बाबा बागेश्वर धीरेन्द्र शास्त्री का बड़ा बयान, हिंदू को गुलामी की है आदत, अमीरी,गरीबी और जातिवाद सनातन की कमी

रायपुर में बाबा बागेश्वर ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने हिंदू धर्म पर बात की और सरकार से गौ अभयारण्य बनाने की मांग की



रायपुर । छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में बाबा बागेश्वर ने दिव्य दरबार लगाया. यहां उन्होंने बड़ा बयान देते हुए कहा कि हिंदू को अब भी गुलामी की आदत है, और अमीरी-गरीबी तथा जातिवाद सनातन की सबसे बड़ी कमजोरी है. शास्त्री ने गौमाता के संरक्षण के लिए राज्य सरकार को गौ अभयारण्य बनाने की सलाह दी, साथ ही कहा कि बुलडोज़र से नहीं, बल्कि एकता और जागरूकता से ही हिंदू राष्ट्र का निर्माण संभव है.

पांच दिनों के रायपुर दौरे पर पंडित धीरेंद्र शास्त्री

बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पांच दिनों तक छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में प्रवास करेंगे. रविवार को मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कई मुद्दों पर बेबाक राय रखी. जिन मुद्दों पर उन्होंने बात की उसमें हिंदू एकता, गौमाता की सुरक्षा, धर्मांतरण या राजनीति से दूरी की घोषणा सब शामिल है. शास्त्री ने कहा कि गुढ़ियारी वाले हनुमान ने बुलाया है, इसलिए हम आए हैं.

छत्तीसगढ़ मेरी आत्मा से जुड़ा प्रदेश है:

पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ हमारे जीवन में अभूतपूर्व है. यह भगवान श्रीराम का ननिहाल है, चंद्रखुरी माता कौशल्या की नगरी है. इसी भूमि से हमने हिंदू राष्ट्र की घोषणा की थी.उन्होंने बताया कि आगामी पांच दिन तक कथा का आयोजन होगा और आज दोपहर 12 से 2 बजे तक दिव्य दरबार भी लगेगा.

हिंदू को बार-बार क्यों जगाना पड़ता है: इस सवाल पर बाबा बागेश्वर ने कहा कि क्योंकि हिंदुओं को गुलाम रहने की आदत रही है. चाहे दक्ष रहे हों या बाबर, पुर्तगाली या अंग्रेज सबने भारत को गुलाम बनाया. भारतीय अहिंसा में विश्वास रखते हैं, इसलिए कहते हैं ‘जो करना है कर लो’, लेकिन अब समय विचारों की आवाज़ उठाने का है, तलवार की नहीं.

“सनातन में अमीरी-गरीबी और ऊंच-नीच सबसे बड़ी कमी”:

पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि आज अमीर और गरीब के बीच खाई बढ़ रही है. अमीर, गरीबों की मदद नहीं कर रहे. यह सनातन की सबसे बड़ी कमजोरी है. जातिवाद भी एक बड़ी समस्या है. इसी हीनभावना से लोग धर्म बदल लेते हैं. इसलिए हमारी लड़ाई ‘हिंदू हिंदू भाई-भाई’ के संदेश के साथ है, ताकि किसी को धर्मांतरण की जरूरत न पड़े.

गौमाता की मौत पर बोले शास्त्री “कानून नहीं, गो-अभयारण्य समाधान है”:

छत्तीसगढ़ में गायों की मौत पर चिंता जताते हुए पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि कानून बनाने से समाधान नहीं होगा. हर तहसील स्तर पर 5000 गायों का अभयारण्य बना दिया जाए तो समस्या खत्म हो जाएगी. इससे सड़कें भी खाली होंगी और गौमाता सुरक्षित भी रहेंगी.उन्होंने कहा कि अगर गायों की देखभाल नहीं होगी तो अपराध बढ़ेगा, क्योंकि अभयारण्य का अर्थ है उनकी स्वतंत्रता और सुरक्षा.

