
रायपुर । छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के बूढ़ा तालाब स्थित बलबीर सिंह जुनेजा इनडोर स्टेडियम में विशाल जनसमस्या समाधान शिविर का आयोजन किया गया। इस आयोजन में रायपुर के विभिन्न क्षेत्रों से आए हजारों नागरिकों ने अपनी समस्याओं को अधिकारियों के समक्ष रखा। शिविर के दौरान 15,000 से अधिक आवेदन प्राप्त हुए, जिन्हें समाधान के लिए विभिन्न विभागों को सौंपा गया।

विधायक पुरंदर मिश्रा की जनसेवा प्रतिबद्धता
रायपुर उत्तर के लोकप्रिय विधायक पुरंदर मिश्रा इस शिविर में विशेष रूप से उपस्थित रहे। उन्होंने जनता की समस्याओं को ध्यानपूर्वक सुना और आश्वस्त किया कि हर समस्या का शीघ्र समाधान किया जाएगा तथा किसी भी प्रकार से फंड की कमी आड़े नहीं आएगी।
विधायक मिश्रा ने कहा,“जनता का दुख-दर्द दूर करना मेरी पहली जिम्मेदारी है। शासन-प्रशासन के स्तर पर संसाधनों की कोई कमी नहीं आने दी जाएगी। हम पूरी प्रतिबद्धता के साथ जनसेवा में तत्पर हैं।”
समाधान प्रक्रिया और नागरिकों की भागीदारी
शिविर में आए नागरिकों से आग्रह किया गया कि वे निसंकोच अपनी शिकायतें और आवेदन प्रस्तुत करें। जिन नागरिकों ने पूर्व में आवेदन तैयार किए थे, उनकी जागरूकता को विधायक मिश्रा ने लोकतंत्र की शक्ति बताया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि प्रत्येक समस्या का उचित रिकॉर्ड बनाया जाए और त्वरित समाधान सुनिश्चित किया जाए।
ट्राइसाइकिल वितरण और सामाजिक सहयोग
शिविर के दौरान विकलांग नागरिकों को ट्राइसाइकिल वितरित की गई, जिससे उन्हें सीधा लाभ मिला। इसके अतिरिक्त, नागरिकों ने पानी, बिजली, पेंशन, स्वच्छता, सड़क, मकान, शिक्षा और स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं प्रस्तुत कीं।
नवजात शिशुओं का किया अन्नप्राशन
विधायक मिश्रा ने सुशासन तिहार समाधान शिविर में आए नवजात शिशुओं का अन्नप्राशन किया और बच्चों के स्वास्थ्य लाभ की ईश्वर से प्रार्थना करते हुए कहा कि बच्चे ही देश का भविष्य है । साथ ही महिलाओं को सुपोषित आहार वितरित किया।
प्रशासनिक और राजनीतिक सहभागिता
कार्यक्रम में रायपुर दक्षिण विधायक सुनील सोनी, नगर निगम महापौर मिलन चौबे, जोन अध्यक्ष मुरली शर्मा, रायपुर नगर निगम के कमिश्नर एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल रहे। सभी विभागों के कर्मचारियों, जनप्रतिनिधियों और समाजसेवियों ने जनसमस्याओं के समाधान में सक्रिय भागीदारी निभाई।
अंत में, मनोज वर्मा ने सभी नागरिकों, जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों को धन्यवाद दिया और कहा कि ऐसे शिविर जनता और प्रशासन के बीच संवाद का मजबूत माध्यम हैं।