शराब प्रेमियों के लिए अच्छी खबर,छत्तीसगढ़ में खुलेंगे 67 नए शराब दुकान

रायपुर । शराब के शौकिनों के लिए राहत भरी खबर आई है। प्रदेश सरकार ने नई शराब दुकान खोलने की अनुमति दे दी है। साय कैबिनेट में नई शराब नीति पर मुहर लगने के बाद प्रदेश में 10 प्रतिशत और दुकानें खोलने पर मंजूरी मिली है। छत्तीसगढ़ में विष्णुदेव सरकार 1 अप्रैल से नई आबकारी नीति 2025-26 लागू करने जा रही है।

नई आबकारी नीति के तहत शराब विक्रय सहित कई अन्य चीजों में बदलाव देखने को मिलेगा। वहीं, नई आबकारी नीति के तहत प्रदेश में 67 नए शराब दुकान खुलेंगे। 67 नए दुकानों के साथ प्रदेश में शराब दुकानों की कुल संख्या अब 741 हो जाएगी।

नए दुकान खुलने के बाद छत्तीसगढ़ सरकार को साढ़े 12 हजार करोड़ अनुमानित राजस्व प्राप्त होगा। नई 67 दुकानें खुलने से दुकानों की संख्या बढ़कर 741 हो जाएगी. यह दुकानें सीमावर्ती इलाके और 30 किमी के दायरे के बीच दुकान नहीं होने की स्थिति में खोलने का निर्णय लिया गया है. वर्तमान में राज्य में 674 देशी-विदेशी शराब की दुकानें हैं. इसके अलावा बड़े मॉल या शॉपिंग कॉम्प्लेक्स में प्रीमियम शॉप अलग से संचालित हो रही है. राज्य सरकार ने नए वित्तीय वर्ष में एक भी शराब दुकान बंद नहीं करने का फैसला लिया है।

मिली जानकारी के अनुसार आबकारी नीति 2025-26 के तहत अब प्रीमियम शॉप्स के संचालन का फैसला लिया गया है। साथ ही देसी शराब में मिलावट रोकने के लिए सीलबंद पेटी में सप्लाई करने किया जाएगा और बोतलों में बारकोड भी लगाया जाएगा।

इसके साथ ही खबर ये भी आ रही है कि शराब दुकानों को एक जिले से दूसरे जिले में ट्रांसफर किया जा सकेगा। हालांकि अभी इसकी अधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है।

Richa Sahay

ऋचा सहाय — पत्रकारिता और न्याय जगत की एक सशक्त आवाज़, जिनका अनुभव दोनों क्षेत्रों में अद्वितीय है। वर्तमान में The 4th Pillar की वरिष्ठ समाचार संपादक के रूप में कार्यरत ऋचा सहाय दशकों से राजनीति, समाज, खेल, व्यापार और क्राइम जैसी विविध विषयों पर बेबाक, तथ्यपूर्ण और संवेदनशील लेखन के लिए जानी जाती हैं। उनकी लेखनी की सबसे खास बात है – जटिल मुद्दों को सरल, सुबोध भाषा में इस तरह प्रस्तुत करना कि पाठक हर पहलू को सहजता से समझ सकें।पत्रकारिता के साथ-साथ ऋचा सहाय एक प्रतिष्ठित वकील भी हैं। LLB और MA Political Science की डिग्री के साथ, उन्होंने क्राइम मामलों में गहरी न्यायिक समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण स्थापित किया है। उनके अनुभव की गहराई न केवल अदालतों की बहसों में दिखाई देती है, बल्कि पत्रकारिता में उनके दृष्टिकोण को भी प्रभावशाली बनाती है।दोनों क्षेत्रों में वर्षों की तपस्या और सेवा ने ऋचा सहाय को एक ऐसा व्यक्तित्व बना दिया है जो ज्ञान, निडरता और संवेदनशीलता का प्रेरक संगम है।

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