स्वास्थ्य सेवा और जीवन बीमा सेवाओं पर GST से लबालब हुआ सरकारी खजाना,16,000 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई

स्वास्थ्य सेवा और जीवन बीमा सेवाओं पर लगाए गए व जीएसटी ने सरकार का खजाना भर दिया है. सरकारी खजाना में इन सेवाओं पर लगाए गए वस्तु और सेवा कर (GST) से 16,000 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व मिला है. कुल मिलाकर, वित्त वर्ष 23-2024 में स्वास्थ्य सेवा और जीवन बीमा सेवाओं से जीएसटी के रूप में 16,398 करोड़ रुपये तक की पूंजी कमाई गई. इसमें जीवन बीमा से 8,135 करोड़ रुपये और स्वास्थ्य बीमा से 8,263 करोड़ रुपये जुटाएं गए.

वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने सोमवार को लोकसभा में यह जानकारी देते हुए कहा कि पिछले वित्त वर्ष में जीवन और स्वास्थ्य बीमा पर पुनर्बीमा (री-इंश्योरेंस) से 2,045 करोड़ रुपये भी जीएसटी के रूप में जुटाए गए. इसमें भी जीवन पर पुनर्बीमा से 561 करोड़ तो वहीं स्वास्थ्य सेवा पर 1,484 करोड़ रुपये की कमाई हुई.

पिछले वित्त वर्ष 2022-23 में इन सेवाओं पर GST से 16,770 करोड़ की कमाई हुई थी. इस दौरान जीवन बीमा से 9,132 करोड़ और स्वास्थ्य बीमा से 7,638 करोड़ रुपये जुटाए गए थे.

वित्त राज्य मंत्री ने बताया कि मौजूदा समय में स्वास्थ्य बीमा सेवाओं पर 18 फीसदी की दर से GST लागू है. हालांकि, कुछ विशिष्ट स्वास्थ्य बीमा योजनाएं जैसे राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना (RSBY), यूनिवर्सल हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम, जन आरोग्य बीमा पॉलिसी और निरमाया स्वास्थ्य बीमा योजना पर कोई जीएसटी चार्ज नहीं लगाया गया है. ये योजनाएं विशेष रूप से आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों और दिव्यांगों की जरूरतों को पूरा करती है.

GST परिषद (काउंसिल) ने जीवन और स्वास्थ्य बीमा पर GST में छूट या कमी के मुद्दे को हल करने के लिए 9 सितंबर 2024 को अपनी 54वीं बैठक में एक मंत्रियों का समूह (GoM) गठित करने के लिए कहा है. यह GoM बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी की अध्यक्षता में गठित किया गया. इस समूह की पहली बैठक 19 अक्टूबर 2024 को नई दिल्ली में हुई थी. इस बैठक में इन नीतियों पर विस्तार से चर्चा की गई थी. मंत्री ने बताया कि मंत्रियों की सहमति मिलने के बाद इसे जीएसटी परिषद के सामने रखा जाएगा. वहीं परिषद की अगली बैठक 21 दिसंबर 2024 को जैसलमेर में होगी. इस दौरान जीएसटी में छूट की सिफारिश पर चर्चा हो सकती है.

चौधरी ने यह भी कहा कि GST लागू होने से पहले सेवा कर (Service Tax) के तहत भी स्वास्थ्य और जीवन बीमा सेवाओं पर समान दर से कर लगाया जाता था और विशिष्ट योजनाओं के लिए छूट दी जाती थी.

अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि GST काउंसिल भविष्य में स्वास्थ्य और जीवन बीमा सेवाओं पर कर संरचना में कोई बदलाव करती है या नहीं.

Richa Sahay

ऋचा सहाय — पत्रकारिता और न्याय जगत की एक सशक्त आवाज़, जिनका अनुभव दोनों क्षेत्रों में अद्वितीय है। वर्तमान में The 4th Pillar की वरिष्ठ समाचार संपादक के रूप में कार्यरत ऋचा सहाय दशकों से राजनीति, समाज, खेल, व्यापार और क्राइम जैसी विविध विषयों पर बेबाक, तथ्यपूर्ण और संवेदनशील लेखन के लिए जानी जाती हैं। उनकी लेखनी की सबसे खास बात है – जटिल मुद्दों को सरल, सुबोध भाषा में इस तरह प्रस्तुत करना कि पाठक हर पहलू को सहजता से समझ सकें।पत्रकारिता के साथ-साथ ऋचा सहाय एक प्रतिष्ठित वकील भी हैं। LLB और MA Political Science की डिग्री के साथ, उन्होंने क्राइम मामलों में गहरी न्यायिक समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण स्थापित किया है। उनके अनुभव की गहराई न केवल अदालतों की बहसों में दिखाई देती है, बल्कि पत्रकारिता में उनके दृष्टिकोण को भी प्रभावशाली बनाती है।दोनों क्षेत्रों में वर्षों की तपस्या और सेवा ने ऋचा सहाय को एक ऐसा व्यक्तित्व बना दिया है जो ज्ञान, निडरता और संवेदनशीलता का प्रेरक संगम है।

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