टोक्यो: भारत के लिए टोक्यो ओलंपिक में बॉक्सर लवलीना बोर्गोहेन ने ब्रॉन्ज मेडल जीता है. लवलीना बोर्गोहेन के पास इतिहास रचने का मौका था, लेकिन महिला 69 किलो वर्ग के सेमीफाइनल मैच में उन्हें वर्ल्ड चैम्पियन तुर्की की मुक्केबाज बुसानेज सुरमेनेली के हाथों हार का सामना करना पड़ा.
इतिहास रचने से चूकीं बॉक्सर लवलीना
भारत की महिला बॉक्सर लवलीना बोर्गोहेन इतिहास रचने से चूक गईं. लवलीना अगर ये मुकाबला जीत लेतीं, तो वह ओलंपिक में सिल्वर मेडल पक्का कर लेतीं और फिर गोल्ड मेडल के लिए मुकाबला लड़तीं. ऐसा करने वाली वह पहली भारतीय बॉक्सर होतीं.
टोक्यो ओलंपिक में यह भारत का तीसरा मेडल
टोक्यो ओलंपिक खेलों में यह भारत का तीसरा मेडल है. भारत के लिए टोक्यो ओलंपिक खेलों में इससे पहले वेट लिफ्टिंग में मीराबाई चानू ने सिल्वर मेडल जबकि बैडमिंटन में पीवी सिंधू ने ब्रॉन्ज मेडल जीता था. लवलीना का मेडल पिछले नौ वर्षों में भारत का ओलंपिक मुक्केबाजी में पहला मेडल है.
Well fought @LovlinaBorgohai! Her success in the boxing ring inspires several Indians. Her tenacity and determination are admirable. Congratulations to her on winning the Bronze. Best wishes for her future endeavours. #Tokyo2020
— Narendra Modi (@narendramodi) August 4, 2021
Lovlina, you gave your best punch !🥊
India 🇮🇳 is extremely proud of what you have achieved !
You’ve achieved a 🥉 medal in your first Olympics; the journey has just begun!
Well done @LovlinaBorgohai !#Boxing #Olympics #Tokyo2020 #Cheer4India pic.twitter.com/kIW7qkeze5
— Anurag Thakur (@ianuragthakur) August 4, 2021
#IND's Lovlina Borgohain wins India's THIRD medal at #Tokyo2020 – and it's a #Bronze in the women's #Boxing welterweight category! #StrongerTogether | #UnitedByEmotion | #Olympics pic.twitter.com/wcX69n3YEe
— Olympic Khel (@OlympicKhel) August 4, 2021
लवलीना को 0-5 से हार मिली
लवलीना को तुर्की की दिग्गज मुक्केबाज के हाथों 0-5 से शिकस्त मिली. लवलीना तीनों ही राउंड 0-5 से हारीं. इस हार के साथ लवलीना के सफर का अंत हो गया है. लवलीना को ब्रॉन्ज मेडल से संतोष करना होगा. लवलीना ने सुरमेनेली को कई अच्छे पंच भी मारे, लेकिन तुर्की की इस दिग्गज मुक्केबाज के पास लवलीना की हार पंच का जवाब था.
कैसे टूटा लवलीना का सपना?
लवलीना ओलंपिक मुक्केबाजी प्रतियोगिता फाइनल में जगह बनाने वाली पहली भारतीय मुक्केबाज बनने के लिए चुनौती पेश कर रही थी, लेकिन वर्ल्ड चैम्पियन बुसेनाज ने उनका सपना तोड़ दिया. भारतीय मुक्केबाज के पास तुर्की की खिलाड़ी के दमदार मुक्कों और तेजी का कोई जवाब नहीं था. इस बीच हड़बड़ाहट में भी लवलीना ने गलतियां कीं.
विजेंदर-मेरी कॉम के बराबर पहुंचीं लवलीना
असम की 23 वर्षीय लवलीना ने विजेंदर सिंह (बीजिंग 2008) और एमसी मेरी कॉम (लंदन 2012) की बराबरी की. विजेंदर और मेरी कॉम दोनों ने ब्रॉन्ज मेडल जीते थे. तुर्की की मुक्केबाज 2019 चैंपियनशिप में विजेता रही थी जबकि उस प्रतियोगिता में लवलीना को ब्रॉन्ज मेडल मिला था. तब इन दोनों के बीच मुकाबला नहीं हुआ था.