Panchang: आज का पंचांग: राहुकाल और शुभ मुहूर्त, जानें 17 सितंबर 2025 का ज्योतिषीय हाल



17 सितंबर 2025: राहुकाल और शुभ मुहूर्त का महत्व

क्या है राहुकाल और क्यों है अशुभ

ज्योतिष में राहुकाल को एक अशुभ समय माना जाता है, जो हर दिन लगभग 90 मिनट तक रहता है। यह छाया ग्रह राहु के प्रभाव से बनता है, जिसे ज्योतिष में आकस्मिक और विघ्नकारी घटनाओं का कारक माना जाता है। मान्यता है कि राहुकाल में किए गए किसी भी शुभ या महत्वपूर्ण कार्य के सफल होने की संभावना कम हो जाती है। इस समय किए गए कार्यों में बाधाएँ आ सकती हैं या उनका फल नकारात्मक हो सकता है। इसलिए, इस समय किसी भी नए काम, शुभ कार्य या यात्रा की शुरुआत करने से बचना चाहिए।

17/09/2025: आज का राहुकाल, शुभ और अशुभ मुहूर्त

आज का राहुकाल (बुधवार): दोपहर 12:20 बजे से दोपहर 01:53 बजे तक।

राहुकाल में क्या नहीं करना चाहिए:

  • नए काम की शुरुआत: कोई भी नया व्यापार, नौकरी या परियोजना इस समय शुरू न करें।
  • महत्वपूर्ण यात्रा: किसी भी लंबी या महत्वपूर्ण यात्रा की शुरुआत इस समय करने से बचें।
  • शुभ संस्कार: शादी, सगाई, गृह प्रवेश जैसे शुभ कार्य इस समय नहीं करने चाहिए।
  • निवेश: आर्थिक निवेश, नया वाहन या संपत्ति खरीदने से बचें।
  • महत्वपूर्ण बातचीत: किसी भी समझौते या महत्वपूर्ण मीटिंग को इस समय टाल दें।

राहुकाल में क्या करना चाहिए:

  • ध्यान और पूजा-पाठ: इस समय धार्मिक कार्यों, जैसे मंत्र जाप, ध्यान और पूजा-पाठ करना शुभ माना जाता है।
  • अधूरे कार्य: पहले से शुरू किए गए कार्यों को पूरा कर सकते हैं।
  • नियमित कार्य: रोजमर्रा के सामान्य कार्य किए जा सकते हैं।
  • आध्यात्मिक कार्य: दान-पुण्य और धार्मिक पुस्तकें पढ़ना लाभकारी होता है।

आज के शुभ और अशुभ मुहूर्त:

  • शुभ मुहूर्त (अभिजीत मुहूर्त): सुबह 11:51 बजे से दोपहर 12:40 बजे तक।
  • शुभ मुहूर्त (अमृत काल): सुबह 10:25 बजे से दोपहर 12:00 बजे तक।
  • अशुभ मुहूर्त (यमगण्ड): सुबह 07:48 बजे से सुबह 09:21 बजे तक।
  • अशुभ मुहूर्त (गुलिक काल): सुबह 10:54 बजे से दोपहर 12:27 बजे तक।

राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का टकराव

यह एक दुर्लभ स्थिति है कि राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त एक साथ पड़ें। ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार, अभिजीत मुहूर्त एक अत्यंत शक्तिशाली और शुभ मुहूर्त है, जो सभी दोषों का नाश करता है। इसलिए, यदि किसी कारणवश राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त एक साथ पड़ते हैं, तो अभिजीत मुहूर्त में शुभ कार्य किया जा सकता है। हालांकि, इस तरह की स्थिति में अत्यधिक सावधानी बरतनी चाहिए और यदि संभव हो तो राहुकाल के समाप्त होने तक इंतजार करना सबसे सुरक्षित विकल्प होता है।

आज का पंचांग और धार्मिक महत्व

आज की तिथि: अश्विन कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि, शाम 07:18 तक।

आज का नक्षत्र: रेवती नक्षत्र, शाम 06:54 तक।

आज का योग: व्याघात योग, दोपहर 02:22 तक।

आज का करण: तैतिल, सुबह 08:35 तक।

आज का दिन: बुधवार

सूर्य और चंद्र की स्थिति:

  • सूर्योदय: सुबह 06:15 बजे
  • सूर्यास्त: शाम 06:24 बजे
  • चंद्रोदय: शाम 08:08 बजे
  • चंद्रास्त: सुबह 07:18 बजे (18 सितंबर)

आज का धार्मिक महत्व:

आज बुधवार का दिन होने के कारण यह भगवान गणेश को समर्पित है। गणेश जी को विघ्नहर्ता माना जाता है, इसलिए आज के दिन उनकी पूजा-अर्चना करने से सभी कार्य सफल होते हैं और बाधाएं दूर होती हैं। आज के दिन गणेश चालीसा का पाठ और “ओम गं गणपतये नमः” मंत्र का जाप करना विशेष रूप से लाभकारी होता है।

Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी ज्योतिषीय मान्यताओं और पंचांग पर आधारित है। किसी भी महत्वपूर्ण कार्य को करने से पहले अपने व्यक्तिगत पंचांग और किसी विशेषज्ञ ज्योतिषी से परामर्श लेना उचित होगा। www.the4thpillar.live किसी भी परिणाम की गारंटी नहीं लेता है।

Richa Sahay

ऋचा सहाय — पत्रकारिता और न्याय जगत की एक सशक्त आवाज़, जिनका अनुभव दोनों क्षेत्रों में अद्वितीय है। वर्तमान में The 4th Pillar की वरिष्ठ समाचार संपादक के रूप में कार्यरत ऋचा सहाय दशकों से राजनीति, समाज, खेल, व्यापार और क्राइम जैसी विविध विषयों पर बेबाक, तथ्यपूर्ण और संवेदनशील लेखन के लिए जानी जाती हैं। उनकी लेखनी की सबसे खास बात है – जटिल मुद्दों को सरल, सुबोध भाषा में इस तरह प्रस्तुत करना कि पाठक हर पहलू को सहजता से समझ सकें।पत्रकारिता के साथ-साथ ऋचा सहाय एक प्रतिष्ठित वकील भी हैं। LLB और MA Political Science की डिग्री के साथ, उन्होंने क्राइम मामलों में गहरी न्यायिक समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण स्थापित किया है। उनके अनुभव की गहराई न केवल अदालतों की बहसों में दिखाई देती है, बल्कि पत्रकारिता में उनके दृष्टिकोण को भी प्रभावशाली बनाती है।दोनों क्षेत्रों में वर्षों की तपस्या और सेवा ने ऋचा सहाय को एक ऐसा व्यक्तित्व बना दिया है जो ज्ञान, निडरता और संवेदनशीलता का प्रेरक संगम है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button