रायपुर । भारतीय रेल ने विश्व पर्यावरण दिवस 2025 के अवसर पर प्लास्टिक प्रदूषण समाप्त करें थीम के तहत 22 मई से 5 जून तक एक विशेष अभियान चलाया। इस पंद्रह दिवसीय अभियान में 1200 रेलवे स्टेशनों और 740 से अधिक कार्यशालाओं पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए।
अभियान के दौरान 150 टन प्लास्टिक कचरे का सफल निपटान किया गया, साथ ही रेलवे अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने पर्यावरण संरक्षण की शपथ ली। पूरे अभियान के दौरान स्वच्छता, जल संरक्षण, प्लास्टिक उपयोग में कमी, और नुक्कड़ नाटकों के माध्यम से जागरूकता प्रसार किया गया।
5 जून को रेलवे बोर्ड में पर्यावरण संरक्षण संकल्प लिया गया, जिसमें बोर्ड सदस्य, ज़ोनल रेलवे के महाप्रबंधक, और अन्य अधिकारी शामिल हुए। इस अवसर पर रेलवे की वार्षिक पर्यावरण सततता रिपोर्ट भी जारी की गई।
भारतीय रेल ने 2025-26 के लिए 750 करोड़ रुपये की पर्यावरणीय योजना को स्वीकृति दी है। अब तक 98% ब्रॉड गेज मार्गों का विद्युतीकरण किया जा चुका है, जिससे रेलवे के कार्बन फुटप्रिंट में उल्लेखनीय कमी आई है।
रेलवे की सौर ऊर्जा क्षमता बढ़ाने के लिए 3512 स्टेशनों और सेवा भवनों पर सौर रूफटॉप लगाए गए हैं, जिनसे 227 मेगावाट विद्युत उत्पादन हो रहा है। इसके अलावा, सभी रेलवे परिसरों में 100% एलईडी लाइट्स लगाई गई हैं।
हाइड्रोजन ईंधन आधारित ट्रेनों के विकास, 9.7 करोड़ पौधारोपण, और यात्री कोचों में 100% बायो-टॉयलेट्स की स्थापना जैसी पहलें रेलवे के हरित भविष्य की दिशा में मील का पत्थर साबित हो रही हैं।
भारतीय रेल अपनी पर्यावरणीय जिम्मेदारी को पूरा करने के लिए हरित और स्वच्छ परिवहन प्रणाली विकसित करने की दिशा में निरंतर प्रयासरत है।