विधायक डॉ संपत अग्रवाल ने किया ‘आदि कर्मयोगी’ अभियान का शुभारंभ,कहा-जनजातीय योजनाओं को मिलेगा नया आयाम

'पीएम जनमन' और 'धरती आबा' योजनाओं के साथ जनजातीय समाज को मिलेगा समग्र लाभ : विधायक डॉ संपत अग्रवाल

बसना । जनजातीय सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल के तहत महासमुंद जिला पंचायत के सभाकक्ष में 1 से 3 सितंबर तक तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर का शुभारंभ बसना विधायक डॉ. संपत अग्रवाल ने मुख्य अतिथि के रूप में किया। यह शिविर भारत सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा संचालित “आदि कर्मयोगी” अभियान का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य जनजातीय बाहुल्य गांवों में सरकारी योजनाओं को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाना है।

अभियान का उद्देश्य और महत्व

विधायक डॉ. अग्रवाल ने अपने उद्घाटन भाषण में “आदि कर्मयोगी” अभियान को सेवा, संकल्प और समर्पण के मूल सिद्धांतों पर आधारित बताया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में यह अभियान एक राष्ट्रीय आंदोलन का रूप ले चुका है, जो “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास” के मंत्र को साकार करता है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस प्रशिक्षण से जनजातीय समुदायों को योजनाओं का वास्तविक लाभ मिलेगा और अधिकारियों को उनकी समस्याओं को समझने का अवसर प्राप्त होगा।

प्रशिक्षण और क्रियान्वयन की रणनीति

इस तीन दिवसीय शिविर में जिले के पांचों विकासखंडों से चुने गए 50 मास्टर ट्रेनर्स को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इन प्रशिक्षकों को राज्य, जिला और ब्लॉक स्तर पर “आदि कर्मयोगी” के रूप में तैयार किया जा रहा है।

जनजातीय विकास के लिए एक तीन-स्तरीय अभियान संरचना बनाई गई : विधायक डॉ संपत अग्रवाल

विधायक डॉ. संपत अग्रवाल ने जनजातीय विकास को सुदृढ़ करने के लिए एक सुव्यवस्थित तीन-स्तरीय अभियान संरचना की जानकारी दी। इस संरचना में सबसे पहले “आदि कर्मयोगी” शामिल हैं, जो योजनाओं के क्रियान्वयन में मार्गदर्शक की भूमिका निभाते हैं और प्रशासनिक स्तर पर समन्वय स्थापित करते हैं। दूसरे स्तर पर “आदि सहयोगी” आते हैं, जिनमें शिक्षक, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, चिकित्सक और युवा नेता शामिल हैं, जो ग्राम स्तर पर योजनाओं के प्रचार-प्रसार और लाभार्थियों तक पहुंच सुनिश्चित करते हैं। तीसरे स्तर पर “आदि साथी” होते हैं, जो वे लाभार्थी हैं जिन्हें योजनाओं का प्रत्यक्ष लाभ मिल रहा है और जो इस अभियान के वास्तविक प्रभाव को दर्शाते हैं।

प्रमुख योजनाएं और उपलब्धियां

अपने संबोधन में विधायक डॉ. अग्रवाल ने अभियान के अंतर्गत चल रही दो प्रमुख योजनाओं का उल्लेख किया। पहली योजना है प्रधानमंत्री जनजातीय न्याय महाभियान (पीएम जनमन), जिसके तहत विशेष पिछड़ी जनजाति कमार के 940 परिवारों को आधार कार्ड, आयुष्मान कार्ड, राशन कार्ड, बैंक खाता और जाति प्रमाणपत्र जैसी मूलभूत सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं, जिससे उनकी सामाजिक और आर्थिक पहचान सशक्त हो सके। दूसरी योजना है धरती आबा जनजातीय उत्कर्ष अभियान, जिसके माध्यम से जिले के 308 जनजातीय बाहुल्य गांवों में 17 मंत्रालयों की 25 योजनाओं का समन्वित लाभ सुनिश्चित किया जा रहा है। यह प्रयास जनजातीय समुदायों को समग्र विकास की दिशा में आगे बढ़ाने के लिए एक संगठित और प्रभावी पहल है।

जनजातीय सशक्तिकरण की दिशा में ऐतिहासिक पहल

विधायक डॉ. संपत अग्रवाल ने इस अभियान को जनजातीय सशक्तिकरण की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम बताया। उन्होंने जनसमुदाय से इस अभियान में सक्रिय भागीदारी का आह्वान करते हुए कहा कि मिलकर हम जनजातीय समाज को सशक्त, समृद्ध और आत्मनिर्भर बना सकते हैं।

उपस्थित गणमान्यजन

तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में जिला पंचायत सीईओ हेमंत नंदनवार, अपर कलेक्टर एवं नोडल अधिकारी सचिन भूतड़ा, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास शिल्पा साय सहित राज्य स्तरीय मास्टर ट्रेनर्स, जनजाति समुदाय के प्रतिनिधि, विकासखण्ड स्तरीय मास्टर ट्रेनर्स और स्वयं सेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि मौजूद रहे ।

Richa Sahay

ऋचा सहाय — पत्रकारिता और न्याय जगत की एक सशक्त आवाज़, जिनका अनुभव दोनों क्षेत्रों में अद्वितीय है। वर्तमान में The 4th Pillar की वरिष्ठ समाचार संपादक के रूप में कार्यरत ऋचा सहाय दशकों से राजनीति, समाज, खेल, व्यापार और क्राइम जैसी विविध विषयों पर बेबाक, तथ्यपूर्ण और संवेदनशील लेखन के लिए जानी जाती हैं। उनकी लेखनी की सबसे खास बात है – जटिल मुद्दों को सरल, सुबोध भाषा में इस तरह प्रस्तुत करना कि पाठक हर पहलू को सहजता से समझ सकें।पत्रकारिता के साथ-साथ ऋचा सहाय एक प्रतिष्ठित वकील भी हैं। LLB और MA Political Science की डिग्री के साथ, उन्होंने क्राइम मामलों में गहरी न्यायिक समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण स्थापित किया है। उनके अनुभव की गहराई न केवल अदालतों की बहसों में दिखाई देती है, बल्कि पत्रकारिता में उनके दृष्टिकोण को भी प्रभावशाली बनाती है।दोनों क्षेत्रों में वर्षों की तपस्या और सेवा ने ऋचा सहाय को एक ऐसा व्यक्तित्व बना दिया है जो ज्ञान, निडरता और संवेदनशीलता का प्रेरक संगम है।

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