नक्सलियों का पत्र असली है या नहीं सरकार बताये:दीपक बैज

रायपुर । प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने विभिन्न विषयों पर पत्रकारों से चर्चा करते हुये कहा कि नक्सलियों को शांति वार्ता प्रस्ताव का पत्र सही है या नहीं, गृह मंत्री को स्पष्ट करना चाहिये। अभी तक चार-पांच पत्र मीडिया के माध्यम से सामने आए। लेकिन सरकार की तरफ से इस मामले में कोई ठोस जानकारी नहीं आई। कहीं झूठी वाहवाही लेने के लिए सरकार ने ही तो पत्र प्रचारित नहीं करवाया है।

प्रदेश में बढ़ते अपराधों को लेकर मुख्यमंत्री निवास के घेराव के कार्यक्रम की जानकारी देते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि प्रदेश में बढ़ते अपराध और बिगड़ती कानून व्यवस्था तथा महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराधों की चिंता को लेकर प्रदेश की गूंगी, बहरी सरकार को जगाने कांग्रेस 21 अप्रैल को मुख्यमंत्री निवास का घेराव करेगी। प्रदेश भर के कांग्रेस जन राजधानी में एकत्रित होकर बढ़ते अपराधों के प्रति चिंता प्रकट करते हुए मुख्यमंत्री निवास का घेराव करेंगे।

राज्य में समर्थन मूल्य पर खरीदे गये धान में से 35 लाख मीट्रिक टन धान की खुले बाजार में नीलामी पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि अब डबल इंजन की सरकार की हकीकत सामने आ रही केंद्र सरकार राज्य का पूरा चावल नहीं खरीद रही है। राज्य सरकार को किसानों से खरीदे धान को खुले बाजार में बेचना पड़ रहा है। इस वर्ष राज्य सरकार ने 154 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी समर्थन मूल्य पर किया है। केंद्र की मोदी सरकार पूरे 154 लाख मीट्रिक टन से बनाये गये चावल को सेंट्रल पुल में नहीं खरीद रही है। अब राज्य सरकार 3100 रू. प्रतिक्विंटल में खरीदे गए धान को खुले बाजार में 1400 से 1500 रू. प्रतिक्विंटल में बेचेगी जिससे राज्य के खजाने का 6000 करोड़ रू. से अधिक का नुकसान होगा। यह है भाजपा के डबल इंजन की सरकार का नुकसान। धान की नीलामी में भी कमीशनखोरी की बू नजर आ रही है।

साय कैबिनेट द्वारा प्रतियोगी परीक्षा में इंटरव्यू में पहुंचने पर परीक्षार्थियों की फीस वापस करने के फैसले पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि यह युवाओं के साथ अन्याय है। कांग्रेस की सरकार के समय सभी प्रतियोगी परीक्षाओं को निःशुल्क कर दिया गया था। साय सरकार अब छात्रों से भर्ती का फार्म भरने पर शुल्क लेगी यह अन्याय है। जो छात्र इंटरव्यू में पहुंचेगा उन्हीं की फीस वापस होगी। गरीब छात्र कहां से फीस का पैसा लाएंगे? ऐसे में एससी, एसटी छात्र ,ग्रामीण तो फार्म भरने से डरेंगे।

Richa Sahay

ऋचा सहाय — पत्रकारिता और न्याय जगत की एक सशक्त आवाज़, जिनका अनुभव दोनों क्षेत्रों में अद्वितीय है। वर्तमान में The 4th Pillar की वरिष्ठ समाचार संपादक के रूप में कार्यरत ऋचा सहाय दशकों से राजनीति, समाज, खेल, व्यापार और क्राइम जैसी विविध विषयों पर बेबाक, तथ्यपूर्ण और संवेदनशील लेखन के लिए जानी जाती हैं। उनकी लेखनी की सबसे खास बात है – जटिल मुद्दों को सरल, सुबोध भाषा में इस तरह प्रस्तुत करना कि पाठक हर पहलू को सहजता से समझ सकें।पत्रकारिता के साथ-साथ ऋचा सहाय एक प्रतिष्ठित वकील भी हैं। LLB और MA Political Science की डिग्री के साथ, उन्होंने क्राइम मामलों में गहरी न्यायिक समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण स्थापित किया है। उनके अनुभव की गहराई न केवल अदालतों की बहसों में दिखाई देती है, बल्कि पत्रकारिता में उनके दृष्टिकोण को भी प्रभावशाली बनाती है।दोनों क्षेत्रों में वर्षों की तपस्या और सेवा ने ऋचा सहाय को एक ऐसा व्यक्तित्व बना दिया है जो ज्ञान, निडरता और संवेदनशीलता का प्रेरक संगम है।

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