Panchang: 09 सितंबर 2025 का पंचांग, जानिए आज का राहुकाल, शुभ मुहूर्त, धार्मिक महत्व और क्या करें-क्या न करें



Raipur – पितृ पक्ष की द्वितीया तिथि पर बन रहे हैं विशेष योग, जानिए आज के दिन शुभ कार्यों के लिए कौन-से समय हैं अनुकूल और राहुकाल में क्या सावधानी बरतनी चाहिए।


राहुकाल क्या होता है और क्यों होता है:

राहुकाल हिंदू ज्योतिष में एक ऐसा समय माना जाता है जिसमें कोई भी शुभ कार्य जैसे विवाह, नया व्यापार, यात्रा, गृह प्रवेश, पूजा आदि शुरू नहीं किया जाता। यह समय राहु ग्रह के प्रभाव में होता है, जिसे अशुभ और बाधा उत्पन्न करने वाला माना गया है। राहुकाल हर दिन अलग-अलग समय पर होता है और इसका निर्धारण सूर्योदय के समय से किया जाता है।

राहुकाल में शुभ कार्यों की शुरुआत से बचने की सलाह दी जाती है क्योंकि इस समय में किए गए कार्यों में विघ्न, देरी या असफलता की संभावना अधिक होती है। हालांकि, पहले से चल रहे कार्यों को जारी रखा जा सकता है।


आज 09 सितंबर 2025 का राहुकाल (प्रमुख शहरों के अनुसार):

शहरराहुकाल का समय
दिल्ली03:26 PM – 05:00 PM
मुंबई03:42 PM – 05:14 PM
लखनऊ03:11 PM – 04:45 PM
भोपाल03:24 PM – 04:57 PM
रायपुर03:20 PM – 04:55 PM

राहुकाल में क्या न करें:

  • नया व्यापार या निवेश शुरू न करें
  • विवाह या सगाई जैसे मांगलिक कार्य न करें
  • यात्रा की शुरुआत से बचें
  • पूजा-पाठ या धार्मिक अनुष्ठान प्रारंभ न करें
  • घर या दुकान का उद्घाटन न करें

राहुकाल में क्या कर सकते हैं:

  • पहले से चल रहे कार्यों को जारी रखा जा सकता है
  • चिंतन, आत्ममंथन, अध्ययन
  • राहु ग्रह की शांति के लिए मंत्र जाप या तर्पण
  • राहु से संबंधित उपाय जैसे नीले वस्त्र दान, काले तिल का प्रयोग

क्या राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त एक साथ पड़ जाए तो शुभ कार्य किए जा सकते हैं:

हां, यदि राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त एक साथ पड़ जाएं, तो ज्योतिषाचार्यों के अनुसार अभिजीत मुहूर्त की शक्ति राहुकाल के प्रभाव को निष्क्रिय कर सकती है। अभिजीत मुहूर्त को दिन का सबसे शक्तिशाली और शुभ समय माना जाता है। ऐसे में विशेष परिस्थितियों में शुभ कार्य किए जा सकते हैं, लेकिन व्यक्तिगत कुंडली और कार्य की प्रकृति के अनुसार सलाह लेना बेहतर होता है।


आज 09 सितंबर 2025 के शुभ मुहूर्त:

  • ब्रह्म मुहूर्त: 04:31 AM – 05:17 AM
  • अभिजीत मुहूर्त: 11:53 AM – 12:43 PM
  • विजय मुहूर्त: 02:23 PM – 03:13 PM
  • गोधूलि मुहूर्त: 06:33 PM – 06:56 PM
  • संध्या मुहूर्त: 06:33 PM – 07:42 PM
  • अमृत काल: 01:42 PM – 03:10 PM
  • सर्वार्थ सिद्धि योग: 06:03 AM – 06:07 PM

आज का पंचांग (09 सितंबर 2025):

  • तिथि: द्वितीया (06:28 PM तक), इसके बाद तृतीया
  • वार: मंगलवार
  • मास: आश्विन (कृष्ण पक्ष)
  • नक्षत्र: उत्तर भाद्रपद (06:07 PM तक), फिर रेवती
  • योग: गण्ड (11:59 PM तक)
  • सूर्योदय: 06:03 AM
  • सूर्यास्त: 06:33 PM
  • चंद्रोदय: 07:31 PM
  • चंद्रास्त: 07:28 AM
  • दिशाशूल: उत्तर दिशा (इस दिशा में यात्रा से बचें)

आज का धार्मिक महत्व:

आज पितृ पक्ष की द्वितीया तिथि है, जिसे दूज श्राद्ध कहा जाता है। जिनके पितरों का निधन द्वितीया तिथि को हुआ था, उनके लिए आज श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान करना अत्यंत फलदायी माना जाता है। साथ ही आज “अशून्य शयन व्रत” का योग भी है, जो वैवाहिक जीवन की सुख-समृद्धि के लिए किया जाता है। “सर्वार्थ सिद्धि योग” के कारण आज का दिन विशेष कार्यों की शुरुआत के लिए भी अनुकूल है, बशर्ते राहुकाल से बचा जाए।


डिस्क्लेमर:
यह समाचार रिपोर्ट www.the4thpillar.live द्वारा प्रस्तुत की गई है। इसमें दी गई ज्योतिषीय जानकारी सार्वजनिक स्रोतों और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है। पाठकों को सलाह दी जाती है कि किसी भी धार्मिक या ज्योतिषीय निर्णय से पूर्व व्यक्तिगत कुंडली और विशेषज्ञ सलाह अवश्य लें। www.the4thpillar.live इस जानकारी की पूर्णता या सटीकता की कानूनी जिम्मेदारी नहीं लेता है।

Richa Sahay

ऋचा सहाय — पत्रकारिता और न्याय जगत की एक सशक्त आवाज़, जिनका अनुभव दोनों क्षेत्रों में अद्वितीय है। वर्तमान में The 4th Pillar की वरिष्ठ समाचार संपादक के रूप में कार्यरत ऋचा सहाय दशकों से राजनीति, समाज, खेल, व्यापार और क्राइम जैसी विविध विषयों पर बेबाक, तथ्यपूर्ण और संवेदनशील लेखन के लिए जानी जाती हैं। उनकी लेखनी की सबसे खास बात है – जटिल मुद्दों को सरल, सुबोध भाषा में इस तरह प्रस्तुत करना कि पाठक हर पहलू को सहजता से समझ सकें।पत्रकारिता के साथ-साथ ऋचा सहाय एक प्रतिष्ठित वकील भी हैं। LLB और MA Political Science की डिग्री के साथ, उन्होंने क्राइम मामलों में गहरी न्यायिक समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण स्थापित किया है। उनके अनुभव की गहराई न केवल अदालतों की बहसों में दिखाई देती है, बल्कि पत्रकारिता में उनके दृष्टिकोण को भी प्रभावशाली बनाती है।दोनों क्षेत्रों में वर्षों की तपस्या और सेवा ने ऋचा सहाय को एक ऐसा व्यक्तित्व बना दिया है जो ज्ञान, निडरता और संवेदनशीलता का प्रेरक संगम है।

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