आज का पंचांग: 16 सितंबर 2025 का राहुकाल, शुभ मुहूर्त और धार्मिक महत्व



राहुकाल और शुभ मुहूर्त,16 सितंबर, 2025 का ज्योतिषीय समय

समझें राहुकाल और उसके प्रभाव

वैदिक ज्योतिष में राहुकाल को एक अशुभ समय माना जाता है, जो दिन के कुछ निश्चित घंटों में पड़ता है। यह समय ग्रहों के सेनापति राहु के प्रभाव में होता है। राहु एक छाया ग्रह है, जिसे शुभ कार्यों में बाधा उत्पन्न करने वाला माना जाता है। ज्योतिषियों के अनुसार, राहुकाल में शुरू किए गए कार्य अक्सर सफल नहीं होते या उनमें अप्रत्याशित बाधाएं आती हैं। यही कारण है कि इस समय किसी भी महत्वपूर्ण या शुभ कार्य को शुरू करने से बचना चाहिए।

16 सितंबर, 2025 के लिए राहुकाल का समय

आज, 16 सितंबर, 2025, मंगलवार को राहुकाल का समय दोपहर 03:22 PM से शाम 04:54 PM तक रहेगा। इस दौरान किसी भी नए कार्य की शुरुआत करने से बचें।

राहुकाल में क्या करें और क्या न करें

क्या न करें:

  • नया कार्य: इस दौरान कोई भी नया व्यवसाय, नौकरी या नया प्रोजेक्ट शुरू न करें।
  • यात्रा: किसी भी महत्वपूर्ण यात्रा की शुरुआत इस समय से बचना चाहिए।
  • खरीद-फरोख्त: विशेषकर वाहन, घर या कोई महंगी वस्तु खरीदने से बचें।
  • शुभ कार्य: शादी, सगाई, मुंडन या गृह प्रवेश जैसे शुभ कार्य इस समय नहीं करने चाहिए।
  • लेन-देन: बड़े आर्थिक लेन-देन या निवेश करने से बचें, क्योंकि इसमें नुकसान हो सकता है।

क्या करें:

  • दिनचर्या के कार्य: आप अपनी सामान्य दिनचर्या के कार्य, जैसे भोजन करना, आराम करना या कार्यालय का काम कर सकते हैं।
  • पुराने कार्य: पहले से चल रहे कार्यों को जारी रखा जा सकता है।
  • आध्यात्मिक कार्य: ध्यान, पूजा-पाठ और मंत्र जाप करना शुभ होता है। इससे राहु के नकारात्मक प्रभाव को कम किया जा सकता है।

आज के शुभ मुहूर्त: 16 सितंबर, 2025

शुभ मुहूर्त वह समय होता है जब ग्रह और नक्षत्रों की स्थिति शुभ और अनुकूल होती है, जिससे कार्यों में सफलता मिलने की संभावना बढ़ जाती है।

  • अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 11:51 AM से 12:40 PM तक।
    • यह दिन का सबसे शुभ मुहूर्त माना जाता है। इस समय कोई भी शुभ या नया कार्य शुरू किया जा सकता है।
  • विजय मुहूर्त: दोपहर 02:17 PM से 03:06 PM तक।
    • यह भी एक शुभ मुहूर्त है जो किसी भी कार्य में विजय प्राप्त करने के लिए उत्तम है।

यदि राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त एक साथ पड़ जाए तो

यह एक दुर्लभ स्थिति है, लेकिन यदि ऐसा होता है, तो ज्योतिषीय सलाह यह है कि अभिजीत मुहूर्त को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। अभिजीत मुहूर्त की शक्ति राहुकाल के नकारात्मक प्रभावों को कम कर सकती है। हालांकि, यदि संभव हो तो राहुकाल से पूरी तरह बचना ही सबसे उत्तम उपाय है। यदि कोई और विकल्प न हो, तो अभिजीत मुहूर्त में शुभ कार्य किया जा सकता है।

16 सितंबर, 2025 का पंचांग

  • तारीख: 16 सितंबर, 2025
  • दिन: मंगलवार
  • पंचांग: विक्रम संवत 2082, शक संवत 1947
  • मास: अश्विन (आश्विन)
  • पक्ष: कृष्ण पक्ष
  • तिथि: चतुर्दशी, सुबह 08:34 AM तक, उसके बाद अमावस्या
  • नक्षत्र: पूर्वा फाल्गुनी, रात 10:15 PM तक, उसके बाद उत्तरा फाल्गुनी
  • करण: गर, सुबह 08:34 AM तक, उसके बाद वणिज
  • योग: साध्य, सुबह 07:44 AM तक, उसके बाद शुभ
  • सूर्य राशि: कन्या
  • चंद्र राशि: सिंह
  • सूर्योदय: सुबह 06:07 AM
  • सूर्यास्त: शाम 06:36 PM

आज का धार्मिक महत्व

आज अश्विन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि है। इसके बाद अमावस्या तिथि शुरू हो जाएगी। यह तिथि पितरों को याद करने और उनके लिए तर्पण करने के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है। कुछ जगहों पर इसे मास शिवरात्रि के रूप में भी मनाया जाता है, जहां भक्त भगवान शिव की पूजा करते हैं।


Disclaimer: यह जानकारी ज्योतिषीय गणनाओं और मान्यताओं पर आधारित है, और इसका उद्देश्य केवल सूचना और मार्गदर्शन प्रदान करना है। यह किसी भी तरह से व्यक्तिगत सलाह या गारंटी नहीं है। अपने जीवन के महत्वपूर्ण निर्णयों के लिए, कृपया किसी योग्य विशेषज्ञ से परामर्श करें। www.the4thpillar.live किसी भी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा जो इस जानकारी के उपयोग से हो सकता है।

Richa Sahay

ऋचा सहाय — पत्रकारिता और न्याय जगत की एक सशक्त आवाज़, जिनका अनुभव दोनों क्षेत्रों में अद्वितीय है। वर्तमान में The 4th Pillar की वरिष्ठ समाचार संपादक के रूप में कार्यरत ऋचा सहाय दशकों से राजनीति, समाज, खेल, व्यापार और क्राइम जैसी विविध विषयों पर बेबाक, तथ्यपूर्ण और संवेदनशील लेखन के लिए जानी जाती हैं। उनकी लेखनी की सबसे खास बात है – जटिल मुद्दों को सरल, सुबोध भाषा में इस तरह प्रस्तुत करना कि पाठक हर पहलू को सहजता से समझ सकें।पत्रकारिता के साथ-साथ ऋचा सहाय एक प्रतिष्ठित वकील भी हैं। LLB और MA Political Science की डिग्री के साथ, उन्होंने क्राइम मामलों में गहरी न्यायिक समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण स्थापित किया है। उनके अनुभव की गहराई न केवल अदालतों की बहसों में दिखाई देती है, बल्कि पत्रकारिता में उनके दृष्टिकोण को भी प्रभावशाली बनाती है।दोनों क्षेत्रों में वर्षों की तपस्या और सेवा ने ऋचा सहाय को एक ऐसा व्यक्तित्व बना दिया है जो ज्ञान, निडरता और संवेदनशीलता का प्रेरक संगम है।

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