Panchang: 13 सितंबर 2025 का राहुकाल, शुभ मुहूर्त और पंचांग: जानिए आज के दिन क्या करें और क्या नहीं



शनिवार के दिन राहुकाल, अभिजीत मुहूर्त, पंचांग और धार्मिक महत्व की विस्तृत जानकारी। शुभ कार्यों की योजना से पहले अवश्य पढ़ें।


राहुकाल क्या होता है और क्यों होता है

राहुकाल वैदिक ज्योतिष में एक ऐसा समय होता है जिसे अशुभ माना जाता है। यह काल हर दिन अलग-अलग समय पर आता है और इसकी अवधि लगभग 90 मिनट होती है। यह समय राहु ग्रह की नकारात्मक ऊर्जा से प्रभावित होता है, जो भ्रम, विघ्न और अनिश्चितता का प्रतीक है। इस काल में कोई भी नया कार्य, शुभ आरंभ, यात्रा, खरीदारी, विवाह, गृह प्रवेश या पूजन आदि नहीं करना चाहिए।

राहुकाल का निर्धारण सूर्योदय के समय के आधार पर किया जाता है और यह सप्ताह के प्रत्येक दिन अलग-अलग समय पर आता है। यह काल शुभ कार्यों में विघ्न डाल सकता है, इसलिए इससे बचना उचित होता है।


आज 13 सितंबर 2025 का राहुकाल

  • दिन: शनिवार
  • राहुकाल का समय: सुबह 09:19 बजे से 10:51 बजे तक

इस समय के दौरान कोई भी नया या शुभ कार्य शुरू करने से बचना चाहिए।


राहुकाल में क्या नहीं करना चाहिए

  • विवाह, सगाई, गृह प्रवेश, मुहूर्त पूजन
  • नया व्यापार या निवेश शुरू करना
  • यात्रा आरंभ करना
  • कोई नया समझौता या दस्तावेज पर हस्ताक्षर

राहुकाल में क्या करना चाहिए

  • ध्यान, साधना, आत्मचिंतन
  • पुराने कार्यों की समीक्षा
  • मानसिक शांति के लिए मंत्र जाप
  • नकारात्मक ऊर्जा से बचाव हेतु शनि या राहु मंत्र का जाप

यदि राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त एक साथ पड़ जाए तो क्या करें

अभिजीत मुहूर्त को दिन का सबसे शक्तिशाली और शुभ समय माना जाता है। यदि यह राहुकाल के साथ आ जाए, तो ज्योतिषाचार्यों की राय में अभिजीत मुहूर्त की शुभता राहुकाल की अशुभता को निष्क्रिय कर सकती है। ऐसे में अत्यंत आवश्यक कार्य अभिजीत मुहूर्त में किए जा सकते हैं, लेकिन सावधानी और मंत्र जाप के साथ।


आज का शुभ मुहूर्त

  • अभिजीत मुहूर्त: 11:58 बजे से 12:47 बजे तक
  • ब्रह्म मुहूर्त: 04:40 बजे से 05:28 बजे तक
  • विजय मुहूर्त: 02:21 बजे से 03:10 बजे तक
  • गोधूलि मुहूर्त: 06:28 बजे से 06:52 बजे तक
  • संध्या मुहूर्त: 06:28 बजे से 07:38 बजे तक
  • अमृत काल: 07:57 बजे से 09:26 बजे तक

आज का पंचांग (13 सितंबर 2025)

विवरणजानकारी
तिथिकृष्ण पक्ष षष्ठी (07:23 AM तक), सप्तमी (05:04 AM तक, 14 सितंबर)
वारशनिवार
नक्षत्रकृत्तिका (10:11 AM तक), रोहिणी उसके बाद
योगहर्षण (10:32 AM तक), वज्र उसके बाद
करणवणिज (07:23 AM तक), विष्टि (06:11 PM तक)
सूर्योदय06:16 AM
सूर्यास्त06:28 PM
चंद्रमा की स्थितिवृषभ राशि में संचार
दिशाशूलपूर्व दिशा में यात्रा से बचें

आज का धार्मिक महत्व

  • शनिवार का व्रत: शनि देव को समर्पित यह व्रत कर्म, न्याय और संयम का प्रतीक है।
  • सप्तमी श्राद्ध: जिन परिजनों की मृत्यु सप्तमी तिथि को हुई हो, उनके लिए आज श्राद्ध करना शुभ माना जाता है।
  • त्रिपुष्कर योग: सुबह 07:23 से 10:11 तक—इस योग में किए गए कार्य तीन गुना फल देते हैं।
  • अमृत सिद्धि योग और सर्वार्थ सिद्धि योग: 10:11 AM से अगले दिन 06:16 AM तक—सभी कार्यों में सफलता के योग।

निष्कर्ष

आज का दिन आध्यात्मिक साधना, आत्मचिंतन और पूर्व नियोजित कार्यों की समीक्षा के लिए उपयुक्त है। राहुकाल से बचते हुए शुभ मुहूर्तों में कार्य करना लाभकारी रहेगा। विशेष योगों का लाभ उठाकर आप अपने कार्यों को सफल बना सकते हैं।


Disclaimer (अस्वीकरण): यह समाचार रिपोर्ट www.the4thpillar.live द्वारा जनहित में प्रस्तुत की गई है। इसमें दी गई सभी जानकारी वैदिक पंचांग, ज्योतिषीय गणना और सार्वजनिक स्रोतों पर आधारित है। यह सामग्री केवल सूचना और मार्गदर्शन के उद्देश्य से तैयार की गई है। पाठकों को सलाह दी जाती है कि वे अपने व्यक्तिगत निर्णयों के लिए प्रमाणित ज्योतिषाचार्य से परामर्श लें। www.the4thpillar.live इस सामग्री की सटीकता या किसी प्रकार की जिम्मेदारी का दावा नहीं करता।

Richa Sahay

ऋचा सहाय — पत्रकारिता और न्याय जगत की एक सशक्त आवाज़, जिनका अनुभव दोनों क्षेत्रों में अद्वितीय है। वर्तमान में The 4th Pillar की वरिष्ठ समाचार संपादक के रूप में कार्यरत ऋचा सहाय दशकों से राजनीति, समाज, खेल, व्यापार और क्राइम जैसी विविध विषयों पर बेबाक, तथ्यपूर्ण और संवेदनशील लेखन के लिए जानी जाती हैं। उनकी लेखनी की सबसे खास बात है – जटिल मुद्दों को सरल, सुबोध भाषा में इस तरह प्रस्तुत करना कि पाठक हर पहलू को सहजता से समझ सकें।पत्रकारिता के साथ-साथ ऋचा सहाय एक प्रतिष्ठित वकील भी हैं। LLB और MA Political Science की डिग्री के साथ, उन्होंने क्राइम मामलों में गहरी न्यायिक समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण स्थापित किया है। उनके अनुभव की गहराई न केवल अदालतों की बहसों में दिखाई देती है, बल्कि पत्रकारिता में उनके दृष्टिकोण को भी प्रभावशाली बनाती है।दोनों क्षेत्रों में वर्षों की तपस्या और सेवा ने ऋचा सहाय को एक ऐसा व्यक्तित्व बना दिया है जो ज्ञान, निडरता और संवेदनशीलता का प्रेरक संगम है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button