“किताबों के पन्ने पलट के सोचते हैं,
यूं पलट जाए जिंदगी तो क्या बात है,
तमन्ना जो पूरी हो ख्वाबों में,
हकीकत बन जाए तो क्या बात है,
कुछ लोग मतलब के लिए ढूंढते हैं मुझे,
बिन मतलब कोई आए तो क्या बात है,
कत्ल कर के तो सब ले जाएंगे दिल मेरा,
कोई बातों से ले जाए तो क्या बात है,
जिंदगी रहने तक तो खुशी देंगे सबको,
किसी को हमारी मौत पर खुशी मिल जाए तो क्या बात है ।।”
“ऋचा सहाय”
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