ऑपरेशन साइबर शील्ड: रायपुर पुलिस ने 2.83 करोड़ की डिजिटल ठगी का भंडाफोड़ किया, यूपी से 5 आरोपी गिरफ्तार
व्हाट्सएप वीडियो कॉल से मनी लॉन्ड्रिंग का झूठा आरोप,2.83 करोड़ की ठगी

रायपुर। डिजिटल ठगी की घटनाओं पर शिकंजा कसते हुए रायपुर पुलिस ने एक अंतर्राज्यीय ठग गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जो देशभर में करोड़ों की धोखाधड़ी को अंजाम दे चुका है। ऑपरेशन साइबर शील्ड के तहत रायपुर की साइबर यूनिट, एंटी क्राइम सेल और थाना विधानसभा की संयुक्त टीम ने उत्तर प्रदेश से पाँच आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
आरोपी व्हाट्सएप वीडियो कॉल के ज़रिए “डिजिटल अरेस्ट” का भय दिखाकर आम नागरिकों से करोड़ों की ठगी कर रहे थे। इस गिरोह ने आमासिवनी निवासी सोनिया हंसपाल को दिल्ली साइबर विंग का अधिकारी बताकर मनी लॉन्ड्रिंग की झूठी कहानी गढ़ी और 2.83 करोड़ की ठगी कर ली।
पुलिस ने तकनीकी विश्लेषण और बैंक ट्रांज़ैक्शन ट्रैक कर आरोपियों को गोरखपुर और लखनऊ में लोकेट किया। इसके बाद चार सदस्यीय टीम ने उत्तर प्रदेश पहुंचकर पाँचों आरोपियों को गिरफ्तार किया, जिनमें दो सिम प्रोवाइडर और तीन रकम को घुमाने वाली फर्जी कंपनियों के संचालक शामिल हैं।
अब तक आरोपियों की 40 से अधिक फर्जी कंपनियों की जानकारी मिल चुकी है। इनमें श्री नारायणी इंफ्रा डेवलपर, श्री गणेशा डेवलपर्स, अर्बन एज बिल्डकॉम, पावन धरा इंफ्रा, स्नो हाइट्स कंस्ट्रक्शन और आनंद ट्रेडर्स जैसी इकाइयों के नाम सामने आए हैं।
पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से मोबाइल फोन, सिम, बैंक दस्तावेज और चेक बुक ज़ब्त कर ₹43 लाख की ठगी रकम को होल्ड कराया है। फिलहाल अन्य फरार आरोपियों की तलाश जारी है, और आरोपियों की संपत्ति अटैच करने की तैयारी भी की जा रही है।
गिरफ्तार आरोपी:
- आकाश साहू (गोरखपुर)
- शेर बहादुर सिंह उर्फ मोनू (गोरखपुर)
- अनूप मिश्रा (लखनऊ)
- नवीन मिश्रा (लखनऊ)
- आनंद कुमार सिंह (देवरिया)
यह कार्रवाई रायपुर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक अमरेश मिश्रा और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. लाल उमेद सिंह के निर्देशन में की गई। रायपुर पुलिस ने स्पष्ट किया है कि साइबर ठगों के खिलाफ ऐसे अभियान आगे भी जारी रहेंगे।