अब रूस बनाएगा भारत में अपनी ट्रेनें, जान‍िए क्‍या होगा फायदा

जापान की बुलेट ट्रेन तकनीक के आधार पर मुंबई से अहमदाबाद के बीच बुलेट ट्रेन चलाने की तैयार‍ियां चल रही हैं. अब तक भले ही आपके द‍िमाग में यह हो क‍ि भले मेट्रो और बुलेट ट्रेन के कोच को भारत में दूसरे देशों से आयात क‍िया जाता है. लेक‍िन अब यह धीरे-धीरे गुजरे द‍िनों की बात होने वाली है. जी हां, अब वह द‍िन दूर नहीं जब भारत में बनी ट्रेनें रूस में सरपट दौड़ेंगी. इसके ल‍िए रूस भारत में ट्रेन और उनके कल-पुर्जों को तैयार करने के ल‍िए इनवेस्‍टमेंट करने का प्‍लान कर रहा है. इसके पीछे रूस का प्‍लान अपनी घरेलू जरूरतों को पूरा करने का है. टाइम्‍स ऑफ‍ इंड‍िया से बातचीत में रेल मंत्रालय के एक सीन‍ियर अधिकारी ने इस बारे में जानकारी दी. पिछले हफ्ते रूसी रेलवे प्रमुख TMH ने इस प्रोजेक्‍ट को लेकर इंटरेस्‍ट जताया था. भारत में रेलवे सेक्‍टर में रूसी निवेश पर एक प्रश्‍न के जवाब में अधिकारी ने बताया, ‘उनकी घरेलू जरूरत बहुत बड़ी हैं और इसके लिए वे भारत में मैन्‍युफैक्‍चर‍िंग सुविधाएं शुरू करना चाहते हैं. वे इस सप्‍लाई को देश से प्राप्त करना चाहते हैं.’

TMH के सीईओ किरिल लीपा ने मॉस्को में कंपनी के हेड ऑफ‍िस में भारतीय पत्रकारों के एक ग्रुप को बताया, ‘भारत में वर्तमान ब्याज दर अन्य देशों से बहुत अलग है. इसलिए, हम भारत में निवेश करना चाहते हैं और इसके ल‍िए पूरी तरह तैयार हैं. हम भारत में कई सुविधाओं को विकसित करना चाहते हैं. हमें लगता है कि उनमें से कुछ की रूसी मार्केट में भी सप्‍लाई की जा सकेगी.

लीपा ने बताया क‍ि रूस के पास मौजूदा समय में भारत से कई सप्‍लाई कॉन्‍ट्रैक्‍ट हैं. उन्होंने कहा, ‘हमारे भारत के सप्‍लायर के साथ अच्छे र‍िलेशन हैं. इसका मतलब यह हुआ क‍ि हम भारत से रूस में ट्रेनों के आयात को बढ़ा सकते हैं.’ TMH, Kinet Railway Solutions का प्रमुख स्‍टेकहोल्‍डर है, ज‍िसने भारतीय रेलवे के साथ करीब 55,000 करोड़ रुपये का कॉन्‍ट्रैक्‍ट क‍िया है. इसमें 1,920 वंदे भारत स्लीपर कोच का प्रोडक्‍शन और 35 साल तक उनकी मेंटीनेंस शामिल है. लीपा ने कहा कि वे वंदे भारत प्रोजेक्‍ट के ल‍िए ‘रूस से कोई सप्‍लाई हास‍िल करने की तलाश नहीं कर रहे हैं.’

उन्‍होंने बताया हमें भारत या दूसरे देशों में कुछ सप्‍लायर मिले हैं जो भारत और रूस के बीच संबंधों के लिए काम करने के इच्‍छुक हैं. उन्होंने दावा करते हुए कहा कि मौजूदा प्रतिबंधों का प्रोजेक्‍ट पर क‍िसी तरह का असर नहीं पड़ेगा. रूस की तरफ से ट्रेन मैन्‍युफैक्‍चर‍िंंग क‍िये जाने से देश में व‍िदेशी न‍िवेश को बढ़ावा म‍िलेगा. इससे देश में नौकर‍ियों के मौके बढ़ेंगे और युवाओं को ज्‍यादा से ज्‍यादा रोजगार म‍िलेंगे.

Richa Sahay

ऋचा सहाय — पत्रकारिता और न्याय जगत की एक सशक्त आवाज़, जिनका अनुभव दोनों क्षेत्रों में अद्वितीय है। वर्तमान में The 4th Pillar की वरिष्ठ समाचार संपादक के रूप में कार्यरत ऋचा सहाय दशकों से राजनीति, समाज, खेल, व्यापार और क्राइम जैसी विविध विषयों पर बेबाक, तथ्यपूर्ण और संवेदनशील लेखन के लिए जानी जाती हैं। उनकी लेखनी की सबसे खास बात है – जटिल मुद्दों को सरल, सुबोध भाषा में इस तरह प्रस्तुत करना कि पाठक हर पहलू को सहजता से समझ सकें।पत्रकारिता के साथ-साथ ऋचा सहाय एक प्रतिष्ठित वकील भी हैं। LLB और MA Political Science की डिग्री के साथ, उन्होंने क्राइम मामलों में गहरी न्यायिक समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण स्थापित किया है। उनके अनुभव की गहराई न केवल अदालतों की बहसों में दिखाई देती है, बल्कि पत्रकारिता में उनके दृष्टिकोण को भी प्रभावशाली बनाती है।दोनों क्षेत्रों में वर्षों की तपस्या और सेवा ने ऋचा सहाय को एक ऐसा व्यक्तित्व बना दिया है जो ज्ञान, निडरता और संवेदनशीलता का प्रेरक संगम है।

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