वर्तमान विशेष पुलिस आयुक्त सत्येन्द्र गर्ग ने अपने कार्य अनुभवों को किया साझा,सड़क हादसों में कमी लाने दिए सुझाव

रायपुर । सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय नई दिल्ली द्वारा प्रायोजित कार्यशाला में एशियन विकास संस्थान द्वारा सड़क सुरक्षा एवं प्रवर्तन के विभिन्न पक्ष/विषयों पर यातायात पुलिस एवं परिवहन विभाग के अधिकारियों का 03 दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण, राजधानी रायपुर के रिंग रोड 01, कुशालपुर चौक, सुंदर नगर चौक स्थित होटल श्रीजी में अयोजित किया गया है। उक्त कार्यशाला में राज्य के विभिन्न जिलों से पुलिस एवं परिवहन विभाग के उप निरीक्षक, निरीक्षक एवं उप पुलिस अधीक्षक स्तर के 30 अधिकारी शामिल हुए।

कर्मशाला को प्रशिक्षण प्रदाय करने हेतु सत्येन्द्र गर्ग, पूर्व पुलिस महानिदेशक अंडमान एवं वर्तमान विशेष पुलिस आयुक्त नई दिल्ली, अनिल चिकारा, पूर्व परिवहन उपायुक्त नई दिल्ली एवं संदीप कुमार महाप्रबंधक नई दिल्ली (एआईटीडी) आए हुए है।

कार्यशाला का उद्घाटन व संबोधन उपरांत सत्येन्द्र गर्ग द्वारा जिला रायपुर के ब्लैक स्पॉट टाटीबंध चौक का संजय शर्मा, सहायक पुलिस महानिरीक्षक यातायात पुलिस मुख्यालय एवं सतीश ठाकुर उप पुलिस अधीक्षक यातायात एवं भुनेश्वर साहू निरीक्षक यातायात टाटीबंध की उपस्थिति में भ्रमण किया, सड़क हादसों के कारण को जाना और ओवर ब्रिज के नीचे प्रापर साइन बोर्ड लगाने, गति नियंत्रण हेतु रंबलर स्पीड ब्रेकर बनवाने, सीसीटीवी कैमरा से निगरानी करने एवं लोगों को जागरूक कर दुर्घटना को नियंत्रित करने उपाय सुझाए गए।

ब्लैक स्पॉट टाटीबंध चौक के भ्रमण उपरांत अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक यातायात कार्यालय के सभागार में यातायात के सभी अधिकारी, पेट्रोलिंग एवं क्रेन पेट्रोलिंग, हाइवे पेट्रोलिंग स्टाफ में कार्यरत 150 से अधिक यातायात बल का बैठक लिया गया । बैठक में सतीश ठाकुर ने रायपुर जिले में सड़क हादसों को कम करने के संबंध में किये जा रहे प्रयासों की जानकारी दी।

सत्येन्द्र गर्ग ने अपने उद्बोधन में कहा कि यातायात पुलिस की गिनती जीवन देने वालों में होती है। एक डॉक्टर होता है जिनको यह पता होता है कि वह किसकी जान बचा रहा है परंतु ट्राफिक पुलिस को यह नही पता होता कि वह अपने प्रयासों से किसकी जान बचा रहा है।

ट्राफिक पुलिस की लोगों का अप्रत्यक्ष रूप से जान बचाने मे महत्वपूर्ण भूमिका होती हैं। आपकी कार्यवाही लोगों के लिए काफी असरदार व प्रेरणादायक होती है। कार्यवाही के भय से ही सही पर लोग यातायात नियमों का पालन करने लगे और नियमों के पालन करने से सड़क हादसों में कमीं आती है तो समझ लें आपका प्रयास सफल हो गया।

जिला रायपुर में विगत वर्ष 2024 में 594 लोगों की मौत हो गई इन आंकड़ो को कम करने के लिए लक्ष्य निर्धारित कर कार्यवाही किये जाने की आवश्यकता है। सड़क दुर्घटना एक ऐसा आकस्मिक हादसा है जो किसके साथ कब हो जाए, कोई नही जानता चाहे वह अपने आप को कुशल ड्रायवर क्यों न समझता हो।

सड़क दुर्घटना सड़कों के इंफ्रास्ट्रक्चर में कमीं, साइन बोर्ड में कमीं, गलत जानकारी, वाहनों में मैकनिकल त्रुटि या वाहन चालकों की लापरवाही से वाहन चलाने इत्यादि कुछ भी कारणों से हो सकती है। सभी विभाग अपने-अपने क्षेत्र में कार्य कर रहे है पर सड़क दुर्घटनाओं को नियंत्रित करने के लिए सभी जिम्मेदार विभागों को समन्वित रूप से प्रयास करने की आवश्यकता है। शहर में बढ़ते वाहनों के दबाव को नियंत्रित करने एवं सड़क हादसों को नियंत्रित करने हेतु आवश्यकता के अनुरूप यातायात रायपुर में पुलिस बल नही है फिर भी हम अपने श्रम का अधिक से अधिक उपयोग कर एक लक्ष्य निर्धारित कर प्रयास करें तो निश्चित ही परिणाम देखने को मिलेगा।

