।


आज का शुभ मुहूर्त (26 सितंबर 2025)

  • ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 04:44 से 05:32
  • अभिजीत मुहूर्त: सुबह 11:54 से दोपहर 12:41
  • विजय मुहूर्त: दोपहर 02:12 से 03:00
  • गोधूलि मुहूर्त: शाम 06:13 से 06:37
  • अमृत काल: दोपहर 12:09 से 01:57
  • रवि योग: रात 10:09 से अगले दिन सुबह 06:12 तक
  • सर्वार्थ सिद्धि योग: रात 10:09 से अगले दिन सुबह 06:12 तक1

आज का पंचांग (26 सितंबर 2025)

  • तिथि: आश्विन शुक्ल पक्ष चतुर्थी (09:33 AM तक), इसके बाद पंचमी
  • वार: शुक्रवार
  • नक्षत्र: विशाखा (10:09 PM तक), फिर अनुराधा
  • योग: विष्कम्भ (10:50 PM तक), फिर प्रीति
  • करण: विष्टि (09:33 AM तक), फिर बव
  • सूर्योदय: 06:11 AM
  • सूर्यास्त: 06:13 PM
  • चंद्रमा: 03:23 PM तक तुला राशि में, फिर वृश्चिक राशि में1

आज का धार्मिक महत्व

आज शारदीय नवरात्रि का पांचवां दिन है, जो माता स्कंदमाता की आराधना को समर्पित है। साथ ही आज उपांग ललिता व्रत भी है, जो देवी ललिता त्रिपुरसुंदरी की उपासना का दिन है। शुक्रवार का दिन माता लक्ष्मी को समर्पित होता है, अतः आज लक्ष्मी पूजन विशेष फलदायी रहेगा2


डिस्क्लेमर : यह जानकारी वैदिक ज्योतिषीय गणनाओं और सार्वजनिक स्रोतों पर आधारित है। यह केवल सामान्य मार्गदर्शन हेतु है। किसी भी शुभ कार्य से पूर्व स्थानीय पंचांग और विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लें। www.the4thpillar.live ऊपर दी गई जानकारी की पुष्टि नहीं करता है।


Richa Sahay

ऋचा सहाय — पत्रकारिता और न्याय जगत की एक सशक्त आवाज़, जिनका अनुभव दोनों क्षेत्रों में अद्वितीय है। वर्तमान में The 4th Pillar की वरिष्ठ समाचार संपादक के रूप में कार्यरत ऋचा सहाय दशकों से राजनीति, समाज, खेल, व्यापार और क्राइम जैसी विविध विषयों पर बेबाक, तथ्यपूर्ण और संवेदनशील लेखन के लिए जानी जाती हैं। उनकी लेखनी की सबसे खास बात है – जटिल मुद्दों को सरल, सुबोध भाषा में इस तरह प्रस्तुत करना कि पाठक हर पहलू को सहजता से समझ सकें।पत्रकारिता के साथ-साथ ऋचा सहाय एक प्रतिष्ठित वकील भी हैं। LLB और MA Political Science की डिग्री के साथ, उन्होंने क्राइम मामलों में गहरी न्यायिक समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण स्थापित किया है। उनके अनुभव की गहराई न केवल अदालतों की बहसों में दिखाई देती है, बल्कि पत्रकारिता में उनके दृष्टिकोण को भी प्रभावशाली बनाती है।दोनों क्षेत्रों में वर्षों की तपस्या और सेवा ने ऋचा सहाय को एक ऐसा व्यक्तित्व बना दिया है जो ज्ञान, निडरता और संवेदनशीलता का प्रेरक संगम है।

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