रायपुर में बड़ा तनाव: छत्तीसगढ़ महतारी की मूर्ति तोड़फोड़ पर 1,000 क्रांति सेना कार्यकर्ता हाउस अरेस्ट, विवादित बयानों से गरमाई राजनीति

छत्तीसगढ़ महतारी की मूर्ति तोड़ने की घटना के विरोध में जोहार छत्तीसगढ़ पार्टी ने प्रदेश बंद का आह्वान किया है। इस दौरान, छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के अध्यक्ष अमित बघेल सहित 1,000 से अधिक कार्यकर्ताओं को रायपुर में हाउस अरेस्ट कर लिया गया है, क्योंकि वे दुकानें बंद कराने निकले थे।



रायपुर, 31 अक्टूबर, 2025: छत्तीसगढ़ में छत्तीसगढ़ महतारी की प्रतिमा को नुकसान पहुँचाने की घटना के बाद राज्य का राजनीतिक और सामाजिक माहौल बेहद तनावपूर्ण हो गया है। इस घटना के विरोध में जोहार छत्तीसगढ़ पार्टी ने आज प्रदेश बंद का आह्वान किया है।
प्रदेश बंद को सफल बनाने के लिए निकले छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के करीब 1,000 से अधिक कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों पर पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। आज सुबह रायपुर में चंद्राकर हॉस्टल, महादेव घाट रोड पर बड़ी संख्या में जमा हुए क्रांति सेना के कार्यकर्ताओं को हाउस अरेस्ट कर लिया गया है। पुलिस ने हॉस्टल के मुख्य दरवाजे पर ताला लगा दिया है, जिससे कोई भी प्रदर्शनकारी बाहर न निकल सके। हॉस्टल के भीतर अमित बघेल सहित सभी प्रमुख पदाधिकारी मौजूद हैं और कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे हैं।

विरोध के बावजूद बंद बेअसर, चेंबर ऑफ कॉमर्स ने नहीं दिया समर्थन

जोहार छत्तीसगढ़ पार्टी के बंद के आह्वान को चेंबर ऑफ कॉमर्स ने अपना समर्थन नहीं दिया है। यही वजह है कि राजधानी रायपुर समेत प्रदेश के अधिकतर हिस्सों में दुकानें और व्यावसायिक प्रतिष्ठान सामान्य रूप से खुले हुए हैं, जिससे बंद का व्यापक असर देखने को नहीं मिला है।

जोहार छत्तीसगढ़ पार्टी ने इस घटना को केवल तोड़फोड़ नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ की आस्था और अस्मिता पर हमला बताया है। पार्टी ने सभी व्यापारियों, सामाजिक संगठनों और राजनीतिक दलों से एकजुटता दिखाने की अपील की है। पार्टी ने यह भी स्पष्ट किया है कि बंद शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक तरीके से किया जाएगा, जिसका उद्देश्य जनता की आवाज़ को राज्य और केंद्र सरकार तक पहुँचाना है।

विवाद की शुरुआत: छत्तीसगढ़ महतारी और आपत्तिजनक टिप्पणी

यह पूरा विवाद 26 अक्टूबर को शुरू हुआ, जब छत्तीसगढ़ के VIP चौक पर लगी छत्तीसगढ़ महतारी की प्रतिमा को एक मानसिक रूप से बीमार युवक ने तोड़ दिया। इस घटना के बाद छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया।

अगले ही दिन, विरोध प्रदर्शन के दौरान छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के अध्यक्ष अमित बघेल ने विवादित बयान देते हुए महाराजा अग्रसेन और पंडित दीनदयाल उपाध्याय जैसे महापुरुषों पर आपत्तिजनक टिप्पणियां की। उन्होंने पूछा कि कौन है अग्रसेन महाराज? चोर है या झूठा है? और पाकिस्तानी सिंधी जैसे शब्दों का प्रयोग करते हुए सिंधी समाज की भावनाओं को आहत किया। इस आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद बघेल के खिलाफ अग्रवाल समाज और सिंधी समाज भड़क उठे। रायपुर, रायगढ़ और सरगुजा समेत कई जिलों में उनके खिलाफ FIR दर्ज की गई है।

सतनामी समाज के गुरु पर अपशब्द, सिंधी समाज का युवक गिरफ्तार

अमित बघेल की टिप्पणी के बाद उपजे सामाजिक तनाव के बीच एक और घटना ने आग में घी डालने का काम किया। 29 अक्टूबर की रात रायगढ़ जिले के चक्रधर नगर में रहने वाले विजय राजपूत नामक सिंधी समाज के एक युवक ने शराब के नशे में बाबा गुरु घासीदास (सतनामी समाज के पूज्य गुरु) के बारे में आपत्तिजनक बातें कहीं और इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया।

वीडियो वायरल होते ही सतनामी समाज के लोगों ने भारी विरोध प्रदर्शन किया और पुलिस से कड़ी कार्रवाई की मांग की।

  • तत्काल कार्रवाई: मंत्री ओपी चौधरी के निर्देश पर पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए आरोपी विजय राजपूत को गिरफ्तार कर लिया है।
  • समाज का बहिष्कार: वहीं, सिंधी समाज ने भी इस घटना की निंदा करते हुए आरोपी युवक को समाज से बहिष्कृत कर दिया है।
  • FIR और धाराएं: पुलिस ने सतनामी समाज के अजय कुमार भारद्वाज की शिकायत पर आरोपी विजय राजपूत के खिलाफ धारा 296, 299, 302, 352 (भूलवश उल्लेखित), भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 3(5) और SC/ST एक्ट की धारा 3(2)(क) के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

अग्रवाल समाज ने भी इस अवसर पर बयान देते हुए कहा है कि छत्तीसगढ़ के शांत वातावरण को अशांत करने वाले किसी भी व्यक्ति को सहन नहीं किया जाएगा और अनुचित बयान देने वालों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।

Richa Sahay

ऋचा सहाय — पत्रकारिता और न्याय जगत की एक सशक्त आवाज़, जिनका अनुभव दोनों क्षेत्रों में अद्वितीय है। वर्तमान में The 4th Pillar की वरिष्ठ समाचार संपादक के रूप में कार्यरत ऋचा सहाय दशकों से राजनीति, समाज, खेल, व्यापार और क्राइम जैसी विविध विषयों पर बेबाक, तथ्यपूर्ण और संवेदनशील लेखन के लिए जानी जाती हैं। उनकी लेखनी की सबसे खास बात है – जटिल मुद्दों को सरल, सुबोध भाषा में इस तरह प्रस्तुत करना कि पाठक हर पहलू को सहजता से समझ सकें।पत्रकारिता के साथ-साथ ऋचा सहाय एक प्रतिष्ठित वकील भी हैं। LLB और MA Political Science की डिग्री के साथ, उन्होंने क्राइम मामलों में गहरी न्यायिक समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण स्थापित किया है। उनके अनुभव की गहराई न केवल अदालतों की बहसों में दिखाई देती है, बल्कि पत्रकारिता में उनके दृष्टिकोण को भी प्रभावशाली बनाती है।दोनों क्षेत्रों में वर्षों की तपस्या और सेवा ने ऋचा सहाय को एक ऐसा व्यक्तित्व बना दिया है जो ज्ञान, निडरता और संवेदनशीलता का प्रेरक संगम है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button