हाइवे या शहर के आउटर में दोपहिया वाहनों में हेलमेट एवं सीट बेल्ट की अनिवार्यता होनी चाहिए। रिपोर्ट के आधार पर हेलमेट एवं सीट बेल्ट धारण करने से ही 40-50 प्रतिशत तक सड़क दुर्घटना में मौतों को कम किया जा सकता है। नशे का सेवन कर वाहन चलाने वाले के लिए 10000 रूपये जुर्माना या 06 माह की सजा या दोनों का प्रावधान है। जब तक किसी को सजा नही होगी तब तक लोगों में प्रभाव नही पड़ेगा। सजा दिलाये जाने के लिए न्यायालय स्तर में बातचीत कर पहल करना जरूरी है जिससे लोगों में यह संदेश जाएगा कि नशा कर वाहन चलाना खतरनाक है। यातायात नियमों के उल्लंघन के कारण होने वाले सड़क दुर्घटनाओं का सोशल मीडिया, प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रिॉनिक मीडिया इत्यादि से प्रचार प्रसार करें जिससे लोगों को यातायात नियमों की महत्ता समझ आए।

गर्ग ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि दिल्ली में एक वर्ष में 2300 मौतें सड़क दुर्घटना में हुई थी। नशे का सेवन कर वाहन चलाने वालों को जुर्माना और सजा देना प्रारंभ करने पर सड़क हादसों में कमीं आना शुरू हो गया। छोटे-छोटे खामियों के कारण होने वाले दुर्घटनाओं को रोकने के लिए निर्माण एजेंसी विभागों के पीछे पड़कर सुधरवाया गया जिसका परिणाम देखने को मिला। लगातार सड़क हादसों में मौते कम होती गयी और एक समय पर यह आंकड़ा 1300 में आ गया था। यह परिणाम सुखद था क्योंकि 2300 से 1300 में आने का मतलब हमारे प्रयास से 1000 लोगों का जान बच गया। इस प्रकार अपने प्रवर्तन कार्यवाही में भी ऐसे प्रयासों की आवश्यकता है जिससे लोगों में गहरा प्रभाव पड़े और वह नियमों का पालन हेतु बाध्य हो जाए।

उक्त कार्यक्रम के दौरान संजय शर्मा, अध्यक्ष अंतर्विभागीय लीड एजेंसी पुलिस मुख्यालय नवा रायपुर ने बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य में सड़क हादसों में मौतों को कम करने के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे है, विभागों से समन्वय स्थापित कर सुधार व निर्माण की कार्यवाही के साथ साथ प्रवर्तन कार्यवाही व यातायात जागरूकता अभियान भी नियमित रूप से चलाए जा रहे है। ब्लैक स्पॉटों पर सुधार, उपचारात्मक उपाय करने के साथ साथ सड़क सुरक्षा उपायों को भी निरंतर स्थापित कर रहे है।

Richa Sahay

ऋचा सहाय — पत्रकारिता और न्याय जगत की एक सशक्त आवाज़, जिनका अनुभव दोनों क्षेत्रों में अद्वितीय है। वर्तमान में The 4th Pillar की वरिष्ठ समाचार संपादक के रूप में कार्यरत ऋचा सहाय दशकों से राजनीति, समाज, खेल, व्यापार और क्राइम जैसी विविध विषयों पर बेबाक, तथ्यपूर्ण और संवेदनशील लेखन के लिए जानी जाती हैं। उनकी लेखनी की सबसे खास बात है – जटिल मुद्दों को सरल, सुबोध भाषा में इस तरह प्रस्तुत करना कि पाठक हर पहलू को सहजता से समझ सकें।पत्रकारिता के साथ-साथ ऋचा सहाय एक प्रतिष्ठित वकील भी हैं। LLB और MA Political Science की डिग्री के साथ, उन्होंने क्राइम मामलों में गहरी न्यायिक समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण स्थापित किया है। उनके अनुभव की गहराई न केवल अदालतों की बहसों में दिखाई देती है, बल्कि पत्रकारिता में उनके दृष्टिकोण को भी प्रभावशाली बनाती है।दोनों क्षेत्रों में वर्षों की तपस्या और सेवा ने ऋचा सहाय को एक ऐसा व्यक्तित्व बना दिया है जो ज्ञान, निडरता और संवेदनशीलता का प्रेरक संगम है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button