Panchang: शुभ कार्यों से पहले जानिए आज का राहुकाल, पंचांग और अभिजीत मुहूर्त: 5 सितंबर 2025 का धार्मिक महत्व और समय सारिणी

रायपुर | 05/09/2025 : हिंदू धर्म में समय का चयन किसी भी कार्य की सफलता और शुभता के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है। पंचांग के अनुसार दिन के कुछ विशेष काल अशुभ माने जाते हैं, जिनमें राहुकाल प्रमुख है। यह काल हर दिन अलग-अलग समय पर आता है और किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत के लिए वर्जित होता है।
राहुकाल क्या है और क्यों होता है
राहुकाल वह समय होता है जब राहु ग्रह की नकारात्मक ऊर्जा सक्रिय मानी जाती है। यह काल सूर्योदय के समय के आधार पर तय होता है और सप्ताह के प्रत्येक दिन इसका समय अलग होता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस समय में कोई भी नया कार्य शुरू करना अशुभ फलदायक हो सकता है।
राहुकाल में क्या न करें:
- नया व्यापार या निवेश शुरू न करें
- वाहन या संपत्ति की खरीदारी न करें
- विवाह, यज्ञ, गृह प्रवेश जैसे कार्य टालें
- यात्रा प्रारंभ न करें
राहुकाल में क्या कर सकते हैं:
- ध्यान, जप, साधना
- पूर्व नियोजित कार्यों की समीक्षा
- मानसिक शांति के लिए योग या प्रार्थना
आज का राहुकाल: शुक्रवार, 5 सितंबर 2025
दिन | राहुकाल का समय |
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शुक्रवार | 10:52 AM से 12:25 PM |
अभिजीत मुहूर्त और राहुकाल का संयोग
आज का अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12:00 PM से 12:50 PM तक है। यह काल अत्यंत शुभ माना जाता है और किसी भी कार्य के लिए उपयुक्त होता है। यदि राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त एक साथ पड़ जाएं, तो ज्योतिषाचार्य मानते हैं कि अभिजीत मुहूर्त की शुभता राहुकाल की अशुभता को निष्क्रिय कर सकती है, विशेषकर यदि कार्य अत्यंत आवश्यक हो। फिर भी, यदि विकल्प हो तो राहुकाल के बाद ही कार्य करना बेहतर होता है।
आज के अन्य शुभ मुहूर्त
मुहूर्त | समय |
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ब्रह्म मुहूर्त | 04:38 AM – 05:26 AM |
अमृत काल | 01:15 PM – 02:51 PM |
गोधूलि मुहूर्त | 06:01 PM – 06:38 PM |
विजय मुहूर्त | 02:10 AM – 03:03 AM |
प्रदोष काल | 06:31 PM – 07:41 PM |
आज का पंचांग: 5 सितंबर 2025
विवरण | जानकारी |
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तिथि | भाद्रपद शुक्ल पक्ष त्रयोदशी (03:13 AM तक), फिर चतुर्दशी |
वार | शुक्रवार |
नक्षत्र | श्रवण (11:38 PM तक), फिर धनिष्ठा |
योग | शोभन (1:52 PM तक), फिर अतिगण्ड |
चंद्रमा की स्थिति | मकर राशि |
सूर्योदय | 06:14 AM |
सूर्यास्त | 06:36 PM |
आज का धार्मिक महत्व
आज शुक्रवार का प्रदोष व्रत है, जो भगवान शिव की आराधना के लिए रखा जाता है। यह व्रत विशेष रूप से दांपत्य सुख, समृद्धि और सौभाग्य के लिए शुभ माना जाता है। शिव मंदिरों में आज विशेष पूजा, अभिषेक और आरती का आयोजन होगा।
साथ ही, दक्षिण भारत में आज ओणम पर्व भी मनाया जा रहा है, जो केरल की सांस्कृतिक विरासत और राजा महाबली की स्मृति का प्रतीक है। यह पर्व परिवार, समृद्धि और उत्सव का प्रतीक है।
डिस्क्लेमर: यह समाचार रिपोर्ट ज्योतिषीय गणनाओं और धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है। पाठकों से अनुरोध है कि किसी भी निर्णय से पूर्व व्यक्तिगत सलाह अवश्य लें। www.the4thpillar.live इस जानकारी की पूर्णता या सटीकता की पुष्टि नहीं करता है और यह केवल सूचना के उद्देश्य से प्रस्तुत की गई है।