भारत में बियर पीने का ट्रेंड तेजी से बढ़ रहा है. साथ ही बियर की वैरायटी भी लगातार बढ़ रही है. हमारे देश भारत में तकरीबन 100 से ज्यादा तरह की बियर बनाई जाती है, लेकिन आपने अक्सर देखा होगा कि बियर की बोतलें अलग-अलग रंगों में नहीं आती, बल्कि यह बोतलें ज्यादातर ग्रीन या ब्राउन कलर की होती हैं. क्या आपने कभी सोचा है कि बियर की बोतलें ज्यादातर ग्रीन या ब्राउन कलर में ही क्यों आती हैं? आपको यह जानकर हैरानी होगी कि ये रंग सूरज की रोशनी से लड़ने का काम रहते हैं. जिससे बियर का टेस्ट और ताजगी बना रहता है.
क्या आप जानते हैं 19वीं सदी से बियर को कांच की बोतलों में भरा जा रहा है? क्योंकि क्योंकि कांच को बियर को ताजा रखने के लिए एक बेहतरीन सामग्री माना है. हालांकि, ब्रुअर्स ने जल्द ही महसूस किया कि प्लेन कांच की बोतलें बियर को स्टोर करने के लिए परफेक्ट नहीं है. प्लेन बोतलों में रखी बियर, जब रोशनी के संपर्क में आती है, तो उसका स्वाद बिगड़ने लगता है.
ब्रुअरीज इस घटना को ‘लाइटस्ट्रक’ कहते हैं, जो तब होता है जब यूवी (Ultra Violet Rays) किरणें बीयर में प्रवेश करती हैं और इसके तत्वों, विशेष रूप से हॉप्स के साथ प्रतिक्रिया करती हैं. हॉप्स में आइसोह्युमुलोन्स होते हैं, जो यूवी लाइट के संपर्क में आने पर बदबूदार गंध छोड़ने लगते हैं.
ब्राउन या भूरी बोतलें हानिकारक यूवी किरणों को बियर में प्रवेश करने से रोकती है. इसके अलावा बोतल के माध्यम से किसी भी रोशनी को गुजरने से रोककर, ये बीयर में मौजूद संवेदनशील यौगिकों को रासायनिक प्रतिक्रियाओं से बचाती हैं. अगर ऐसा हुआ तो फिर बियर का टेस्ट बिगड़ने लगेगा. जबकि ब्राउन बोतलें बियर के स्वाद की शुद्धता सुनिश्चित करती हैं.