“बारिश भक्ति को नहीं रोक सकती”:

बारिश के बीच कथा के दौरान शास्त्री ने कहा कि भक्ति पर बारिश खलल नहीं डाल सकती. इंद्रदेव ने बाहर बरसात की, लेकिन कथा पंडाल के अंदर बालाजी की कृपा से कथा निर्बाध चलती रही.

“हिंदू राष्ट्र बुलडोजर से नहीं, विचारों से बनेगा”:

इस सवाल पर कि क्या बुलडोजर से हिंदू राष्ट्र बन सकता है, शास्त्री ने कहा कि बिलकुल नहीं, हिंदू राष्ट्र केवल विचार परिवर्तन से बनेगा. लेकिन अगर कोई हमारे घर तोड़ेगा तो कानून के तहत उसका भी घर टूटना चाहिए.

आरएसएस को शताब्दी वर्ष की शुभकामनाएं:

धीरेंद्र शास्त्री ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी वर्ष पर कहा कि संघ ने गांव-गांव, गली-गली में हिंदुत्व की विचारधारा फैलाने का कार्य किया है. डॉक्टर हेडगेवार की परंपरा ने पूरे देश में नई चेतना जगा दी है. सभी स्वयंसेवकों को शुभकामनाएं.

छत्तीसगढ़ में पदयात्रा का ऐलान:

पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने छत्तीसगढ़ में पदयात्रा का ऐलान किया. उन्होंने कहा कि हम पहले भी छत्तीसगढ़ की कथा में वचन दे चुके हैं और अब उसी वचन पर डटे हैं. जल्द ही छत्तीसगढ़ में पदयात्रा करेंगे.

हमें नहीं किसी राजनीतिक दल से मतलब: पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री,बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर

हमें किसी भी राजनीतिक दल से कोई मतलब नहीं है. हमारा मकसद केवल हिंदू, हिंदुत्व और हिंदुस्तान है.जो धर्मांतरित हो चुके हैं, वे बागेश्वर धाम के मंच से अपने धर्म में वापसी कर सकते हैं.5 से 8 अक्टूबर तक मंच खुला रहेगा.

नवंबर में फिर छत्तीसगढ़ आऊंगा:

पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने अंत मे कहा कि अगर गुरु की कृपा रही तो रायपुर में दो दिन का दिव्य दरबार लगाएंगे. सोमवार को दिव्य दरबार दोपहर 12 बजे से 2 बजे तक लगेगा और कथा 3.30 से 6.30 बजे तक होगी. छत्तीसगढ़ के लोग अभी से तैयारी शुरू कर दें, क्योंकि 7 से 16 नवंबर तक फिर कथा के लिए आ रहा हूं.

Richa Sahay

ऋचा सहाय — पत्रकारिता और न्याय जगत की एक सशक्त आवाज़, जिनका अनुभव दोनों क्षेत्रों में अद्वितीय है। वर्तमान में The 4th Pillar की वरिष्ठ समाचार संपादक के रूप में कार्यरत ऋचा सहाय दशकों से राजनीति, समाज, खेल, व्यापार और क्राइम जैसी विविध विषयों पर बेबाक, तथ्यपूर्ण और संवेदनशील लेखन के लिए जानी जाती हैं। उनकी लेखनी की सबसे खास बात है – जटिल मुद्दों को सरल, सुबोध भाषा में इस तरह प्रस्तुत करना कि पाठक हर पहलू को सहजता से समझ सकें।पत्रकारिता के साथ-साथ ऋचा सहाय एक प्रतिष्ठित वकील भी हैं। LLB और MA Political Science की डिग्री के साथ, उन्होंने क्राइम मामलों में गहरी न्यायिक समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण स्थापित किया है। उनके अनुभव की गहराई न केवल अदालतों की बहसों में दिखाई देती है, बल्कि पत्रकारिता में उनके दृष्टिकोण को भी प्रभावशाली बनाती है।दोनों क्षेत्रों में वर्षों की तपस्या और सेवा ने ऋचा सहाय को एक ऐसा व्यक्तित्व बना दिया है जो ज्ञान, निडरता और संवेदनशीलता का प्रेरक संगम है।

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