Panchang: राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त के संयोग में आज का दिन विशेष: मां ब्रह्मचारिणी की आराधना और पंचांग का विस्तृत विश्लेषण
आज मंगलवार को राहुकाल दोपहर 03:15 बजे से 04:46 बजे तक रहेगा, वहीं अभिजीत मुहूर्त 11:49 बजे से 12:37 बजे तक। नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा का विशेष महत्व है। जानिए आज के शुभ-अशुभ समय, धार्मिक महत्व और पूजा विधि।


रायपुर, 23 सितंबर 2025: आज मंगलवार को राहुकाल दोपहर 03:15 बजे से 04:46 बजे तक रहेगा, वहीं अभिजीत मुहूर्त 11:49 बजे से 12:37 बजे तक। नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा का विशेष महत्व है। जानिए आज के शुभ-अशुभ समय, धार्मिक महत्व और पूजा विधि।
राहुकाल क्या होता है और क्यों होता है
राहुकाल वैदिक ज्योतिष में प्रतिदिन का एक ऐसा समय होता है जिसे अशुभ माना जाता है। यह काल राहु ग्रह के प्रभाव में होता है, जो छाया ग्रह है और नकारात्मक ऊर्जा का प्रतिनिधित्व करता है।
हर दिन राहुकाल का समय अलग-अलग होता है और यह सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच लगभग डेढ़ घंटे का होता है। इस समय कोई भी नया कार्य, यात्रा, खरीदारी, निवेश या शुभ कार्य शुरू नहीं करना चाहिए क्योंकि माना जाता है कि राहु की छाया उस कार्य को बाधित कर सकती है या नकारात्मक परिणाम दे सकती है।
23 सितंबर 2025 का राहुकाल
- समय: दोपहर 03:15 बजे से 04:46 बजे तक
- क्या न करें:
- नया व्यापार या सौदा शुरू न करें
- यात्रा आरंभ न करें
- विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन जैसे संस्कार न करें
- कोई नया दस्तावेज़ या अनुबंध साइन न करें
- क्या करें:
- मौन व्रत, ध्यान, मंत्र जाप
- पूर्व नियोजित कार्यों को जारी रखें
- धार्मिक ग्रंथों का अध्ययन
- मां दुर्गा या हनुमान जी की आराधना
राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का संयोग: क्या करें
आज अभिजीत मुहूर्त 11:49 बजे से 12:37 बजे तक रहेगा1। यह मुहूर्त दिन का सबसे शक्तिशाली और शुभ समय माना जाता है।
यदि राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त एक साथ पड़ जाएं, तो अभिजीत मुहूर्त की शक्ति राहुकाल के प्रभाव को निष्क्रिय कर सकती है।
ऐसे में यदि कार्य अत्यंत आवश्यक हो, तो अभिजीत मुहूर्त में किया जा सकता है, लेकिन सावधानी और मंत्र जाप के साथ।
आज के अन्य शुभ मुहूर्त
- ब्रह्म मुहूर्त: 04:35 AM – 05:22 AM
- विजय मुहूर्त: 02:14 PM – 03:03 PM
- गोधूलि मुहूर्त: 06:16 PM – 06:40 PM
- संध्या मुहूर्त: 06:16 PM – 07:28 PM
- अमृत काल: 07:06 AM – 08:51 AM
आज का पंचांग (23 सितंबर 2025)
- वार: मंगलवार
- हिंदू मास: आश्विन शुक्ल पक्ष
- तिथि: द्वितीया (04:51 AM तक), उसके बाद तृतीया
- नक्षत्र: हस्त (01:40 PM तक), फिर चित्रा
- योग: ब्रह्म (08:23 PM तक), फिर इन्द्र
- करण: बालव (03:51 PM तक), फिर कौलव
- सूर्योदय: 06:10 AM
- सूर्यास्त: 06:16 PM
- चंद्रोदय: 07:19 AM
- चंद्रास्त: 06:58 PM
धार्मिक महत्व: नवरात्रि का दूसरा दिन
आज शारदीय नवरात्रि का दूसरा दिन है, जो मां ब्रह्मचारिणी को समर्पित है। यह देवी तप, संयम और आत्मबल की प्रतीक हैं।
मां ब्रह्मचारिणी का स्वरूप अत्यंत शांत और तेजस्वी होता है।
वे श्वेत वस्त्र धारण करती हैं, उनके हाथों में जपमाला और कमंडल होता है। उनकी पूजा से साधक को आत्मबल, धैर्य और लक्ष्य प्राप्ति की शक्ति मिलती है।
पौराणिक कथा:
मां ब्रह्मचारिणी वही हैं जिन्होंने पूर्व जन्म में पार्वती रूप में भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त करने हेतु कठोर तप किया। उन्होंने हजारों वर्षों तक फल, पत्ते और अंततः बिना अन्न-जल के तप किया।
उनकी निष्ठा से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें पत्नी रूप में स्वीकार किया। इसी तप की पराकाष्ठा के कारण वे ब्रह्मचारिणी कहलाईं।
पूजा विधि और समय:
- समय: प्रातःकाल 06:10 AM से 08:00 AM तक सर्वोत्तम
- विधि:
- श्वेत पुष्प, मिश्री और दूध का भोग अर्पित करें
- घी का दीपक जलाएं
- मंत्र जाप करें:
- मूल मंत्र: ॐ देवी ब्रह्मचारिण्यै नमः
- जप संख्या: 108 बार
- ध्यान करें और प्रसाद का वितरण करें
डिस्क्लेमर : यह लेख धार्मिक मान्यताओं, पंचांग गणना और ज्योतिषीय सूत्रों पर आधारित है। इसका उद्देश्य जनसामान्य को मार्गदर्शन देना है। किसी भी धार्मिक या ज्योतिषीय निर्णय से पूर्व विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लें। www.the4thpillar.live इस जानकारी की पूर्णता या सटीकता की जिम्मेदारी नहीं लेता।