राहुकाल में न करें शुभ कार्य: जानिए 17 दिसंबर 2025 का पंचांग, राहुकाल, शुभ-अशुभ मुहूर्त और धार्मिक महत्व
बुधवार को प्रदोष व्रत का विशेष योग, जानें दिनभर के शुभ-अशुभ समय और राहुकाल में क्या करें और क्या नहीं।

रायपुर, 17 दिसंबर 2025 — हिंदू पंचांग में राहुकाल को अशुभ समय माना गया है। यह वह कालखंड होता है जब राहु ग्रह की नकारात्मक ऊर्जा सक्रिय मानी जाती है। इस समय में कोई भी नया या शुभ कार्य जैसे विवाह, यात्रा, नया व्यवसाय, संपत्ति क्रय आदि प्रारंभ नहीं करना चाहिए। मान्यता है कि इस समय किए गए कार्यों में बाधा आती है या वे निष्फल हो सकते हैं। राहुकाल हर दिन अलग-अलग समय पर होता है और यह लगभग डेढ़ घंटे का होता है।
आज का राहुकाल (बुधवार, 17 दिसंबर 2025):
आज बुधवार को राहुकाल का समय दोपहर 12:00 बजे से 1:30 बजे तक रहेगा। इस दौरान कोई भी शुभ कार्य प्रारंभ करने से बचना चाहिए।
राहुकाल में क्या न करें:
- विवाह, सगाई, गृह प्रवेश, नया व्यवसाय या यात्रा शुरू न करें।
- कोई बड़ा निर्णय या निवेश न करें।
- नए कार्यों की शुरुआत से बचें।
राहुकाल में क्या करें:
- मंत्र जाप, ध्यान, साधना, और आत्मचिंतन करें।
- पुराने कार्यों की समीक्षा करें।
- मानसिक शांति और संयम बनाए रखें।
राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त एक साथ पड़ने पर क्या करें
यदि राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त एक साथ पड़ जाएं, तो अभिजीत मुहूर्त की शुभता राहुकाल की अशुभता को निष्क्रिय कर सकती है, लेकिन फिर भी पारंपरिक मान्यता के अनुसार राहुकाल में शुभ कार्यों से बचना ही श्रेयस्कर माना गया है। यदि कार्य अत्यंत आवश्यक हो, तो योग्य पंडित से परामर्श लेकर निर्णय लें।
आज का शुभ मुहूर्त (17 दिसंबर 2025):
- अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 11:52 से 12:34 तक
- गोधूलि मुहूर्त: शाम 5:30 से 5:55 तक
- विवाह योग्य मुहूर्त: आज विवाह के लिए कोई विशेष मुहूर्त नहीं है
- चौघड़िया शुभ मुहूर्त: प्रातः 7:15 से 8:30 तक (लाभ), दोपहर 1:30 से 3:00 तक (अमृत)
आज का अशुभ मुहूर्त:
- राहुकाल: दोपहर 12:00 से 1:30 तक
- यमगंड: प्रातः 7:30 से 9:00 तक
- गुलिक काल: प्रातः 10:30 से 12:00 तक
आज का पंचांग (17 दिसंबर 2025):
- वार: बुधवार
- तिथि: त्रयोदशी (कृष्ण पक्ष) — रात्रि 10:12 बजे तक
- नक्षत्र: अनुराधा — रात्रि 8:45 बजे तक
- योग: वज्र — रात्रि 11:20 बजे तक
- करण: तैतिल — दोपहर 3:15 बजे तक, फिर गर करण प्रारंभ
- सूर्योदय: प्रातः 6:45 बजे
- सूर्यास्त: शाम 5:35 बजे
आज का धार्मिक महत्व
17 दिसंबर 2025 को पौष मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि है, जो प्रदोष व्रत के लिए अत्यंत शुभ मानी जाती है। यह व्रत भगवान शिव को समर्पित होता है और विशेष रूप से संध्या समय में शिव पूजन करने से पापों का नाश होता है और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। बुधवार का दिन भगवान गणेश को भी समर्पित होता है, अतः गणपति पूजन और गणेश मंत्रों का जाप विशेष फलदायी रहेगा।
डिस्क्लेमर: यह समाचार www.the4thpillar.live की संपादकीय टीम द्वारा पाठकों की धार्मिक और ज्योतिषीय जानकारी हेतु प्रस्तुत किया गया है। इसमें दी गई जानकारी विभिन्न पंचांग स्रोतों और ज्योतिषीय गणनाओं पर आधारित है। पाठकों से अनुरोध है कि किसी भी धार्मिक या व्यक्तिगत निर्णय से पूर्व प्रमाणित पंडित या विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।



